आगरा (ब्यूरो)। पर्याप्त सुविधा के अभाव में यात्री वाहन कहीं भी रुक जाते हैं और दुर्घटना का कारण बनते हैं। एक्सप्रेस-वे पर जनसुविधाओं को बढ़ाया जाए।

सैकड़ों लोगों ने गंवाई जान
आगरा डेवलपमेंट फाउंडेशन के सचिव अधिवक्ता केसी जैन ने बुधवार को विज्ञान भवन, दिल्ली में प्रमुख सचिव परिवहन एल। वेंकटेश्वरलु के समक्ष यह मांग उठाई। जैन ने कहा कि उप्र एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के आंकड़ों के अनुसार आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर अगस्त, 2017 से मार्च, 2018 तक आठ माह में 858 दुर्घटनाओं में 100 लोगों और अप्रैल, 2018 से मार्च, 2019 तक 1515 दुर्घटनाओं में 127 लोगों की मृत्यु हुई।

इंश्योरेंस कवर की उठाई मांग
अधिवक्ता जैन ने प्रत्येक दुर्घटना का तकनीकी विश्लेषण कराने और रेल, हवाई जहाज व सरकारी बस यात्रा के समान एक्सप्रेसवे व हाईवे पर टोल लेकर चलने वाले यात्रियों के इंश्योरेंस कवर की मांग उठाई। रात में होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए रात एक से सुबह चार बजे तक वाहनों के आवागमन को रोकने और कैमरों की संख्या 10 से बढ़ाकर 20 करने की मांग की। जैन ने मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र को भी इस संबंध में पत्र भेजा है।


हादसों में लाई जाएगी कमी
प्रमुख सचिव परिवहन एल। वेंकटेश्वरलू ने कहा कि प्रदेश सरकार सड़क हादसों में 50 प्रतिशत कमी लाने को संकल्पित है। हादसों में कमी के लिए जो सुझाव प्राप्त होंगे, उन्हें कार्यान्वित किया जाएगा। वहीं, अपर परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा पीएस सत्यार्थी ने कहा कि केवल बड़े सड़क हदसों की ही तकनीकी जांच होती है। प्रत्येक हादसे के तकनीकी परीक्षण की सुविधा नहीं है। इस पर विचार किया जाएगा।


अगस्त, 2017 से मार्च, 2018

हादसे
858

मौतें
100

अप्रैल2018- मार्च 2019

हादसे
1515
मौतें
127