आगरा(ब्यूरो)। आगरा के मधुनगर कॉलोनी के रहने वाले 8 लोग रविवार देर रात कार से कैला देवी दर्शन के लिए जा रहे थे। इस दौरान धौलपुर में नेशनल हाईवे-11बी पर सामने से आए ट्रक से कार की टक्कर हो गई। लोगों की मानें तो उनकी कार रॉन्ग साइड चल रही थी। वहीं हादसा होते ही कार में बैठी सवारियों की चीख निकल गई।
आसपास के लोगों ने की मदद
घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने घायलों को गाड़ी से बाहर निकालकर जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक 4 लोगों की जान जा चुकी थी। घायलों की हालत को देखते हुए प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें रेफर कर दिया गया। मृतकों के परिजनों को सूचना दे दी गई है। पुलिस ने मृतकों के शव को रखवा दिया है।
दो अलग-अलग परिवारों की महिलाएं व बच्चे
बाड़ी से धौलपुर लौट रहे एसपी मनोज कुमार मौके पर रुके और एंबुलेंस को बुलाकर घायलों को जिला अस्पताल भिजवाया। सूचना मिलते ही सीओ सिटी सुरेश सांखला भी अस्पताल पहुंचे। कार में ड्राइवर के अलावा 2 अलग-अलग परिवारों के महिलाएं और बच्चे थे।
पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान कार ड्राइवर गुड्डू चौहान (40), विमला शर्मा (70) पत्नी संतराम, सुमन (38) पत्नी रंजीत खटीक और सुमन के बेटे अंशु (8) के रूप में हुई है। नंदिनी शर्मा (38) पत्नी यशपाल शर्मा, आरिया (11) पुत्री यशपाल, कनिका (14) पुत्री यशपाल और यशपाल के छोटे भाई विक्रम का बेटा आयुष (9) हादसे में घायल हुए हैं। घायल नंदिनी ने बताया कि वह आगरा में कपड़ों की दुकान करती हैं। रविवार को दुकान बंद कर अपनी सास विमला और दुकान पर काम करने वाली सुमन के साथ कैला देवी दर्शन करने जा रहे थे।
जिंदगी छीन रही रॉन्ग एंड स्पीड ड्राइविंग, मां, बेटे समेत चार की मौत
आगरा. सोमवार को कैला देवी जा रहे एक ही परिवार के मां, बेटे समेत चार की दुर्घटना में मौत हो गई। यह कोई पहली घटना नहीं थी। कभी भी रॉन्ग साइड ड्राइविंग में एक छोटी सी चूक और जिंदगी सड़क पर बिछ जाती है। अवेयरनेस बढ़ रही है लेकिन सड़क पर चलने में हम लगातार मात खा रहे हैं। बीते कुछ समय में तो शायद ही ऐसा कोई दिन निकला है, जब किसी दिन एक्सीडेंट में कोई हताहत हुआ हो।
एक चालक की गलती दूसरे पर भारी
शहर में भी रॉन्ग साइड ड्राइविंग से आए दिन हादसे हो रहे हैं। पिछले साल तेज स्पीड और रॉन्ग साइड से वाहन, गलत ट्रैफिक सेंस के चलते पांच सौ से अधिक लोगों की मौत हो गई। ट्रैफिक पुलिस की पड़ताल में जो बात सामने निकल कर आती है, वह हमें शर्मसार करती है। हमारा ट्रैफिक सेंस ही गड़बड़ नजर आता है। रॉन्ग साइड ड्राइविंग या लिमिट से बाहर स्पीड जिंदगी छीनता रहा है। शहर के अंदर से लेकर हाईवे तक ट्रैफिक रूल ही फॉलो नहीं किए जाते। एक चालक की गलती दूसरे व्यक्ति या वाहन चालक पर भारी पड़ जाती है। यही वजह पिछले 2 सप्ताह में 8 ज्यादा लोगों की मौत सड़क हादसों में हो चुकी है।
शॉर्ट-कट के चक्कर में टूट रहे रूल
