आगरा (ब्यूरो)। शहर के राजपुर चुंगी में रहने वाली दिव्यांग शिक्षिका हिमांनी बुंदेला को देखकर यह लाइनें याद आती हैं, मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है। सिर्फ पंखों से कुछ नहीं होता दोस्तों, हौंसलों से उडाऩ होती है। ऐसी कुछ कहानी दिव्यांग शिक्षिका हिमांनी बुंदेला की है। अपनी आंखों की रोशनी गंवाने वाली हिमानी ने कभी अपने जीवन मेें हार नहीं मानी अपने हौंसलों के चलते पढ़ाई पूरी की और एक जायज मुकाम हासिल किया। वर्तमान में वह प्रदेश सरकार की दिव्यांग ब्रांड एंबेसडर है।


अधूरा रहा डॉक्टर बनने का सपना
चट्टान जैसा हौसला रखने वाली हिमानी बुंदेला पहचान की मोहताज नहीं है। हिमानी ने बताया कि वर्ष 2012 में हुए एक कार एक्सीडेंट ने आंखों की रोशनी छीन ली। डॉक्टर बनने का सपना अधूरा रह गया। कॉलेज में एडमिशन नहीं मिला, सपने बिखरे से लगने लगे। एक वक्त आया कि आत्महत्या कर लूं। पर, माता-पिता की मुस्कान और उनका संघर्ष उन्हें वापस लेकर आया।

दिव्यांग को दिला रही योजनाओं का लाभ
यूजी, पीजी में टॉप करने के बाद कौन बनेगा करोड़पति के 13 वें सीजन में एक करोड़ जीतकर अपनी योग्यता का परचम लहराया। अब दिव्यांगों को भी सरकारी योजनाओं का लाभ दिला रही हूं। वर्ष 2023 में दिव्यांगजन सशक्तीकरण उत्तर प्रदेश का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया गया। बेस्ट रोल मॉडल के लिए राज्य पुरस्कार मिला। सीएम योगी भी सम्मानित कर चुके हैं। हिमानी का सपना है कि एक शिक्षक होने के नाते बच्चों के जीवन में शिक्षा के रंग को घोल सकें।


दिव्यांग बच्चों को दे रहीं शिक्षा
सरकारी स्कूल में टीचर के पद पर कार्यरत हिमानी बुंदेला दिव्यांग बच्चों को शिक्षित बना रही हैं। इसी दौरान उन बच्चों के लिए लड़ाई लड़ी जो शारीरिक रूप से अक्षम हैं और खास बात यह है कि हिमानी के इन्हीं प्रयासों को ध्यान में रख उन्हें दिव्यांग ब्रांड एंबेसडर बनाया गया है। हालही में उन्होंने अपने अथक प्रयासों से चार हजार से अधिक दिव्यांग बच्चों को लाभ पहुंचाया है।


दिव्यांग कल्याण बोर्ड बनाने का प्रयास
केबीसी विजेता एंव आगरा की आईकॉन, हिमानी बुंदेला ने उत्तर प्रदेश के सीमए योगी अदित्यनाथ से आवास पर मुलाकात की थी। वहां उन्होंने सीएम से राज्य स्तर पर दिव्यांग आयोग एवं दिव्यांग सलाहकार बोर्ड बनाने की पेशकश की थी। जहां सीएम ने उनके द्वारा दिव्यांग के लिए किए गए कार्यों को सराहा, हिमांनी को जमीनी स्तर पर दिव्यांग के लिए कार्य करने के भविष्य के लिए शुभकामनांए दीं।


दिव्यांग के लिए नहीं कोई कोचिंग
शो की पहली करोड़पति हिमानी दृष्टिबाधित हैं, लेकिन उनके ज्ञान ने उन्हें अमिताभ बच्चन के सामने हॉटसीट पर बैठाया था। अमिताभ बच्चन खुद भी हिमानी के ज्ञान को देखकर हैरान रह गए। एपिसोड में हिमानी ने पूछे गए सवालों के आंसर दिए। जहां उन्होंने एक करोड़ रुपए की धनराशि हासिल की। करोड़पति बनने के बाद हिमानी ने बताया कि केबीसी में मेरा आना, मेरे जैसे लोगों के लिए बहुत आशाएं लेकर आता है। विशेष जरुरत वाले स्टूडेंट्स को स्कूल और कॉलेजों में एडमिशन मिल जाता है, लेकिन सरकारी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोई कोचिंग अकादमी नहीं हैं। जो किसी भी प्रकार के दिव्यांग छात्रों को प्रवेश देती हैं। मैने जो केबीसी में पैसा जीता था। उससे दिव्यांग अकादमी खोलना चाहती हूं।


मेरा संघर्ष दिव्यांग के लिए है, प्रदेश मेें दिव्यांग कल्याण बोर्ड के गठन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर मुलाकात हो चुक है। इसके साथ ही दिव्यांग बच्चों के लिए प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोचिंग भी होने चाहिए, जिससे वे अपने जीवन में जायज मुकाम हासिल कर सकें।
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