आगरा। मदरा में बनाए जा रहे हेलीपोर्ट के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग ने मुख्यालय को डीपीआर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट भेजी। विभाग द्वारा जो डीपीआर भेजी गई। उसमें फायर फाइटिंग सिस्टम अपडेट नहीं थे। इसके बाद 4.95 करोड़ के प्रोजेक्ट को रिवाइज्ड किया गया। रिवाइज्ड के बाद इसका प्रपोजल 7.9 करोड़ का हो गया।

ये होगा फायदा
इस योजना के तहत
- ताजमहल, आगरा फोर्ट, फतेहपुरसीकरी समेत अन्य आसपास के मान्यूमेंट, मथुरा, प्रयागराज समेत अन्य पर्यटक स्थलों का हवाई दर्शन कराना है। इसके माध्यम से पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इस योजना को अमलीजामा पहनाया जाना है। पीडब्ल्यूडी द्वारा इस कार्य को किया जा रहा है।

पीपीपी मॉडल पर होगा संचालन
इस बारे मेें उप निदेशक पर्यटन राजेन्द्र रावत ने बताया कि इसका संचालन पीपीपी मॉडल पर किया जाएगा। इस बारे में कैबिनेट की मीटिंंग में डिसीजन हुआ था। इसके लिए 19 लाख के बजट की मांग शासन से की गई है। पर्यटन विभाग द्वारा इसका टेंडर किया जाएगा। जो कंपनी इसके संचालन को इच्छुक होगी। टेंडर प्रक्रिया के तहत इसके संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी।

हेलीपोर्र्ट एक नजर
- वर्ष 2019 में पीएम ने कोठी मीना बाजार में किया था शिलान्यास
- इनर रिंग रोड और लखनऊ एक्सप्रेस के बीच मदरा में बन रहा हेलीपोर्ट
- पीडब्ल्यूडी विभाग को अक्टूबर 2020 में पूरा करना था हेलीपोर्ट
- बजट के फेर में अधर में लटका कार्य
- उ.प्र। एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यूपीडा ने जगह उपलब्ध कराई गई
- 200 वर्ग गज जमीन खरीदी गई
- एक हैलीपेड पर हेलीकाप्टर खड़ा करने को दो हैंगर बनेंगे
- टूरिस्ट की सुविधा के लिए वेटिंग रुम और टिकट विंडो भी बनाई जाएगी।
- 4.95 करोड़ रुपए की योजना हुई थी स्वीकृत
- इसके बाद इसका रिवाइज्ड एस्टीमेट 7.9 करोड़ का प्रस्तावित हुआ।
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