इस तरह बढ़ा दफ्तरों में बाबू का चलन
अंग्रजों के शासन के समय में सारे सरकारी काम क्र्लक किया करते थे, ऐसे में आम लोग अपने काम को करवाने के लिए कार्यालय के क्र्लक को खुश करने के लिए पूरी कोशिश करते थे और प्यार से उनको बाबू कहकर सम्मान देने लगे। इसके बाद सरकारी दफ्तर में ये बाबू शब्द बहुत सुनाई देने लगा। यही नहीं सरकारी दफ्तर जो शख्स बड़ी पोस्ट है उसे बड़े साहब और छोटी पोस्ट वालों को बाबू कहकर बुलाया जाता था।
मिठाई के डिब्बे में रिश्वत का चलन
सरकारी कार्यालयों में किसी भी तरह का कार्य कराने के लिए आम आदमी का पाला वहां के बाबू से पड़ता है। बाबू द्वारा उस व्यक्ति को तब तक परेशान किया जाता है, जब तक वो व्यक्ति अधिकारी से संपर्क करता है, अधिकारी द्वारा वापस बाबू के पास उस व्यक्ति को भेज दिया जाता है, इस तरह उस व्यक्ति की समझ में आ जाता है कि साहब क्या चाह रहे हैं, मजबूरी मेें उसे बाबू से संपर्क करना पड़ता है.अधिकारियों से नजदीकी के चलते कार्य को पूरा करा लिया जाता है। इन दिनों मिठाई के डिब्बे में रिश्वत लेने का चलन है, क्योंकि पकड़े जाने पर आरोपी सफाई दे सकता है कि मिठाई के डिब्बे मेें गुमराह कर नोट दिए हैं।
10 साल में 30 में से 17 बाबू
आगरा में पिछले दस साल में आए रिश्वत के मामलों में शिक्षा विभाग, माध्यमिक, विद्युत विभाग, नगर निगम, एडीए, आवास-विकास, पुलिस विभाग, उच्चशिक्षा, प्रशासन, तहसील, रेलवे क्र्लक और चिटफंड के मामले में आरोपी पाए गए हैं।
जिसमें से सबसे अधिक रिश्वत के मामले में 17 बाबूओंं को एंटी करेप्शन की टीम ने अरेस्ट किया है।
अलग-अलग विभागों के कर्मचारी आरोपी
वर्ष 2015 से अब तक पकड़े रिश्वत के आरोपी
वर्ष, 2015 आरएस प्रजापति, लिपिक, पेंशन निदेशालय-आगरा
वर्ष 2016 उत्तम सिंह, फतेहाबाद, बीआरसी फतेहाबाद वर्ष
वर्ष- 2016 भूप सिंह मौर्य, फतेहाबाद बीआरसी कार्यालय में थे तैनात
वर्ष-2018 सोवरन सिंह, वेतन बिल लिपिक (शिक्षक) विकास खण्ड शमसाबाद
वर्ष - 2019 देव प्रकाश, वेतन बिल लिपिक (शिक्षक), विकास खण्ड शमसाबाद
वर्ष - 2019 प्रबल दुबे, वेतन बिल लिपिक, विकास खण्ड, अछनेरा
वर्ष, 2019 हरिओम दुबे, विकास खण्ड, बरौली अहीर कार्यालय में थे बाबू
वर्ष, 2019 एंटी करेप्शन की टीम ने सेल्स टैक्स के बाबू को दस हजार रिश्वत के साथ किया अरेस्ट।
वर्ष, 2020 राहुल गुप्ता, वेतन बिल लिपिक, विकास खण्ड, फतेहाबाद को रिश्वत लेते टीम ने पकड़ा था।
वर्ष, 2020.नगर निगम स्मार्ट सिटी के क्र्लक को रिश्वत लेते किया अरेस्ट, एंटी करेप्शन टीम ने किया अरेस्ट।
वर्ष, 2021 जितेंद्र कुमार शर्मा, विकास खण्ड, बरौली अहीर द्वारा वेतन जारी करने को रिश्वत ली गई
वर्ष, 2021 बृजराज सिंह, शमसाबाद बीआरसी में तैनात हैं, टीचर से ली थी अटेंडेंस लगाने के रुपए
वर्ष, 2021, लेखपाल रिश्वत के मामले में अरेस्ट, 50 हजार रुपए मांगी थी रिश्वत, ताजगंज में केस दर्ज
वर्ष, 2022, डौकी क्षेत्र के पलिया में रिश्वत लेते बाबू अरेस्ट, टीचर से एरियर को मांगी थी रिश्वत
वर्ष, 2023, थाना रकाबगंज में 20,000 रिश्वत लेते पकड़ा बिजली विभाग का बाबू, शिकायत पर केस दर्ज
वर्ष, 2023, चिट्फंड सोसायटी का बाबू को 10,000 रुपए की रिश्वत के साथ किया अरेस्ट, हरीपर्वत में केस दर्ज
गैरकानूनी तरीके से रुपए लेना रिश्वत
वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत भारद्धाज ने बताया कि अगर कोई अधिकारी किसी काम को करने के लिए गैरकानूनी तरीके से पैसे लेता है तो ये घूसखोरी है। प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 और सेक्शन 171 के तहत रिश्वत लेना एक क्राइम है। प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के अनुसार रिश्वत लेना ही नहीं रिश्वत देना भी क्राइम है।
-10 साल में पकड़े रिश्वत के मामले
30
-सबसे अधिक रिश्वत लेने वाले बाबू
17
गैरकानूनी तरीके से रुपए लेना रिश्वत की श्रेणी में आता है। कोई भी लोकसेवक, सरकारी कर्मचारी किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए उसके एवज में रिश्वत मांगता है तो इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निवारण संगठन में की जा सकती है। सबसे अधिक शिकायत शिक्षा विभाग की है.
विशुन देव यादव, डिप्टी एसपी एंटीकरप्शन