आगरा(ब्यूरो)। आयोजन प्रेसिडेंट और सीनियर न्यूरोसर्जन डॉ। आरसी मिश्रा और एम्स में न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रो। दीपक गुप्ता ने बताया कि अगर किसी के ब्रेन की नस बंद हो गई है तो उस मरीज को तीन से चार घंटे में हॉस्पिटल पहुंचना जरूरी है। हमारे पास क्लॉट डिजॉल्विंग इंजेक्शन होता है, जिसे लगाने पर जल्द ठीक होने की संभावना होती है। भारत में समस्या यह है कि स्ट्रोक के बाद 99 फीसद मरीज चार घंटे में हॉस्पिटल पहुंचते ही नहीं हैं। आम तौर पर वह हॉस्पिटल पहुंचने में 24 घंटे लगा देते हैं। उससे पहले फालिज का देसी इलाज कराने लगते हैं। इस कारण मरीज को ज्यादा लॉस हो जाता है।

कम हो रही उम्र
आयोजन सचिव और वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ। अरविंद कुमार अग्रवाल ने बताया कि पहले ब्रेन स्ट्रोक 60 की उम्र के बाद होता था फिर 50 की और अब 40 के बाद ही लोगों को शिकार बना रहा है। उन्होंने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक के मामले अब युवा पीढ़ी में ज्यादा देखने को मिल रहे हैैं। यह एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है जिसमें ब्रेन में अचानक अटैक होता है। हमारे मस्तिष्क को खून की आपूर्ति करने वाली नसों के फटने या ब्लॉकेज आ जाने की वजह से ऐसा होता है। जबलपुर के डॉ। वाईआर यादव ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक हमारे दिमाग के कुछ हिस्से को क्षतिग्रस्त कर सकता है या फिर इसके अधिक तीव्र होने पर विकलांगता या मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए इसके लक्षणों को पहचानना सबसे ज्यादा जरूरी हो जाता है ताकि समय पर इसका इलाज कराया जा सके। वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ। आलोक गुप्ता और डॉ। अरुण सिंह ने भी ब्रेन स्ट्रोक के इलाज पर महत्वपूर्ण जानकारी दी।

लक्षण आएं तो हो जाएं सचेत
डॉ। मिश्रा ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण आम तौर पर एक-दो मिनट में ठीक हो जाते हैं। हम सोचते हैं कि कोई नस दब गई होगी। अगर हम इसे पकड़ लें तो आने वाली बड़ी समस्या से बच सकते हैं। अगर डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, कॉलेस्ट्रॉल की समस्या है तो उसे कंट्रोल रखें।


ऐसे पहचानें लक्षणों को
-जुबान लडख़ड़ा रही हो
- बोलने में दिक्कत हो रही हो
- कुछ देर के लिए देखने में दिक्कत आ रही हो
- चलने में लडख़ड़ाहट हो रही हो
- हाथ-पैर में कमजोरी या झुनझुनाहट आना
-अचानक सिर में तेज दर्द होना
- रोशनी में देखने में दिक्कत होना
- शब्दों को भूना, अटकना, शब्दों का चुनाव न कर पाना ,कुछ समय के लिए दृष्टि बाधित होना।


जन जागरण गोष्ठी में शहर के आमजन शामिल हुए। उन्हें ब्रेन स्ट्रोक को लेकर जागरुक किया गया। इससे बचाव और इसके होने पर जल्द से जल्द हॉस्पिटल पहुंचने के बारे में बताया गया। आमजन के सवालों के भी जवाब दिए गए।
- डॉ। आरसी मिश्रा, सीनियर न्यूरोसर्जन

एपिलेप्सी के दौरान मरीज को कब तक दवाई खिलाई जाए, इस बारे में एक्सपट्र्स से पूछा। डॉ। मिश्रा द्वारा इसका जवाब मिल गया।
- अनिल सारस्वत

ब्रेन डेड होने पर अंगदान के बारे में जानकारी के लिए एम्स के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रो। दीपक गुप्ता से सवाल पूछा, उन्होंने इसको लेकर जानकारी दी।
- मुकेश जैन

खर्राटे लेने का न्यूरो की समस्या से संबंध होने की बात को लेकर हमने एक्सपर्ट से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बखूबी जानकारी दी।
- डॉ। राजकुमार उपाध्याय

न्यूरोलॉजिकल सोसायटी द्वारा आयोजित गोष्ठी में काफी महत्वपूर्ण जानकारी दी गईं। बढ़ते ब्रेन स्ट्रोक के दौर में सभी लोगों के पास यह जानकारी होना जरूरी है।
- देवेंद्र कटारा