सीएम नहीं शिवाजी का सिपाही बनकर आया हूं

महाराष्ट्र सीएम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैं मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, शिवाजी महाराज के एक मावले (मराठे) सिपाही के रूप में आया हूं। उन्होंने कहा कि वीर शिवाजी वैभव पेशावर से पंजावर, महाराष्ट्र से आगरा सहित पूरे देश में फैला हुआ है। आगरा किला में औरंगजेब ने वीर शिवाजी को झुकाने का प्रयास किया था, लेकिन शिवाजी झुके नहीं थे, बल्कि सकुशल अपने स्वराज में पहुंच गए थे। शिवाजी कुशल संगठक व प्रशासक थे। शिवाजी ने स्थापत्य, इंजीनियरिंग, जल सेना सभी क्षेत्रों में काम किया था। उनके पास दैवीय शक्ति थी। आजादी के बाद पहली बार आगरा किला में छत्रपति शिवाजी की जयंती मनाई जा रही है। यह हमारे लिए सबसे रोमांचक और गर्व के क्षण हैैं।
जनता के सेवक थे शिवाजी
महाराष्ट्र सीएम ने कहा कि शिवाजी ने औरंगजेब की बड़ी फौज के सामने भी सिर नहीं झुकाया था। उन्होंने दिल्ली के तख्त को भी हिला दिया था। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी को राजा नहीं बनना था, वह जनता की सेवा करना चाहते थे। वह अन्य योद्धाओं से अलग थे। वह पहले ऐसे योद्धा थे जिन्होंने देश को आजाद करने का सोचा। वह 500 साल के मुस्लिम शासन के बाद पहले हिंदू राजा बने। जब वह गए तो हमारे लिए इतना बड़ा साम्राज्य छोड़ गए। उन्होंने इतने बड़े गढ़ किले दिए। महाराष्ट्र सरकार ने शिवाजी के सभी किलों को संरक्षित करने का संकल्प लिया है। अगली बार और हर बार हम शिवाजी महाराज की जयंती यहीं मनाएंगे। जय हिंद जय महाराष्ट्र। अपने भाषण को समाप्त करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ सहित एएसआई और आगरा के लोगों को धन्यवाद दिया।
-----------------
राष्ट्रीय एकता को प्रेरणा देता आयोजन
योगी सरकार के आग्रह पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती को शिव जयंती उत्सव के रूप में मनाया गया। जयंती महोत्सव में चीफ गेस्ट के रूप में आमंत्रित उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ डिजिटल माध्यम से जुड़े। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के जयंती अवसर पर देशभर से पधारे लोगों को वीडियो के माध्यम से संबोधित भी किया। सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता को सुदृढ़ करने वाले ऐसे प्रेरणास्पद आयोजन, आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को जीवंत बनाते हैं। उन्होंने आगरा किले में मौजूद सभी लोगों को छत्रपति शिवाजी महाराज की 393 वीं जयंती की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस दौरान शिवाजी महाराज की जीवनी पर आधारित कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रंगारंग प्रस्तुतियां पेश की गई।

हुआ नाट्य मंचन
छत्रपति शिवाजी की जयंती पर नाट्य मंचन के जरिए शिवाजी की शौर्यगाथा को दिखाया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में सबसे पहले महाराष्ट्र के मशहूर मराठा गायक नितिन सरकाटे, वैशाली माडे और हंसराज ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इसके बाद महाराष्ट्र गीत प्रस्तुत किया गया। राजा बधे द्वारा लिखे गए और शाहीर साबले के नाम से लोकप्रिय बालादीर कृष्णराव साबले द्वारा इस गीत को गाया गया। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने इसे राज्य गीत के रूप में मान्यता दी है। इसके बाद पुणे से आए महाराजा शंभू छत्रपति प्रोडक्शन के कलाकारों द्वारा पालना गीत प्रस्तुत किया गया। पालना गीत के माध्यम से शिवाजी महाराज का जन्मोत्सव प्रस्तुत किया गया।

सैैंड आर्ट से प्रस्तुत की जीवनी
वहीं इंडियाज गॉट टैलेंट आर्टिस्ट सर्वम पटेल ने सैंड आर्ट से छत्रपति शिवाजी महाराज की मनमोहक जीवनी को प्रस्तुत की। जिसकी लोगों ने खूब सराहना की। गायक नितिन सरकाटे और वैशाली माडे ने आगरा गीत प्रस्तुत किया गया। शिव जयंती करने हम, सब आगरा आए हैंशिव बा के बावड़े हम, जल जोश में करते हैं। गाना प्रस्तुत किया। इसके बाद महाराजा शंभू छत्रपति प्रोडक्शन पुणे के 70 कलाकारों द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित नाट्य रूपांतरण को प्रस्तुत किया गया। इस नाटक में छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंग को प्रस्तुत किया गया। नाटक के लेखक, निर्देशक और निर्माता महेंद्र वसंतराव महादिक द्वारा प्रस्तुत किए गए। इस नाटक में छत्रपति शिवाजी महाराज के रूप में शांतनु मोघे, औरंगजेब के रूप में डॉ। गिरीश ओक, मिर्झाराजे जयसिंह के रूप में अमित देशमुख ने अपनी अभिनय कला का प्रदर्शन किया।
-----------------
कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय राज्य मंत्री पंचायती राज कपिल मोरेश्वर पाटिल, केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्य मंत्री प्रो। एसपी सिंह बघेल, केंद्रीय रेलवे, यूपी सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, कोयला व खनन राज्य मंत्री राव साहिब पाटिल, महाराष्ट्र सरकार में उद्यान मंत्री सांदीपन भूमरे ने दीप प्रज्ज्वलित कर और छत्रपति शिवाजी महाराज के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के मुख्य आयोजक देवगिरि प्रतिष्ठान ने सभी अतिथियों का माल्यार्पण व साफा बांध कर स्वागत किया।


यह हमारे लिए गर्व के क्षण हैैं। जहां पर शिवाजी का अपमान हुआ वहीं उनका शौर्यगान हो रहा है। मैं मुख्यमंत्री के रूप में नहीं, शिवाजी महाराज के एक मावले (मराठे) सिपाही के रूप में आया हूं। आजादी के इतने सालों के बाद पहली बार यहां शिवाजी की जयंती का आयोजन हुआ। हर बार शिवाजी महाराज की जयंती यहीं मनाएंगे।
- एकनाथ शिंदे, सीएम, महाराष्ट्र

एक कुशल शासक, रणनीति, अदम्य साहस एवं पराक्रम के साथ गुलामी के उस कालखंड में छत्रपति शिवाजी महाराज ने हिंदवी पद पादशाही की स्थापना की थी। राष्ट्रीय एकता और अखंडता को सुदृढ़ करने वाले ऐसे प्रेरणास्पद आयोजन, आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को जीवंत बनाते हैं।
- योगी आदित्यनाथ, सीएम, यूपी