आगरा(ब्यूरो)। गैंग को पकडऩे के लिए पुलिस ने पूरी प्लानिंग की, वेबसाइट पर आईफोन की बिक्री के लिए एक विज्ञापन दिया, उस पर मोबाइल नंबर दर्ज किया। शातिरों ने उस मोबाइल नंबर पर संपर्क किया, आईफोन खरीदने के लिए शातिरों को पुलिस ने नॉर्थ ईदगाह कॉलोनी के मोड़ पर बुलाया, इस बार भी शातिर आईफोन लूटने के लिए आए थे। पुलिस ने दोनों को दबोच लिया। एसीपी सुकन्या शर्मा का कहना है कि हितेश यादव निवासी सोहल्ला सदर और मनीष को अरेस्ट किया है। इनसे पूछताछ की जा रही है।

पहली घटना
बीटेक स्टूडेंट्स से लूटा आई फोन
एसीपी कोतवाली सर्किल सुकन्या शर्मा ने बताया कि 28 अगस्त को न्यू आगरा क्षेत्र के रहने वाले बीटेक छात्र आर्यन का भगवान टॉकीज फ्लाई ओवर पर बुलट बाइक सवार दो युवकों ने लूट लिया था। उन्होंने आर्यन को मोबाइल देखने के बहाने वहां बुलाया था।


दूसरी घटना
पांच सितंबर को नाई की मंडी के रहने वाले सिद्धार्थ के साथ हुई थी। सिद्धार्थ ने भी वेबसाइट पर विज्ञापन दिया था। बुलट बाइक से एक ही अंदाज में दो घटनाओं से पुलिस ने अनुमान लगाया कि गैंग एक हैं।

पुलिस ने तैयार किया ट्रैप
पुलिस ने उन्हें जाल में फंसाने के लिए छह सितंबर को वेबसाइट पर महंगा मोबाइल बेचने का विज्ञापन दिया। शातिरों ने पुलिस को दिए गए नंबर पर फोन कर मोबाइल देखने के लिए बुलाया। गुरुवार शाम को दोनों शातिर नार्थ ईदगाह कॉलोनी पर बताए गए स्थान पर पहुंचे। पुलिसकर्मी ग्राहक बनकर सादे कपडों में पहुंचे। आरोपियों ने मोबाइल लेकर भागने का कोशिश की, आसपास में मौजूद पुलिस कर्मियों ने दबोच लिया। पकड़े गए आरोपी सोहल्ला सदर का हितेश यादव और कृष्णा कुंज कॉलोनी रोहता सदर का मनीष गुर्जर है। आरोपियों से भगवान टॉकीज फ्लाई ओवर पर लूटा आईफोन बरामद किया है। आरोपियों ने दोनों घटनाएं स्वीकार कीं।

शातिर कार से करते थे रेकी
हितेश के पिता वाहन चालक और मनीष के पिता किसान हैं। आरोपियों ने बताया कि ग्राहक को निर्धारित स्थान पर बुलाने के बाद वह पहले कार से जाते थे। ग्राहक से संपर्क करते। करीब 20 मिनट तक कार में बैठकर यह देखते कि वह अकेला है या कोई और भी साथ में है। शिकार के अकेला होने पर वह कार को आसपास पार्किंग में खड़ा करके बाइक से आते थे।

शेयर बाजार में इन्वेस्ट करते थे लूट की रकम
हितेश ने बताया कि वह बीएससी कर चुका है, मनीष बारहवीं कर चुका है। वह लूटे गए मोबाइल को बेचकर उससे मिली रकम शेयर बाजार में लगाते थे। वह विज्ञापन देने वाले ग्राहक को असली बिल और चार्जर साथ लेकर आने की कहते थे। बिल, चार्जर और मोबाइल हाथ में आते ही वह लेकर भाग जाते थे। असली बिल और चार्जर होने पर मोबाइल को दुकानदार आसानी से खरीद लेता था। आईफोन उन्होंने 17 हजार में बेचा था।


वेबसाइट पर विज्ञापन देखकर लूट करने वाले दो शातिरों को पुलिस ने उनके ही तरीके से अपने जाल में फंसा लिया। पुलिस ने वेबसाइट पर मोबाइल बेचने का विज्ञापन दिया। शातिरों ने संपर्क किया। इसके बाद पुलिस के बिछाए जाल में फंस गए।
सुकन्या शर्मा, एसीपी