पीएमओ में तैनात बताया
सीबीआई दिल्ली में 27 जनवरी को पीएमओ के असिस्टेंट डायरेक्टर अनिल कुमार शर्मा द्वारा दी गई तहरीर की बिना पर दर्ज मुकदमें में एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। फर्जी आईएएस बनकर तत्कालीन डीएम आगरा प्रभु एन सिंह से एक प्रकरण में सिफारिश कराने के केस में आरोपी अंकित कुमार सिंह की सीबीआई को तलाश है। जरा घटनाक्रम को समझ लेंसितंबर 2021 में तत्कालीन डीएम के सीयूजी नंबर पर 9454008098 नंबर से कॉल करता है। दूसरी ओर से कॉलर खुद को पीएमओ में तैनात आईएएस अधिकारी दिनेश राव बताता है। कॉलर ने कहा कि वो फिलहाल प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र और वाराणसी में तैनात है और बिहार कैडर से 1997 बैच का आईएएस है। जनपद के एक विधानसभा क्षेत्र में किसी कार्य के संबंध में तत्कालीन डीएम से सिफारिश करता है।
तत्कालीन डीएम ने भांप ली मंशा
तत्कालीन डीएम प्रभु एन सिंह ने कॉलर की मंशा को भांप लिया और वाराणसी में तैनात आईएएस अधिकारी दिनेश राव के संबंध में शासन से जानकारी हासिल की। जिसके बाद मालूम चला कि इस नाम से कोई आईएएस पीएमओ में तैनात नहीं है। तत्कालीन डीएम की शिकायत के बाद शासन (गृह विभाग) ने इस प्रकरण को संज्ञान में लिया और विस्तृत जांच कर 24 अगस्त 2022 को पीएमओ को लेटर लिखा। जिसके बाद पीएमओ के असिस्टेंट डायरेक्टर अनिल कुमार शर्मा ने सीबीआई को अंकित कुमार सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए तहरीर दी। जिसपर सीबीआई ने आरोपी अंकित कुमार सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 170 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
क्या है धारा 170?
अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी लोक सेवक अधिकारी का रूप धारण कर कोई गलत काम करने की कोशिश करता है या गलत काम करता है, तो ऐसे व्यक्ति पर धारा 170 लागू होती है और इस धारा के अंतर्गत उसे दंडित किया जाता है। अ
आगरा से जुड़ा है आरोपी?
प्रकरण में प्रदेश के गृह विभाग, पीएमओ एवं सीबीआई की गहन पड़ताल के बाद घटनाक्रम के 15 माह बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। आगरा की किसी विधानसभा के संबंध में फर्जी आईएएस बनकर कॉल करने वाले अंकित कुमार सिंह का आगरा कनेक्शन तलाशा जा रहा है। तत्कालीन डीएम प्रभु एन सिंह को फोन करके आरोपी ने आगरा के किसी प्रकरण में सिफारिश की थी।