आगरा(ब्यूरो)। मधुनगर की कमांडर कॉलोनी निवासी मनोज कुमार की सदर, नौलक्खा में मोबाइल और एक्सेसरीज की दुकान है। दुकान पर माइकल नौकरी करता है। उन्होंने बताया कि दोपहर सवा तीन बजे तीन युवक बाइक से आए। उन्होंने आईफोन के चार्जर, स्मार्ट वॉच और ईयर फोन देखे। तीनों ने 18 हजार रुपए की एक्सेसरीज व स्मार्ट वॉच पसंद की। उन्होंने आशीष, राहुल और फरहान के नाम से अलग-अलग बिल बनवाए। मोबाइल नंबर भी नोट कराए, जो फर्जी निकले।
क्यूआर कोड स्कैन कर दिखाया
इसके बाद एक युवक ने ऑनलाइन क्यूआर कोड से भुगतान करने के लिए कहा। माइकल ने क्यूआर कोड दिखाया। एक युवक ने अपने मोबाइल से क्यूआर कोड को स्कैन किया, माइकल को दिखाया। मोबाइल पर दुकान मालिक का नाम ही आ रहा था।
जाते-जाते ले गए स्मार्ट वॉच
युवकों ने भुगतान किया, लेकिन स्पीकर पर पेमेंट अलार्म नहीं बजा। इतने में माइकल ने तीनों युवकों को आवाज दी, तब तक तीनों भाग गए। जाते-जाते 10 हजार रुपए की एक स्मार्ट वॉच भी चुरा कर ले गए। दुकान के सेल्समैन ने उनका पीछा करने की कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
क्यूआर कोड से इस तरह भी फ्रॉड
आपकी मेहनत की कमाई में सेंध लगाने के लिए साइबर ठग आपको एक क्यूआर कोड भेजते हैं। और लॉटरी जीतने का लालच देकर आपसे कोड स्कैन करवाते हैं। जैसे ही आप कोड स्कैन करके अपना सिक्योरिटी पिन डालते हैं, आपके बैंक अकाउंट से कुछ रुपए निकल जाते हैं। इस तरह से आप फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं।
कैसे होगा बचाव
-क्यूआर कोड का स्कैन सिर्फ भुगतान या पेमेंट करने के लिए किया जाता है, और रुपए प्राप्त करने को क्यूआर कोड का ही स्कैन करें।
-जब तक आपको यह पता न हो कि ये किसने भेजा है, क्यूआर कोड को बिल्कुल स्कैन न करें।
-अपने मोबाइल फोन में हमेशा स्क्रीन लॉक लगा कर रखे और अपना यूपीआई, पिन प्रयोग न करें।
शातिर युवकों ने सेल्समैन को मोबाइल फोन में फर्जी क्यूआर कोड दिखाकर भुगतान करने की बात कही थी। मुकदमा दर्ज किया गया है, सीसीटीवी को चेक किया जा रहा है।
पीयूष कांत, एसीपी सदर