मांगे गए सुझाव
शहर के अंदर भारी वाहनों को रोकने और छोटे वाहनों द्वारा आसानी से फैक्टरी तक सामान पहुंचाने के लिए सिटी लॉजिस्टिक प्लान तैयार बनाया जा रहा है। प्लान के कंसल्टेंट के रूप में राइट्स लिमिटेड की नियुक्ति की गई है। राइट्स लिमिटेड की ओर से ही आगरा मेट्रो की डीपीआर तैयार की गई थी। सीएलपी की डीपीआर तैयार करने के राइट्स की ओर से पिछले महीनों में सर्वे किए गए। मंगलवार को एडीए में सीएलपी के स्टेक होल्डर्स की बैठक बुलाई गई। इसमें राइट्स की ओर से जीएम वीरेश गोयल एवं भानु प्रताप द्वारा प्रजेंटेशन दिया गया। शहर में कार्यरत उद्यम व शहर से एक्सपोर्ट और इंपोर्ट होने वाली वस्तुओं व इनके आवागमन में आ रही दिक्कतों पर चर्चा की गई। जिसमें सिविल सोसाइटी, ट्रांसपोर्टर्स, फैक्ट्री एसोसिएशन के पदाधिकारी, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी, होलसेल कारोबारी, एडीए सचिव गरिमा सिंह, प्रभारी मुख्य नगर नियोजक प्रभात कुमार आदि मौजूद रहे।


क्या है लॉजिस्टिक?
लॉजिस्टिक्स एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें माल, सेवाओं, सूचनाओं को योजनाबद्ध तरीके से उत्पादन वाले स्थान से उपयोग वाले स्थान पर पहुंंचाने की सुविधा दी जानी है। शहरों में फ्रेट सेंटर विकसित करने, रात के समय डिलीवरी, ट्रक रूट विकसित करने, इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम और आधुनिक तकनीक का उपयोग, शहर माल ढुलाई में विद्युतीकरण को बढ़ावा देना, पार्सल डिलीवरी टर्मिनल आदि की सुविधा दी जानी है।

बैठक में इन बिन्दुओं पर हुई चर्चा
- माल वाहक वाहनों के लिए बॉटल नेक (संकरे मार्ग) के चौड़ीकरण
- नए पुल का निर्माण
- अर्बन फ्रेट कंसोलिडेशन सेंटर बनाना
- टीटीजेड के अंतर्गत होने के चलते विशेष क्षेत्र में सिर्फ ग्रीन व्हीकल्स को एंट्री
- इलेक्ट्रिक माल वाहक वाहन को बढ़ावा देना
- इंटेलीजेंस ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर भी चर्चा हुई

सिटी लॉजिस्टिक प्लान से ये होगा फायदा
- भारी वाहनों के चलते जाम नहीं लगेगा
- वाहनों से होने वाला प्रदूषण कम होगा
- वाहनों के शोर से राहत मिलेगी
- शहर में आर्थिक गतिविधि तेज होंगी


शहर में प्रमुख कारोबार
- शू कारोबार
- हैंडीक्राफ्ट बिजनेस
- ग्रॉसरी का होलसेल
- पेठा कारोबार
- कपड़ा
- मशीन एंड टूल्स
- दवा कारोबार
- सराफा
- मार्बल


अभी क्या स्थिति है?
मौजूदा समय में शहरभर में विभिन्न जगहों पर ट्रांसपोर्ट कंपनी संचालित हैं। यमुना किनारा से लेकर आईएसबीटी के साथ शहर के विभिन्न एरियाज में माल ढुलाई का कारोबार होता है। इसके चलते भारी वाहन शहर के अंदर एंटर करते हैं। जो जाम के साथ पॉल्यूशन का कारण भी बनते हैं। इसके साथ ही कारोबारियों को सामान रिटेलर तक पहुंचाने में भी कड़ी मशक्कत का सामना करना होता है। सीएलपी बनने के बाद कारोबारियों को राहत मिलेगी। शहर में आर्थिक गतिविधि तेज होंगी।

यहां अब भी संचालित ट्रांसपोर्ट कंपनी
- जीवनी मंडी
- सक्सेरिया रोड
- दरेसी-2,3
- फ्री गंज
- जाटनी का बाग
- मोती कटरा
- वाहरवक्र्स

- 2 एक्सप्रेसवे (यमुना एक्सप्रेसवे और लखनऊ एक्सप्रेसवे) शहर से कनेक्ट हैं
- 4 नेशनल हाईवे शहर से होकर गुजरते हैं
- 300 करीब शहर में ट्रांसपोर्ट कंपनियां हैं, विभिन्न एरियाज में

सिटी लॉजिस्टिक प्लान को लेकर स्टेक होल्डर की बैठक की गई। जिसमें विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गई।
चर्चित गौड़, वीसी, एडीए

ट्रांसपोर्टर्स को बैठक के संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई। जबकि सिटी लॉजिस्टिक प्लान में शहर के ट्रांसपोर्टर्स कारोबार को विशेष महत्व दिया जाना चाहिए।
वीरेंद्र गुप्ता, अध्यक्ष, ट्रांसपोर्ट चैंबर