आगरा(ब्यूरो)। खंदारी नगला बूढ़ी स्थित नई आबादी में रहने वाले प्रेमपाल का कहना है कि वह पिछले सोलह सालों से यहां रह रहे हैं। बिल्डर लखन सिंह ने उस समय प्लाट काटे थे। कृष्णा बिहार कॉलोनी, नई आबादी में रहने वाले करीब 50 से ज्यादा परिवारों ने प्लॉट खरीदकर मकान बनाए थे सभी लोगों ने रजिस्ट्री भी कराई थी, लेकिन अभी एक सप्ताह पूर्व वन विभाग की ओर से मकानों पर रेड क्रास के निशान लगाए गए हैं, उनका कहना है कि मकानों का विभाग की जमीन पर बनाया गया है। वहीं कुछ लोगों ने निर्धारित जमीन से अपने मकानों का एरिया बढ़ाया है।
एक-एक रुपए जोड़कर बनाया था मकान
नई आबादी में रहने वाली आशा देवी ने बताया कि आठ साल पूर्व उसके पति की मौत हो चुकी हैं। उस समय दोनों ने मजदूरी कर मकान के लिए एक-एक रुपया जोड़ा था। उस समय मकान भी बनाया गया लेकिन किसी की ओर से कोई विरोध नहीं किया गया, लेकिन 16 साल बाद अचानक मकानों को पर क्रास का निशान लगाया गया है। ऐसे में वो और उनकी तीन बेटियां कहां जाएंगे। वहीं प्रेमपाल ने बताया कि बेटी की शादी तय हो चुकी है, उसकी तैयारी चल रही हैं, अचानक मकान पर रेड क्रॉस लगाए जाने से तनाव पूरा परिवार तनाव में है।
मजदूरी कर एक एक रुपया जमा किया था, लेकिन अब समझ नहीं आ रहा है कि बच्चों को लेकर कहां जाएंगे। सरकार को मदद करनी चाहिए।
मुन्नी देवी
स्कूल की फीस भरने के लिए एडवांस लिया था, घर के आर्थिक हालात सही नहीं है, परिवार के सदस्य तनाव मेें हैं।
पूजा
सोते जागते यही समस्या रहती है कि अब क्या होगा ये समझ नहीं आ रहा है। वन विभाग के लोगों ने मकान पर रेड क्रास लगाया है।
खुशी
सब्जी के ठेल लगाकर घरों में काम कर पैसा जमा किया था, जब से विभाग ने निशान लगाया है तब से कोई ठीक से खाना भी नहीं खाता है।
राहुल
सोलह साल पहले मकान बनाया था, अब बच्चों की शादी करनी है। परिवार के हालात सही नहीं है। अब मकान पर क्रॉस लगाया गया है।
सिया राम
बिल्डर बात करने क ो तैयार नहीं है, प्लाट काटने के बाद उसने अपनी जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया है। हमारे पास मकान की रजिस्ट्री है।
संजय कुमार