आगरा(ब्यूरो)। हथिनीकुंड बैराज एवं ओखला बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के चलते आगरा में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। गुरुवार को हथिनीकुंड बैराज से 159757 क्यूसेक, ओखला बैराज से 337333 क्यूसेक और गोकुल बैराज से 62679 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। बुधवार को नदी का जलस्तर 489.6 फीट था। गुरुवार को रात आठ बजे तक ये जलस्तर 492.40 फीट पर पहुंच गया। 48 घंटे में ही नदी का जलस्तर नौ फीट बढ़ गया। इसके शुक्रवार को खतरे का निशान लो फ्लड लेवल 495 फीट छूने के साथ सिंचाई विभाग की ओर से यमुना का जलस्तर मीडियम फ्लड लेवल 499 फीट पहुंचने की पूरी संभावना जताई गई है। इसके बाद भी नदी का जलस्तर बढ़ता है तो वह बाढ़ की स्थिति होगी। सिंचाई विभाग की ओर से प्रभावित गांवों की फ्लड लेवल की कैटेगिरी के अनुसार लिस्ट जारी कर दी गई है। नदी के रौद्र रूप को देखते हुए यहां बाढ़ से निपटने के लिए विभिन्न इंतजाम भी किए जा रहे हैं।
कैलाश घाट की सीढिय़ों पर पानी
कैलाश घाट की सीढिय़ों पर यमुना पहुंच गई है। बल्केश्वर क्षेत्र में किनारे के मकानों से टकरा रही है। दयालबाग क्षेत्र के गांव खासपुर, नगला तल्फी, सिकंदरपुर में हरे चारे की फसल जलमग्न हो गई है। फतेहाबाद से लेकर बाह तक हर कोई भयभीत है।
आज का दिन महत्वपूर्ण
सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मानें तो आज का दिन अहम है। पूर्व में नदी का जलस्तर शुक्रवार तक 493 फीट तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई थी। लेकिन गुरुवार को ही नदी का स्तर इसके करीब पहुंच गया। ऐसे में शुक्रवार को लो फ्लड लेवल के क्रॉस करने की संभावना है। अगर ये लेवल क्रॉस होता है तो अगले कुछ दिनों में इसके मीडियम फ्लड लेवल 499 फीट पहुंचने की संभावना है। इसके बाद 508 हाई फ्लड लेवल है, लेकिन मीडियम फ्लड लेवल क्रॉस होते ही बाढ़ के हालात बन जाएगा। पूर्व में वर्ष 2010 में यमुना ने रौद्र रूप दिखाया था। तब यमुना किनारे के कई गांव डूब गए थे। यमुना किनारे के कई एरियाज समेत ताजगंज मोक्षधाम में पानी भर गया था। तब यमुना का जलस्तर 499.60 फीट दर्ज किया गया था।
बाढ़ संभावित क्षेत्रों का डीएम ने लिया जायजा
बाढ़ के खतरे को लेकर प्रशासनिक अमला भी अलर्ट हो गया है। गुरुवार को डीएम नवनीत सिंह चहल ने विभागीय अधिकारियों के साथ यमुना किनारे के क्षेत्रों व गांवों का दौरा किया। सदर तहसील के गांव तनौरा नूरपुर पहुंचे। जहां बाढ़ चौकी का निरीक्षण किया। यमुना से लगे डूब क्षेत्र को देखा और ग्रामीणों से बात की। बताया गया कि प्रशासन ने बाढ़ चौकी की स्थापना की है। लाइफ जैकेट का वितरण किया गया है। प्रशासन द्वारा मुनादी करा के लोगों को बाढ़ से बचाव संबंधी जानकारी दी गई है। निरीक्षण के दौरान एडीएम एफआर यशवर्धन श्रीवास्तव, एसडीएम सदर परीक्षित खटाना, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। अरुण श्रीवास्तव, डीसीपी ईस्ट सोमेंद्र मीणा आदि मौजूद रहे।
कॉलोनी में किया संपर्क
ङ्क्षसचाई विभाग ने दयालबाग क्षेत्र के गांवों, बल्केश्वर क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों में पहुंच लोगों से संपर्क साध बढ़ते हुए जलस्तर की जानकारी दी। उन्हें सतर्क रहने को कहा है। प्रशासन द्वारा कुछ क्षेत्रों में मुनादी कराई गई। ङ्क्षसचाई विभाग के एक्सईएन शरद सौरभ गिरी ने बताया कि किनारे रहने वालों को सतर्क रहने के लिए टीमें जागरूक कर रही हैं। शुक्रवार तक जलस्तर में बढ़ोतरी होगी।
47 बाढ़ चौकियों से निगरानी, लाइफ जैकेट का वितरण
प्रशासन की ओर से 47 बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। इनसे यमुना के जलस्तर पर निगाह रखी जा रही है। एसडीएम अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। किनारे रहने वालों को लाइफ जैकेट का वितरण किया जा रहा है। गोताखोर, नाविकों की टीम की भी तैनाती की गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांवों में वाटर प्यूरीफायर टेबलेट, ओआरएस सहित बुखार एवं अन्य दवाओं का वितरण किया जा रहा है।
