आगरा(ब्यूरो)। एडीजी जोन अनुपमा कुलश्रेष्ठ ने स्टूडेंट्स को अपने द्वारा चलाए जा रहे मिशन शक्ति और मिशन जागृति से अवगत कराया और महिला सशक्तिकरण के विचारों को प्रेक्षित किया कि हमने टारगेट ग्रुप बनाकर जिले की महिलाओं और युवतियों को प्रशिक्षित किया, अब ब्लॉक और पंचायत स्तर तक जा रहे हैं, इसके बाद ग्राम स्तर तक जाकर उन्हें जागरूक करेंगे।
लड़कियों से अधिक लड़कों को सीखने की जरूरत
इससे महिला अपराध में नियंत्रण की स्थिति बनी है। उत्पीडऩ मामलों में भी कमी आई है, सामाजिक व्यवहार में बदलाव आया है, लेकिन अब हम सबकी जिम्मेदारी है कि लड़कों को भी समझना होगा कि महिलाओं से सही व्यवहार करें क्योंकि रिश्ता तभी चलता है जब आप हर रिश्ते में सम्मान देते हैं। अब हमें सोचना होगा और तय करना होगा कि मेरी क्या जिम्मेदारी है, प्रत्येक महिला कों सम्मान देना होगा। लड़कियों से अधिक लड़कों को सीखना होगा।
देश को विश्वगुरु बनने से नहीं रोक सकता कोई
मुख्य अतिथि प्रो। सुंदर लाल ने छात्रों को अपने सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक कौशल को विकसित करने का संदेश दिया।
विश्वविद्यालय कि कुलपति प्रो। आशु रानी ने विद्यार्थियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने में अपना सहयोग देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आप जो भी करें उसमें सबसे बेहतर करने का प्रयास करें और ये अवश्य सोचें कि आपके द्वारा किए गए कार्य से देश को क्या लाभ होगा। यह करना आरम्भ कर दिया तो देश को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता।
तय करना होगा कि करना क्या है.
डीन अकादमिक प्रो। संजीव कुमार का कहना था कि हमें समय तय करना होगा कि हमें करना क्या है। हम सुधरेंगे तो युग सुधरेगा। हमें अपने अधिकार और दूसरों के कर्तव्य पता हैं। जिस दिन से हम कहने लगेंगे कि मेरे कर्तव्य क्या है, तो सब बदलने लगेगा। बच्चे ना घर में सीख रहे हैं न विद्यालय में, इसलिए अभिभावक और शिक्षक अपनी जिम्मेदारी समझें। जेपी सभागार में आयोजित शास्त्रीय गायन एकल प्रतियोगिता के निर्णायक रहे डॉ। गजेंद्र सिंह, डॉ। सदानंद भट्ट और ज्योति प्रसाद, शास्त्रीय स्वर वाद्य प्रतियोगिता के निर्णायक थे अशोक करमाकर, रितु तिवारी और रघुनाथ रघुवंशी।