आगरा (ब्यूरो ): इसी तरह से बोदला निवासी भारती शाक्या ने बताया कि उन्होंने 2007 में इंटर किया था लेकिन मार्कशीट में नाम गलत हो गया है। इसके बाद में वह ग्रेजुएशन, बीएड कर चुकी हैैं। उनका सीटेट और यूपीटेट भी क्लीयर हो गया है। उन्हें डर है कि यदि वैकेंसी आने पर उनकी जॉब लगी तो मार्कशीट में नाम गड़बड़ होने के कारण वह जॉब से वंचित रह जाएंगी। इस कारण वह यहां पर मार्कशीट में नाम को ठीक कराने के लिए आई हैैं। उन्होंने बताया कि वह मेरठ भी चक्कर लगा चुकी हैैं। इसी तरह से क्षमा राजपूत ने बताया कि उन्होंने 2018 में इंटर किया था। हाल ही में उन्होंने सीआरपीएफ में नौकरी के लिए एग्जाम दिया है। आंसर की के हिसाब से उनका सेलेक्शन होना तय है। लेकिन मार्कशीट में नाम गलत हो गया है।

इसके चलते मुश्किल आने की आशंका भी है।
वहीं मथुरा से आए प्रवीन ने बताया कि उन्होंने 2016 में इंटर किया था। लेकिन उनके स्थान पर किसी और का फोटो लगा दिया है। वह संशोधन कराने के लिए आए हैैं। एटा से आए पुष्पेंद्र ने बताया कि उन्होंने 2021 में नगर निगम इंटर कॉलेज आगरा से इंटर पास किया था। मार्कशीट में पिता का नाम गलत कर दिया है, उसे ठीक कराने के लिए आए हैैं।

स्टूडेंट्स को दस्तावेज के प्रति कम जागरुकता
यूपी बोर्ड की टीम में मेरठ से आए उप सचिव संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि बोर्ड ने पहली बार अच्छी पहल करते हुए जिलों में कैंप लगाए जा रहे हंै। इसके तहत जिन लोगों की मार्कशीट में संशोधन होना है। उनका कैंप में रजिस्टे्रशन करने के बाद दस्तावेज लिए गए। अब बोर्ड दस्तावेज की जांच के बाद मार्कशीट में संशोधन करेगा। उप सचिव ने बताया कि ऐसा देखा गया कि स्टूडेंट्स को दस्तावेज के प्रति कम जागरुकता है। वह यहां पर बिना ओरिजनल दस्तावेज के आ रहे हैैं। उप सचिव ने बताया कि तीन दिनों में कुल 750 स्टूडेंट्स के रजिस्ट्रेशन हुआ है। अंतिम दिन 153 हाईस्कूल और 190 इंटरमीडिएट स्टूडेंट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ।


प्रिंसिपल का लेटर मांग रहे हैैं। स्कूल की छुट्टïी चल रही हैैं। ऐसे में दस्तावेज इकट्टïा करने में दिक्कत आ रही है।
- महजबी, पीडि़त

2007 में इंटर किया था। मार्कशीट में नाम गलत हो गया। अब सीटेट और यूपीटेट क्लीयर कर दिया है।
- भारती शाक्या, पीडि़त

2019 में इंटर किया था। नाम गलत हो गया है। सीआरपीएफ का एग्जाम अच्छा हुआ है। नाम ठीक नहीं हुआ तो मुश्किल होगी।
- क्षमा, पीडि़त

2021 में इंटर की थी। पिता का नाम गलत हो गया है। कहीं भी जाओ काफी मुश्किल होती है। मेरठ के भी चक्कर लगा चुके हैैं।
- पुष्पेंद्र, पीडि़त

तीन दिनों के कैंप में कुल 750 स्टूडेंट्स के रजिस्ट्रेशन करने के बाद दस्तावेज लिए गए हैैं। इनकी मार्कशीट में संशोधन होगा।
- संजीव कुमार शर्मा, उप सचिव, यूपी बोर्ड