हादसे में गंवा दिया था मकान
आगरा के माईथान टीला पर रहने वाली आरती शर्मा का 26 जनवरी को हादसे के दौरान मकान जमींदोज हो गया था। उस दिन तो वो हादसे में बच गई। किंतु रविवार दोपहर को उनकी अचानक से तबियत खराब हो गई। वो बेहोश होकर सड़क पर गिर पड़ी। उन्हेंं बस्ती के महिलाओं ने पास में ही चारपाई पर लिटा दिया। आरती की दौरा पड़ गया और उसके हाथ-पैर ठंडे पड़ गए। बस्ती की महिलाएं उनके हाथ-पैर मलने लगीं। 10 साल की बेटी चीख-चीखकर उनको हास्पिटल ले जाने की गुजारिश करने लगीं।
नहीं सुनी फरियाद
आगरा में 'जोशीमठÓ की याद दिलाता टीला माईथान हादसा अब राजनैतिक दलों के लिए महज मुद्दा है। यह बात रविवार उस समय प्रमाणित हो गई बीमार विधवा आरती की मदद के लिए 10 कदम की दूरी पर धरना दे रहे कथित राजनैतिक दलों के लोग आगे नहीं आए। और ही जिला प्रशासन, पुलिस के अधिकारियों या कर्मचारियों ने मदद की। आरती को हॉस्पिटल ले जाने में पीडि़त परिवार ही आगे आए और महिलाएं उन्हें लेकर अस्पताल गईं।
शेल्टर होम में बिगड़ गई थी तबियत
बस्ती की महिलाओं ने आरोप लगाया कि शेल्टर होम में उन्हेंं डाल दिया है, लेकिन वहां कोई व्यवस्था नहीं है। आरती चार दिन से अपने मकान के लिए परेशान हैं। उनके पति का निधन हो चुका है। तीन लड़की और एक लड़का है। परिवार में वो अकेली कमाने वाली है। चार दिन से तनाव में चल रही थीं, उनकी तबियत बिगड़ रही थी। मगर, उनको देखने वाला कोई नहीं। एक घंटे तक महिला बेहोश सड़क किनारे चारपाई पर पड़ी रही। महिलाएं चिल्लाती रहीं.
अस्तपाल में कराया भर्ती
स्थानीय लोग महिला को छिली ईंट रोड स्थित डॉ। प्रमोद मित्तल के अस्पताल में ले गए। वहां डॉक्टर ने चेकअप करने के बाद महिला की हालत गंभीर बताया। और उन्हेंं एसएन मेडिकल कॉलेज या किसी बड़े हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। जब महिला की हालत गंभीर होने की सूचना अधिकारियों को मिली तो उनके हाथ-पैर फूल गए। एंबुलेंस बुलाई गईं। जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। महिला को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि महिला ने बीते 4 दिन से खाना नहीं खाया है। जिससे उनकी तबियत खराब हो गई है।
आगरा के जोशीमठ में एडीए दोषी
आगरा। टीला माईथान में राय बहादुर विशंभरनाथ धर्मशाल में बेसमेंट खोदाई के कारण हुए हादसे में एडीए (आगरा विकास प्राधिकरण) का दोष माना गया है। डीएम नवनीत सिंह चहल ने इस पूरे मामले की जांच करने के बाद रिपोर्ट शासन को भेज दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार एडीए को दोषी पाया गया है। नक्शा पास करने से लेकर जर्जर भवनों के क्षेत्र में हो रही खोदाई और निर्माण की मॉनिटरिंग नहीं की गई। जिम्मेदार की बजाय हमनाम को नोटिस भेज दिया। आगरा में हुए इस हादसे को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने गूगल सर्वे के माध्यम से लोगों की राय जानी।
डीएम नवनीत सिंह चहल ने बताया कि प्रवर्तन अनुभाग के अधिशासी अभियंता अनुराग चौधरी ने ठीक से कार्यों की मॉनीटरिंग नहीं की। अपने क्षेत्र में प्रतिदिन निरीक्षण नहीं किया। खोदाई के दौरान जिन नियमों का पालन होना चाहिए। वह भी नहीं किया गया। धर्मशाला के ठीक बगल में जर्जर मकान हैैं। ऐसे में संरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाने थे।
बेघरों को मिले घर
सर्वे में पहला सवाल पूछा गया था कि आप हादसे में क्या एडीए को दोषी मानते हैैं? इसका जवाब देते हुए 84.6 परसेंट ने हां में जवाब दिया और 15.4 परसेंट ने नहीं में जवाब दिया। सर्वे में दूसरा सवाल पूछा था कि टीला माईथान हादसे में बेघर हुए लोगों को क्या घर मिलना चाहिए? इसके जवाब में 100 परसेंट लोगों ने हां में जवाब दिया। तीसरा सवाल पूछा गया कि क्या सिस्टम की अनदेखी जोशीमठ और टीला माईथान जैसे हादसों को बढ़ावा देती है? इसके जवाब में 84.6 परसेंट लोगों ने हां में जवाब दिया और 15.4 परसेंट ने नहीं में जवाब दिया। चौथा सवाल पूछा गया कि क्या बेघर हुए लोगों को फिलहाल रहने के लिए बेहतर और सुरक्षित स्थान देना चाहिए? इसके जवाब में 100 परसेंट लोगों ने हां में जवाब दिया
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सर्वे में पूछे गए सवाल
1-टीला माईथान हादसे में क्या आप एडीए को दोषी मानते हैं?
हां - 84.6 परसेंट
नहीं- 15.4 परसेंट
2-टीला माईथान हादसे में बेघर हुए लोगों को क्या घर मिलना चाहिए?
हां- 100 परसेंट
नहीं- 00 परसेंट
3-क्या सिस्टम की अनदेखी जोशीमठ और टीला माईथान जैसे हादसों को बढ़ावा देती है?
हां- 84.6 परसेंट
नहीं- 15.4 परसेंट
4-क्या बेघर हुए लोगों को फिलहाल रहने के लिए बेहतर और सुरक्षित स्थान देना चाहिए?
हां- 100 परसेंट
नहीं- 00 परसेंट
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सोशल मीडिया पर आए कमेंट्स
कभी-कभी छोटी-छोटी अनदेखी बड़े हादसों का कारण बन जाती हैैं। हमें इससे सीख लेनी चाहिए.
- शनि
माईथान जैसे हादसे भ्रष्टाचार की देन हैैं। यदि अफसर ठीक से काम करें और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जाए तो ऐसे हादसों से बचा जा सकता है.
- पवन