आगरा(ब्यूरो)। धनौली के नगला नंदा निवासी सुखराम प्रजापति के चार बेटे ईश्वरी, विशंबर, धर्मवीर और कन्हैया थे। ईश्वरी (28) की शादी चार साल पहले बोदला जगदीशपुरा की बबली (25) से हुई थी। इनकी ढाई साल की बेटी लवानिया भी है। ईश्वरी मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करता था।
ईश्वरी के परिजनों के अनुसार ने बताया कि भतीजा ईश्वरी ईंट उतारकर करीब 02:30 बजे घर आया था। घर में ईश्वरी, उसकी पत्नी और बेटी ही थे। भाई विशम्बर मजदूरी पर गया था। पिता सुखराम और मां प्रेमवती करीब 15 दिन से गांव इकरामनगर में मजदूरी पर गए हैं। 04 बजे घर के बाहर लवनिया रो रही थी। इस पर वेच्बच्ची को लेकर घर में गए। पहला कमरा निकलते ही दूसरे कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था खटखटाने और आवाज देने पर कोई जवाब नहीं मिला। इस पर उन्होंने आसपास के अन्य लोग बुला लिए। सभी ने मिलकर दरवाजा तोड़ दिया। कमरे में ईश्वरी और बबली छत के पंखे से साड़ी के दोनों छोर से फांसी के फंदे से लटके हुए थे। उन्हें देख लोगों के होश उड़ गए। ग्रामीणों ने साड़ी को काटकर दोनों को नीचे उतारा। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले गए। चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। वे शवों को घर ले आए। सूचना पर दोनों मृतकों के परिजन और पुलिस आ गई।
सोशल मीडिया अकाउंट का गम भरे गाने
ईश्वरी प्रजापति शायद किसी बात को लेकर परेशान था, वह किसी से कुछ कह भी नहीं पा रहा था। यही गवाही देता है उसका सोशल मीडिया अकाउंट मंगलवार सुबह 08:04 पर एक पोस्ट की है। इससे करीब दस मिनट पहले भी उसने एक पोस्ट की थी। जिसमें उसच्े अच्छी पत्नी होने की खूबियां गिनाईं थीं। इसके अलावा और भी उसके अकाउंट पर गम भरे गानों की पोस्ट की लंबी लिस्ट है। अधिकतर पोस्ट परिवार को लेकर ही पोस्ट की गईं हैं।