आगरा(ब्यूरो)। शहर में हवा में प्रदूषित तत्वों की मात्रा बढ़ रही है। एक्यूआई (एयर क्वॉलिटी इंडेक्स) का स्तर बढऩे से लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं होने लगी हैैं। आम लोगों को आंखों में जलन, पानी आना, एलर्जी के कारण छींक आना, जुकाम होने जैसी समस्या हो रही है। वहीं दूसरी ओर जो लोग पहले से सांस रोग के मरीज हैैं। उनके लिए तो काफी मुश्किल समय आ गया है। उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करने की नौबत आ रही है।

रोजाना मरीज वार्ड में एडमिट हो रहे हैैं

एसएन मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। संतोष कुमार ने बताया कि हवा में कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइ ऑक्साइड जैसे प्रदूषक तत्व बढऩे, पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे कणों की संख्या हवा में बढऩे से ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी है। इसके साथ ही जिन क्षेत्रों में एक्यूआई का स्तर ज्यादा खराब है उन क्षेत्रों से रोजाना मरीज वार्ड में एडमिट हो रहे हैैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को 14 मरीज एडमिट हुए थे। मंगलवार को 7 मरीज एडमिट हुए और बुधवार को भी छह मरीज एडमिट हुए हैैं।


सांस की नली में एलर्जी हो जाती है
टीबी एंड चेस्ट वार्ड के सहायक आचार्य डॉ। सचिन कुमार गुप्ता ने बताया कि हवा में प्रदूषक तत्व बढऩे और मौसम में बदलाव होने से युवा और बुजुर्ग दोनों ही ओपीडी में आ रहे हैैं। उन्होंने बताया कि प्रदूषक तत्व के संपर्क में आने से सांस की नली में एलर्जी हो जाती है। इसके साथ ही सर्दी के मौसम सांस की नली सिकुड़ जाती है। इसलिए यदि आप पहले से सांस, अस्थमा या सीओपीडी का ट्रीटमेंट ले रहे हैैं तो डॉक्टर से दिखाकर अपनी दवाएं ले लें। इसके साथ ही परहेज करें। उन्होंने बताया कि मौसम ठंडा होने लगा है ऐसे में गरम कपड़े पहनें। मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलें।

बढ़ रहे आंखों में एलर्जी के मरीज
हवा के प्रदूषित होने से आंखों में एलर्जी के मरीज भी बढ़ रहे हैैं। एसएन मेेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग के एचओडी डॉ। हिमांशु यादव ने बताया कि वातावरण में प्रदूषण बढऩे से आंखों में जलन, एलर्जी होने के मरीजों की संख्या बढ़ी है। इससे बचाव के लिए घर से बाहर निकलते वक्त चश्मा लगाएं। घर पर लौटकर आंखों को ताजा पानी से साफ करें। परेशानी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। जिन लोगों का आंखों का ऑपरेशन हो चुका है वह चश्मा अवश्य लगाएं।

पहले से ट्रीटमेंट ले रहे लोग यह करें
-पहले से ट्रीटमेंट ले रहे मरीज दवाएं रेग्यूलर लें
- सांस लेने में दिक्कत होने पर या एलर्जी होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
- मास्क का प्रयोग करें।
- अस्थमा अटैक आने पर निकटवर्ती डॉक्टर को जल्द से जल्द दिखाएं
- गरम कपड़े पहनना शुरू कर दें।

आम लोग ऐसे बचाव करें
- मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलें।
- आंखों पर चश्मा लगाकर घर से बाहर निकलें।
- बाहर से घर पर आएं तो ताजा पानी से आंखें धोएं
- यदि टू-व्हीलर चलाते हैं तो हेलमेट लगाकर चलाएं।
- आंखों में जलन होने या लाल होने पर डॉक्टर को दिखाएं
- जिनकी नजर कमजोर है वह आंखों में ल्यूब्रिकेंट ड्रॉप डालें।
- छींक आने या श्वांसनली में दिक्कत होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।


एक्यूआई बढऩे से ओपीडी में आंखों में जलन और एलर्जी के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। जब भी घर से बाहर निकलें तो आंखों पर चश्मा लगाएं। घर पर लौटकर आंखों को साफ पानी से साफ करें।
- डॉ। हिमांशु यादव, एचओडी, नेत्ररोग विभाग, एसएनएमसी

हवा में प्रदूषक तत्व बढऩे से ओपीडी और वार्ड में मरीजों की संख्या बढ़ी है। शहर के जिन क्षेत्रों में प्रदूषण ज्यादा है वहां के मरीज ज्यादा एडमिट हो रहे हैैं।
- डॉ। संतोष कुमार, एचओडी, टीबी एंड चेस्ट वार्ड, एसएनएमसी

प्रदूषक तत्व के संपर्क में आने और मौसम के ठंडा होने से श्वासनली सिकुड़ जाती है। ऐेसे में मास्क पहनें, जो लोग पहले से ट्रीटमेंट ले रहे हैैं वह अपनी दवाएं रेग्यूलर खाएं। परेशानी होने पर डॉक्टर को दिखाएं।
- डॉ। सचिन कुमार गुप्ता, सहायक आचार्य, टीबी एंड चेस्ट वार्ड, एसएनएमसी