आगरा(ब्यूरो)। बांग्लादेश में रहने वाला हालिम बारह साल पहले भारत आया था। इसके बाद उसने अपने साथियों को भी बुला लिया। वहीं अपनी पत्नी और बच्चों को भी वीजा पर भारत बुला लिया, वह अपने परिवार के साथ कैलाश मोड़ पर किराए पर रहता है। हालिम हाईवे स्थित एक नर्सिंग होम में 18 हजार रुपए में सफाई का कार्य करता था।
हवाला के जरिए भेजता है मोटी रकम
डीसीपी विकास कुमार ने बताया कि हालिम के दस्तावेज चेक किए गए हैं, पूछताछ में उसका बैंक अकाउंट भी पाया गया है। इस बात की भी पुष्टी की गई है कि वो हवाला के जरिए मोटी रकम बांग्लादेश भेजता था, रकम का अभी निश्चित आंकलन नहीं किया गया है। खुफिया एजेंसी इसकी जांच कर रही है कि एक मामूली सफाईकर्मी किस तरह बैंक अकाउंट को हैंडल कर रहा था, वो रकम जो बांग्लादेश भेजी जाती थी, वो हालिम को कहां से मिलती थी या फिर कहां से वह उसे ट्रांसफर करता था।
वैध तरीके से आया था भारत
पुलिस ने बताया कि हालिम की पत्नी और बच्चे के अलावा दो और लोगों के पास से पासपोर्ट और वीजा मिला है। वे वैध तरीके से भारत में आए थे, इसलिए उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है। हालिम की पत्नी के आगमन के बाद ही खुफिया एजेंसी हरकत में आई थीं। डीसीपी विकास कुमार ने बताया कि चार बच्चों समेत 32 बांग्लादेशियों को पकड़ा गया है। सात साल से कम उम्र वालों को बाल संप्रेक्षण गृह भेजा गया है।
सईदउल गाजी के नक्शे कदम पर हालिम
पुलिस ने रुनकता के पास खाली प्लाट में बांग्लादेशियों को पांच साल पहले अरेस्ट किया था। जिसमें सईदउल गाजी को गिरफ्तार किया था। उसने अपना पक्का मकान बना लिया था। दो प्लॉट खरीद लिए थे, कबाड़ का बड़ा काम करने लगा था। खुद की दो गाडिय़ां भी थीं। हालिम भी उसके नक्शे कदम पर चल रहा था। वह चोरी छिपे सेक्टर 14 स्थित अवैध बस्ती में जाता था, हालिम ने बताया कि जहां बांग्लादेशियों ने झुग्गी झोंपड़ी बना रखी है। वह जगह विवादित है। एक व्यक्ति से उन्होंने किराए पर ले रखी है। जिसका वो एक हजार रुपया महीना पे करते थे।
हालिम से पूछताछ की गई है, उसका बैंक अकाउंट भी है। इस बात की भी पुष्टि की गई है कि वो हवाला के जरिए एक मोटी रकम बांग्लादेश भेजता था। मामले की जांच की जा रही है। ताजनगरी में 200 से अधिक बांग्लादेशियों पर शिकंजा कसा जा रहा है।
विकास कुमार, डीसीपी