-हाथरस का रंग लोगों को आ रहा पसंद
-घर पर भी तैयार कर सकते हैं हर्बल कलर
आगरा। प्रेम व उल्लास के त्योहार होली के रंग में बाजार पूरी तरह सज गए हैं। सिटी में अबीर-गुलाल व रंग की दुकानें सज गई हैं। इस बार लोग स्किन फ्रेंडली हर्बल गुलाल को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। रंगों के प्रति लोगों में अवेयरनेस होने से रसायनिक रंगों के बजाय अबीर-गुलाल लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं। बच्चों ने भी पिचकारियां खरीदनी शुरू कर दी हैं। व्यापारियों की मानें तो रंग का व्यापार इस बार मंदी के दौर से गुजर रहा है। कोरोनावायरस के चलते लोग इस बार होली में कम इंट्रेस्ट दिखा रहे हैं।
हाथरस का हर्बल रंग छाया है बाजार में
होली के महोत्सव को लेकर बाजार में रौनक बढ़ने की उम्मीद है। कलर व्यापारियों की मानें तो बाजार में रंगों की कमी नहीं है, लेकिन कोरोनावायरस के कारण बाजार में दम नहीं नजर आ रहा है। हाथरस से लाया गया हर्बल रंग बाजार में हर बार की तरह छाया हुआ है। लोग हाथरस वाले रंग को ही प्रॉयरिटी दे रहे हैं। इस बार लोगों में हर्बल रंगों की डिमांड काफी है।
मोदी-योगी की पिचकारियों की है डिमांड
बाजार में कई तरह की रंग-बिरंगी पिचकारियां आकर्षण का केन्द्र बनी हुई हैं। बाजार में रंग के साथ-साथ पिचकारी की डिमांड सबसे ज्यादा बढ़ी है। इसमें बिग बॉस टैंक, छोटा भीम, डोरेमोन, स्पाइडर मैन, मोटू-पतलू, शिवा टैंक, एवेंजर वाली पिचकारियां बच्चों को काफी पसंद आ रही हैं। इस बीच मोदी और योगी की पिचकारियों को भी लोग काफी पसंद कर रहे हैं। बच्चे दिल, तितली, बैगन, पिस्टल, गन मशीन, टैंक वाली गन, टेडी जैसी कार्टून पिचकारियां खासी पसंद कर रहे हैं।
घर पर भी बना सकते हैं हर्बल गुलाल
होली पर आप घर पर भी हर्बल और नैचुरल रंग के गुलाल बना सकते हैं। इस प्रकार के रंग और गुलाल से आपकी त्वचा को कोई परेशानी नहीं होगी। हर्बल रंग बनाने के लिए आपको अपने घर पर ही मौजूद चीजों का प्रयोग करना है। इसके लिए आपको रंग के अनुसार कार्य करना है। हरे रंग के लिए नीम की पत्तियां या फिर पालक को पीस लें और उसमें अरारोट मिलाएं। इसे सूखाकर इसको बारीक पीसकर गुलाल की तरह प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा लाल रंग को इसी विधि को अपनाकर चुकंदर के साथ बनाया जा सकता है। पीला रंग बनाने के लिए आप हल्दी यूज कर सकते हैं। खुशबूदार पीला रंग बनाने के लिए आप गेंदा, सूरजमुखी के फूलों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। फूलों को पीसकर प्राप्त मिश्रण में अरारोट मिलाकर इसे सूखा लें। आप इसका पेस्ट बनाकर इसे गीले कलर के तौर पर भी प्रयोग कर सकते हैं।
घर में बने रंगो के यह हैं फायदे
घर में बने रंगों का सबसे बड़ा फायदा है कि इन रंगों में केमिकल नहीं होता है। बिना केमिकल के इन रंगों से आपके बाल और त्वचा समेत पूरे शरीर को कोई नुकसान नहीं होता है। इसके अलावा इस प्रकार के रंग बाजार में मिलने वाले रंगों की अपेक्षा काफी सस्ते होते हैं। वहीं, घर में बने रंग आसानी से पानी के जरिए उतर जाते हैं। वहीं, बाहर के केमिकल युक्त रंग उतराने के लिए अन्य कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का सामना करना पड़ता है। साथ ही यह बालों में भी नहीं चिपकते हैं और न ही उन्हें रंगीन बनाते हैं।