सूखी नदियों में भी पशु लेकर न जाएं
सूखी नदियों में ग्रामीण पशुओं को चराने ले जाते हैं। प्रशासन ने सतर्क किया है कि ऐसा न करें। सूखी नदियों में वर्षा के दिनों में अचानक पानी आ सकता है, इसलिए उनसे दूरी बनाकर रखें।
चंबल नदी का स्तर स्थिर
अभी चंबल नदी के जलस्तर में कोई वृद्धि नहीं हुई है। ये 113 मीटर पर स्थिर बना हुआ है। चंबल का लो फ्लड लेबल 130 मीटर और हाई फ्लड लेबल 137.6 मीटर है। गत वर्ष चंबल में उफान आई थी और 36 गांवों के 8500 लोग प्रभावित हुए थे।
47 बाढ़ चौकियां विभिन्न बाढ़ संभावित क्षेत्रों में स्थापित की गई है। संबंधित विभागों के अधिकारी लगातार क्षेत्र भ्रमण कर रहे हैं। बाढ़ संभावित 3 तहसीलों में ग्रामीणों के साथ जागरूकता बैठक तथा मुनादी कराई जा रही है। लगातार प्रशासन द्वारा सतर्कता बरती जा रही है।
नवनीत सिंह चहल, डीएम, आगरा
492.70 फीट यमुना का मौजूदा स्तर
499.60 फीट जलस्तर वर्ष 2010 में पहुंचा था
47 बाढ़ चौकी स्थापित की गईं
500 फीट तक यमुना का जलस्तर बढऩे की आशंका
यमुना की स्थिति
लो फ्लड लेवल 495 फीट
मीडिया फ्लड लेवल 499 फीट
हाई फ्लड लेवल 508 फीट
रीलिज वॉटर
गोकुल बैराज 62679 क्यूसेक
ओखला बैराज 372225 क्यूसेक
ये तैयारी कराई जा रही
- प्रभावित क्षेत्रों में मुनादी
- बाढ़ चौकी बनाई जा रहीं
- पुलिस की व्यवस्था
- गोताखोर की तैनाती
- नाव-मोटर बोट लाई जा रहीं
- मेडिकल कैंप लगाए जा रहे
- वाटर प्यूरीफायर टैबलेट, ओआरएस, बुखार की दवाओं का वितरण
बाढ़ से प्रभावित होने वाले संभावित गांव
तहसील
किरावली
हाई फ्लड पर प्रभावित गांव
जुगसना, सींगना, रुनकता, अकबरा
तहसील
सदर
लो फ्लड पर प्रभावित गांव
तनौरा नूरपुर, कैलाश, स्वामीबाग
मीडियम फ्लड पर प्रभावित गांव
बुर्ज, नगला छीतर सिंह, मेहरा नाहरगंज, महल बादशाही, नगला तल्फी, नगला पैमा
हाई फ्लड पर प्रभावित गांव
नगला बूढ़ी, बिसारना, बरौली गूजर, नगला बिंदु, नगला हीरालाल, बगदा, बमरौली, नगला पटपरा, नगला बुर्ज, नगला रामपुर, नगला लेखराज, नगला खेमा, नगला गंगाराम, नगला हंसराज, नगला बालमुकुंद, समोगर, सरगन खेड़ा, गढ़ी बांस, बसई, गढ़ी चंदर, कछपुरा, मनोहरपुर, रजवाड़ा, ठीपुरी, खासपुर, नगला तल्फी, सिकंदरपुर, मऊ
तहसील
फतेहाबाद
लो फ्लड पर प्रभावित गांव
भरापुर, बमरौली, ईदौन, मड़ायना, मेवलीकलां, गुड़ा, मेवली खुर्द, हिमायंूपुर
मीडियम फ्लड पर प्रभावित गांव
शाहिदपुर, वरीपुरा, बेहड़ी, पारौली सिकरवार, बिचौला, गिदरौन
हाई फ्लड पर प्रभावित गांव
लुहारी फतेहाबाद, मेहरा चौधरी, अई, रिहावली, धनौली खुर्द, स्वारा, मुटावई, ओझावली, सिकरारा, वाजिदपुर, धौर्रा, मुरावल
तहसील
बाह
लो फ्लड पर प्रभावित गांव
मीडियम फ्लड पर प्रभावित गांव
हाई फ्लड पर प्रभावित गांव
कमतरी, गढ़वार, चरीथा, गढ़ी बरौली, पारना, नौगवां, चित्राहाट, कचौरा, खिच्चरपुरा, खिलावली, सिधावली, इकरमपुर, कोट, सुनसार, रूदमुली, चौरंगा, बीहड़, बड़ा गांव, कछपुरा, बटेश्वर, मई, गुढ़ेरा, स्याइच, कलीजर, रामपुर चंद्रसैनी, गजौरा, बलाई, बिठौली, फरैरी, रीठई, पाहिलजौरा, होलीपुरा, कल्याणपुर माफी, भरतार
तहसील
खेरागढ़
----------------
तहसील
एत्मादपुर
लो फ्लड पर प्रभावित गांव
मीडिया फ्लड पर प्रभावित गांव
नगला धीमर, बढ़पुरा, रहनकलां, नगला कटा
हाई फ्लड पर प्रभावित गांव
गिजौली, दिगरौली, नगला मदनपुर, एत्माद्दौला
गत वर्ष यमुना उफनी थी, लेकिन इंजन के किनारे से पानी चला गया था। इस बार इंजन तक डूब गए हैं, खेतों में पानी घुस आया है। डर लग रहा है कि यमुना विकराल रूप ले सकती है।
भगवान ङ्क्षसह निषाद,
यमुना इस बार खेतों तक आ गई है। डर लग रहा है कि वर्ष 2010 जैसा रूप ले सकती है। आसपास की कालोनी वाले भी भयभीत हैं, जिससे मुश्किल हो रही है।
दुर्ग ङ्क्षसह, पोइया घाट