रोजाना का नजारा ये होता है। शहर के व्यस्ततम लोहामंडी, घटिया, जगदीशपुरा और बोदला, शाहगंज रोड से दिनभर में हजारों वाहन गुजरते हैं लेकिन मौका मिलते ही वाहन चालक ट्रैफिक नियम तोडऩे से नहीं चूकते। पुलिस दिखे तो रफ्तार कम नहीं होती। शाम ढलते ही शहर की सड़कों पर फ्लाईओवर से शहर में आने वाले अधिकतर वाहन महज 5 सेकेंड का समय बचाने के लिए सर्कल का चक्कर लगाने की बजाय रॉन्ग साइड ही चलते हैं। दिन के समय भी एक तरफ कुछ क्षण के लिए वाहनों की कतार लग जाती है तो आगे निकलने के लिए बाइक, गाड़ी या टेंपो जैसे व्हीकल रॉन्ग साइड में दौड़ा दिया जाता है। इस शॉर्ट कट से रूल तो टूट ही रहे हैं, यह जाम की भी बड़ी वजह बनती है।
खतरा बने रोड किनारे खड़े भारी वाहन
अक्सर ट्रक डंपर आदि भारी वाहनों के चालक गाड़ी को सड़क के बिल्कुल साथ ही खड़ा कर ढाबों आदि पर खाना खाने या अन्य काम से रुक जाते हैं। शाम ढलने पर जैसे ही अंधेरा शुरू होता है ये छोटी सी चूक बड़ी लापरवाही साबित हो जाती है। एक महीने पहले एत्मादपुर हाइवे पर रोड पर खड़े ट्रक के पीछे से बाइक की टक्कर में बाइक सवार दो लोगों की मौत हो गई। ग्वालियर रोड पर खड़े ट्रक में बाइक की टक्कर से तीन युवकों की मौत हुई थी।
रूल्स ऑफ द रोड
- अपनी साइड चलें, टर्न लेना है तो निर्धारित कट का ही प्रयोग करें। 5 मिनट ज्यादा लग सकते हैं मगर हादसे का खतरा नहीं होगा।
-रिफ्लेक्टर हर वाहन पर लगा रहे ताकि वाहन चालक को आगे चल रही या खड़ी गाड़ी अंधेरे में भी हल्की लाइट पड़ते ही दूर से नजर सके।
-स्पीड कंट्रोल जरूरी। 1 घंटे के सफर में 10 मिनट अधिक लगाकर, दुर्घटना का खतरा करें कम।
-वाहन चालक राहगीरों कट या जेब्रा क्रॉसिंग पर रोड पार करने का समय दें।
-दोपहिया वाहन चालक हेलमेट का प्रयोग करें क्योंकि सिर की चोट जानलेवा साबित होती है।
पार्किंग भी ट्रैफिक सेंस पार्ट का हिस्सा
कारों को रोड के ऊपर ही खड़ा कर वाहन चालक खरीददारी करने लगते हैं। कुछ ही सेकेंड में और वाहन आते हैं, उस बाइक को हटाने और सही तरीके से लगाने के लिए लोग चिल्लाते हैं तो परेशानी और गुस्से में उसे सही जगह खड़ा कर दिया जाता है। यदि ऐसा पहले ही कर दिया हो तो कोई क्यों परेशान होता।
हादसे लगातार बढ़े हैं, दुर्घटनाओं की एक ही मुख्य वजह है यातायात नियमों का पालन नहीं होना। रूल फॉलो कराने के लिए पुलिस निर्धारित स्थानों क्षेत्र में पूरी तरह रहनी चाहिए।
बॉबी शुक्ला
रॉन्गसाइड और लिमिट से बाहर स्पीड से वाहन चलाने वालों पर चालान के जरिए कार्रवाई करनी चाहिए। लाइसेंस को भी निरस्त करना चाहिए।
गौरव यादव
वाहन चालक खुद नियमों का पालन करें तो खुद के साथ दूसरे वाहन चालकों को भी सुरक्षित रख सकते हैं। इसके लिए उनकी काउंसलिंग होनी चाहिए।
अमित सिंह
रोड पर अव्यवस्थित ढंग से निकलने की जल्दी करते वाहन सवार खतरा बने हैं। रॉन्ग साइड चल रहे व्हीकल को ले जाते हैं हल्के में, और यही बात कई बार भरी पड़ती है।
दानिश चौधरी
ट्रैफिक रूल्स का उल्लंंघन करने वाले वाहन चालकों के चालान काटकर जुर्माना भी वसूल किया जाता है। ऐसे में वहीं स्कूल और कॉलेजों में अभियान भी चलाए जाते हैं।
अरुण चंद, अपर पुलिस आयुक्त