प्रयागराज ब्यूरो ।अब व्यापारियों के प्रतिष्ठानों तक पहुंचने में जीएसटी विभाग के अधिकारियों को अधिक माथापच्ची नही करनी होगी। यहां तक कि व्यापारियों की अन्य ब्रांचेस तक भी वह आसानी से पहुंचेंगे। इसके लिए सरकार ने सभी व्यापारियों को अपने एड्रेस की जीओ कोडिंग कराने के निर्देश दिए हैं। यह पूरी तरह से अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा नही करने पर जीएसटी विभाग कार्रवाई भी कर सकता है।
सीधे पते पर पहुुंचेंगे अधिकारी
अभी तक अक्सर देखने में आता था कि पंजीकरण के दौरान दिए गए पते को ढूंढने में जीएसटी विभाग के अधिकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। अनजाने में वह दूसरे व्यापारियों के यहां पहुंच जाते थे। लेकिन अब ऐसा नही होगा। अधिकारी सीधे व्यापारी के पते पर पहुचेंगे। वह भी गूगल मैप के जरिए। उनके पास व्यापारी के प्रतिष्ठान की लोकेशन मौजूद रहेगी। इसके अलावा व्यापारी के फर्म की जितनी भी ब्रांचेज होंगी, उनकी भी जीओ कोडिंग कराना अनिवार्य कर दिया गया है।
90 हजार से अधिक हैं व्यापारी
जिले में जीएसटी पंजीकृत अधिकारियों की संख्या 90 हजार से अधिक हैं। इन सभी को इस नियम का पालन करने को कहा गया है। बता दें कि छह माह पहले से ही यह नियम लागू है। मतलब जो भी पंजीकरण इस समयावधि में हुऐ हैं उनकी लोकेशन जीएसटी विभाग ने अपने पोर्टल पर सेव कर ली है। जो पंजीकरण छह माह से पहले हुए हैं उनकी जीओ कोडिंग की जा रही है। एक्सपट्र्स का कहना है कि यह कोई बड़ा काम नही है। व्यापारी चाहे तो गूगल मैप पर यह खुद से अंजाम दे सकते हैं।
बॉक्स
यहां भी अनिवार्य हो गई जीओ कोडिंग
इतना ही नही खाद्य सुरक्षा विभाग में भी जीओ कोडिंग को अनिवार्य कर दिया गया है। यहां पर जो भी खाद्य व्यापारी फूड लाइसेंस लेने आ रहे हैं उन्हे यह हिदायत दी जा रही है। व्यापारियों का कहना है कि इसके बाद हमारी लोकेशन पर अधिकारियों को पहुंचने में आसानी होगी। पहले व्यापारी अपनी मेन प्रतिष्ठान की लोकेशन देते थे और बाकी ब्रांच का पता बचा ले जाते थे। लेकिन अब ऐसा नही होगा। जीओ कोडिंग के जरिए अधिकारी कुछ मिनटों में प्रतिष्ठान पर आ जाएंगे।
वर्जन
अक्सर अधिकारियों को व्यापारी के सभी प्रतिष्ठान की जानकारी नही होती थी या छापे के दौरान वह सही पते पर नही पहुंच पाते थे। लेकिन जीओ कोडिंंग के बाद यह आसान हो गया। अब व्यापारियों का जीएसटी विभाग से बच निकलना आसान नही रह जाएगा।
महेंद्र गोयल, अध्यक्ष कैट उप्र