आगरा। पिछले दिनों नगर आयुक्त ने जीआईएस सर्वे का काम देख रही कंपनी साईं कंस्ट्रक्शन के कार्यो की समीक्षा की तो जीआईएस बेस सर्वे की पोल खुली। पहले कंपनी को आवास विकास एरिया के सात वार्डों का सर्वे मॉडल रूप में कर अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। ऐसा न करने पर कंपनी की शासन में कंप्लेन भी की गई थी। अब कंपनी को नए सिरे से कार्य करना होगा।

डाटा हो रहा मिसमैच
कंपनी का दावा है कि उसे शहर में जीआईएस सर्वे का काम पूरा कर लिया है। लेकिन कंपनी का डाटा नगर निगम के डाटा से मिसमैच कर रहा है। अब कंपनी से कहा गया कि पहले नगर निगम के डाटा से मिलान कराया जाए। भौतिक सत्यापन के बाद ये पता लग सके कि कंपनी द्वारा कराया गया सर्वे सही है या नहीं। बता दें कि पहले ताजगंज जोन के सर्वे का काम पूरा करने को कहा गया है।

शहर में हैं 3.20 लाख प्रॉपर्टी हैं
शहर में 3.20 लाख प्रॉपर्टी हैं। इनमें से मात्र 89630 हाउस होल्ड ने ही अपना टैक्स जमा कराया है। जीआईएस सर्वे का काम पूरा होने से सभी प्रॉपर्टी संपत्तियां टैक्स के दायरे में आएंगे। सभी संपत्तियों से टैक्स लिया जा सकेगा। अभी तक नगर निगम को पूरा टैक्स न मिलने से रेवेन्यू का लॉस हो रहा है।


वर्ष 2019-20 में 3.10 लाख भवन स्वामियों के सापेक्ष 65 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया। इसके तहत 36 करोड़ की वसूली ही हो सकी थी। 2018-19 में 2.50 लाख भवन स्वामियों के सापेक्ष 50 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया। 2017-18 में 1.80 लाख भवन स्वामियों के सापेक्ष 25 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया था। इसके सापेक्ष और 21 करोड़ की वसूली हो पायी थी। 2020-21 मेें 70 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। 50 करोड़ की वसूली हो सकी। इस बार 100 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। फिर इसे घटाकर 70 करोड़ कर दिया था। इस बार 70 करोड़ का टैक्स वसूला जा सका था।


शहर में जीआईएस सर्वे का काम चल रहा है। पहले कंपनी को 2021 में पूरा करना था। लेकिन काम पूरा नहीं हो सका। अब शासन से इसका समय बढ़ाया गया है। सर्वे के दौरान भौतिक सत्यापन कर डाटा मैच कराने के निर्देश दिए हैं।
विनोद कुमार गुप्ता, अपर नगर आयुक्त आगरा