आगरा(ब्यूरो)। डॉक्टर के पास जाने पर एंटीबायोटिक काम नहीं कर रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि इस वक्त डेंगू, मलेरिया के साथ में इंफ्लुएंजा भी एक्टिव है। ऐसे में लक्षणों के आधार पर ही दवा देनी चाहिए। नहीं तो केस बिगड़ भी सकता है।
एक से दो सप्ताह कर रहा परेशान
एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। अजीत सिंह चाहर ने बताया कि बीते 15 दिनों में बुखार के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में कई मरीज ऐसे आ रहे हैैं इन पर एंटीबायोटिक का प्रभाव नहीं हो रहा है। कई मरीजों को तो दवाएं भी असर नहीं कर रही हैैं। इसका कारण पहले से एंटीबायोटिक करना देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि मरीज अपनी मर्जी से एंटीबायोटिक का सेवन करके आ रहे हैैं। इससे उनकी बॉडी एंटीबायोटिक रेजिस्ट हो जाती है। इन दिनों बुखार को सही होने में एक से दो सप्ताह लग रहा है।
ऐसे पहचानें लक्षण
डॉ। चाहर ने बताया कि इस वक्त मच्छरों से होने वाले बुखार डेंगू और मलेरिया के साथ में इंफ्लुएंजा का भी प्रकोप है। उन्होंने बताया कि यदि बुखार दिन में एक बार आकर उतर जाता है तो यह मलेरिया हो सकता है। यदि बुखार तीन से चार दिन तक लगातार आ रहा है तो यह डेंगू के लक्षण हैैं। यदि गले में खराश, खांसी आदि के साथ बुखार आ रहा है तो यह इंफ्लुएंजा हो सकता है।
रोजाना बढ़ रहे केस
डॉ। चाहर ने बताया कि रोजाना 15 मरीज मलेरिया और 15 डेंगू जैसे लक्षणों के आ रहे हैैं। उन्होंने बताया कि कई मरीजों को चक्कर आने या घबराहट होने पर उन्हें एडमिट भी करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि बुखार से बचने के लिए घर का ही खाना खाएं। बाहर का खाना खाने से बचें। इसके साथ ही मच्छरों से बचाव करें। घर में मॉस्क्यूटो रिप्लेंट लगाएं। अपने आसपास जलभराव न होने दें। शरीर को ढकने वाले कपड़ों को पहनकर रखें।
केस-1
अर्जुन नगर निवासी आठ वर्षीय बच्चे को बुखार आने पर मेडिकल स्टोर से दवा लेकर दे दी। दो दिन तक दवा खाने पर आराम नहीं हुआ। जब डॉक्टर को दिखाया तो एंटीबायोटिक का असर नहीं हो रहा था। बॉडी एंटीबायोटिक रेजिस्ट हो गई।
केस-2
सिकंदरा निवासी दस वर्षीय बच्चे को बुखार आया। बच्चे को पैरासीटामोल के साथ एंटीबायोटिक भी दे दी। एंटीबायोटिक के साइड इफेक्ट के कारण बच्चे की तबियत बिगड़ गई। इसके बाद में बच्चे को एडमिट करने तक की नौबत आ गई।
डेंगू के लक्षण
- तीन से पांच दिन तक लगातार बुखार आना
- प्लेटलेट कम हो रही हैैं
- बीपी प्रभावित हो रहा है
- दस्त हो रहे हैैं
- लिवर में सूजन भी आ रही है
मलेरिया के लक्षण
- दिन में एक बार बुखार आता है
- पेट और मांसपेशियों में दर्द होता है
- बुखार आने पर ठंड लगती है और पसीना आकर बुखार उतर जाता है
- उल्टी-दस्त या मितली आना
इंफ्लुएंजा बुखार के लक्षण
- सदी-जुकाम होना
- गले में खराश होना
- बुखार आना
- खांसी होना
इन दिनों बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में अपनी मर्जी से दवाएं न लें। केवल पैरासीटामोल ही लें। एंटीबायोटिक का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही लें।
- डॉ। अजीत सिंह चाहर, असिस्टेंट प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, एसएनएमसी
मच्छरों से बचाव करें। अपने आसपास जलभराव न होने दें। कूलर-गमलों में भरे हुए पानी को साफ करें। शरीर को पूरा ढकने वाले कपड़े पहनें। बुखार आने पर अपनी मर्जी से दवाएं न लें।
- डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ
अपने आस-पास मच्छरों को न पनपने दें
- दरवाजों व खिड़कियों पर जाली लगवाएं
- मच्छरदानी का नियमित प्रयोग करें
- अनुपयोगी वस्तुओं में पानी इक_ा न होने दें
- पानी की टंकी पूरी तरह से ढक कर रख दें
- हल्के रंग के और पूरी बांह वाली कमीज और पैैंट पहनें
- घर और कार्य स्थल के आस-पास पानी जमा न होने दें
- कूलर, गमले आदि को सप्ताह में एक बार खाली कर सुखाएं
- गड्ढों में जहां पानी इक_ा हो, उसे मिट्टी से भर दें
- मॉस्क्यूटो रिप्लेंट का प्रयोग करें