आगरा(ब्यूरो)। पुलिस विभाग में सबइंस्पेक्टर की तैनाती से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। कमिश्नरेट में 45 सबइंस्पेक्टर में से मात्र दो पर ही चार्ज है, जबकि अन्य को क्लर्क के कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

तैनाती में हावी भेदभाव
पुलिस सेवा में महिला पुलिसकर्मी लैंगिक असमानता की शिकार हो रहीं हैं। ऐसा ही कुछ हाल आगरा कमिश्नरेट का है। महिला पुलिस कर्मियों को थानों और कार्यालयों में क्लर्क का कार्य दिया गया है। आगरा कमिश्नरेट में करीब 47 पुलिस थाने हैं। जिसमें दो थानों का चार्ज महिलाओं पर है। इसमें से एक महिला थाना है, जहां महिलाओं की तैनाती हो सकती है। थाने की चौकियों पर तैनाती में भी भेदभाव हावी है। कमिश्नरेट में करीब 117 पुलिस चौकियां हैं। सिर्फ एक ताजमहल चौकी पर महिला दरोगा की तैनाती है।

अकेले आगरा में 92 को मिले नियुक्ति पत्र
पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए आरक्षण है। इसका नतीजा पिछले दिनों सामने भी आया। 26 फरवरी को सूरसदन में सीधी भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए गए थे। आगरा मंडल से 192 युवतियां दरोगा बनी थीं। अकेले आगरा से 92 युवतियों को नियुक्ति पत्र मिले थे.वर्तमान में जो महिला पुलिसकर्मी जिले में तैनात हैं वे भी मेहनत और ईमानदारी के साथ ट्रेनिंग करके आई हैं। सवाल यह उठ रहा है कि ऐसे में उनकी ट्रेनिंग किस काम की है। जब तैनाती में असमानता हावी है।

कमिश्नरेट मेें महिलाओं की तैनाती
आगरा कमिश्नरेट में पांच महिला इंस्पेक्टर और 45 दरोगा हैं, आगरा में पांच महिला इंस्पेक्टर और 45 महिला दरोगा तैनात हैं। पर्यटन थाने में प्रभारी इंस्पेक्टर रीना सिंह हैं। महिला थाने का प्रभार एसआई डेजी पंवार के पास है। इसके अलावा महिला शिकायत प्रकोष्ठ में प्रभारी इतुल चौधरी, परिवार परामर्श प्रभारी नीलम राणा तैनात हैं।


डकैतों से ले चुकी है लोहा
शहर में एंटी रोमियो प्रभारी रंजना गुप्ता डकैतों से लोहा ले चुकी है। वहीं दो महिला एसीपी तैनात हैं। सदर सर्किल में एसीपी अर्चना सिंह और कोतवाली सर्किल में एसीपी सुकन्या शर्मा तैनात हैं। जो हर मोर्चे पर खरी उतरी हैं, मंटोला प्रकरण हो या, संगीन क्राइम के मामले वे खुद को योग्य साबित करती हैं और पुरुषों से कहीं भी कम नहीं हैं।

आगरा कमिश्नरेट में महिलाओं की स्थिति
-कमिश्नरेट में महिला इंस्पेक्टर
05
-कमिश्नरेट मेें महिला सब इंस्पेक्टर
45
-कमिश्नरट में पुलिस थाने
47
-कमिश्नरेट में महिला पर थाने का चार्ज
02
-कमिश्नरट में पुलिस चौकियां
117
-कमिश्नरेट की चौकी पर महिला पर चार्ज
01
-आगरा कमिश्नरेट में दरोगा भर्ती
192
-अकेले महिलाओं को दिए नियुक्ति पत्र
92


सरकार महिलाओं को बराबरी का दर्जा देती है, लेकिन हकीकत में स्थिति कुछ और है। निजी कंपनी हो या सरकारी महिलाओं के साथ अलग व्यवहार किया जाता है।
रचना सिंह

महिलाओं को बराबरी का दर्जा मिलना चाहिए, क्योंकि वे हर क्षेत्र में खुद को साबित कर चुकी हैं। किसी भी विभाग की भर्ती में उनको आरक्षण दिया जाता है।
सुमन सुराना

वर्तमान में शायद ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है, जहां महिलाओं को तैनाती नहीं हो। भारतीय संविधान में उनको बराबरी का दर्जा दिया गया है।
स्वाति मगरानी

बात अगर जिम्मेदारी की है तो महिलाएं इसको साबित कर चुकी हैं कि वे जिम्मेदारी मिलने पर पुरुष के बराबर ही कर्मठ है।
उपासना शर्मा