आगरा(ब्यूरो)। Agra News: फुटकर में जहां 15 दिन पहले 100 रुपए किलो अदरक बिक रहा था, वहीं अब अदरक के दाम 200-250 रुपए किलो हो गए हैं, जबकि लहसुन के दामों में भी इजाफा हुआ है। सब्जी के फुटकर विक्रेता सुरेश कुशवाह ने बताया कि अभी 15 दिन पहले 200 रुपए का 5 किलो लहसुन थोक मंडी बिक रहा था, लेकिन आज थोक मंडी में लहसुन 350 रुपए का पांच किलो मिला है।
सबसे अधिक बढ़े अदरक के रेट
ऐसे में ग्राहक को 80 रुपए किलो लहसुन बेचना पड़ रहा है। सब्जी मंडी व्यापारी नरेंद्र के अनुसार इस समय लोकल का अदरक मंडी में नहीं आ रहा है। इस समय इंदौर से अदरक की गाड़ी आ रही है। वहां से अदरक 140-150 रुपए किलो थोक में मंडी भेजा जा रहा है। उन्होंने ने बताया कि इस समय शादियों का सीजन चल रहा है, अचानक अदरक लहसुन के रेटों में बढ़ोत्तरी हो रही है।
अदरक, लहसुन पेस्ट की बढ़ी डिमांड
अदरक के दामों में इजाफा होने से अदरक और लहसुन के पेस्ट की बिक्री में इजाफा दिख रहा है। अदरक और लहसुन के पेस्ट का पाउच 10 रुपए में आसानी से मिल जाता है। किराना व्यापारी सोनू बघेल ने बताया कि इन दिनों सबसे अधिक बिक्री अदरक के पाउच की है। अदरक के दामों में इजाफा होने के बाद इसकी मांग अचानक बढ़ी है।
टमाटर और धनिया भी हुआ महंगा
शादियों का सीजन 29 जून तक रहेगा, इसके बाद सभी मंगल कार्यों बंद हो जाएंगे लेकिन इससे पहले सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, टमाटर 60 रुपए किलो तो धनिया सौ रुपए किलो बिक रहा है, ऐसे में सब्जी खरीदने वाले ग्राहक असमंजस में हैं कि वे क्या खरीदें या उन सब्जियों के स्थान पर क्या विकल्प रखें।
सब्जियों के दाम पर एक नजर,
सब्जी - पहले- अब
अदरक 100, 250
लहसुन 40, 80-90
अरबी 35, 60-70
बैंगन 15, 25-35
करेला 30, 40-50
नींबू 80, 100-110
प्याज 10, 20-25
टमाटर 25, 35-40
(नोट- सभी दाम फुटकर में प्रतिकिलो ग्राम के अनुसार हैं.)
सब्जी की दुकानों से अदरक गायब है, मंहगा होने के कारण सब्जी बेचने वाला भी ठेल-धकेल पर अदरक नहीं ला रहा है।
-आशा देवी, ग्राहक
चाय के लिए अदरक खरीदने घर से निकला था लेकिन मार्केट में नहीं है। 25 रुपए की सौ ग्राम का रेट बता रहे हैं।
अनुप, ग्राहक
सब्जी विके्रता
जब तक शादियों को सीजन चलेगा तब तक रेट कम नहीं होंगे, लोग सब्जी खरीदने मेें भी सोच रहे हैं।
दीपक, विक्रेता
सब्जी खरीदने और बेचने के लिए अब सोचना पड़ रहा है, मंडी में थोक विक्रेता पहले से ही मंहगी सब्जी ला रहे हैं।
नारायण, विक्रेता
सब्जी देखकर मंडी से लानी पड़ रही है। जो सस्ती है और लोगों की पहुंच तक आसान है, वहीं सब्जी लेकर ला रहे हैं।
सोनू, विक्रेता