-अलग तेवरों में मिली काम करने, आगे बढ़ने की ऊर्जा
-मोर्चा के राष्ट्रीय अधिवेशन से नई ऊर्जा लेकर लौटे युवा
मथुरा: भाजयुमो के राष्ट्रीय अधिवेशन में दूसरे दिन रविवार को हुए सभी सत्र युवाओं की तैयारी की ²ष्टि से काफी महत्वपूर्ण रहे। कभी मोर्चा की कमान संभाल चुके नेताओं और मंत्रियों ने अपनी सफलता सामने रखकर उन्हें तैयार करने के मंत्र दिए। उनको लक्ष्य और दिशा दोनों मिली और यह भी बताया गया कि रास्ता दुश्कर जरूर है, पर असंभव नहीं है। बताया गया कि उन्हें केंद्र की योजनाओं, वैचारिक और संगठन की मजबूती के बल पर आगे बढ़ना है।
वृंदावन में हुए दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन से देशभर से आए युवा कार्यकर्ता नई ऊर्जा और जोश लेकर लौटे हैं। संगठन और सरकार की टीम ने जिस तरह से उन्हें मथा और वर्तमान परिस्थितियों से पार पाने का तरीका समझाया, उससे आने वाले समय में जो प्रतिफल मिलेगा, उसका पहला संकेत खचाखच भरे रहे पंडाल के जोश से मिल गया।
समापन सत्र में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उन्हें बौद्धिक तौर पर सबसे सशक्त तरीके से समझाया। उन्होंने कहा कि देशद्रोहियों और राष्ट्रवाद शुरू से रहा है, पर मोदी सरकार आने के बाद यह चरम पर पहुंच रहा है। इस वैचारिक बहस को आगे बढ़ाना है। जहां भी आप हैं, वहीं राष्ट्रवाद का अलख जगाएं और आंकड़े सामने रखें। संगठन को मजबूत करें और सरकार की नीतियों से हर किसी को परिचित कराएं। यही आगे बढ़ने का तरीका है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजयुमो का काम पार्टी की विचारधारा को आगे ले जाने का है। यह अधिवेशन आज के दौर में महत्वपूर्ण हो जाता है। मूल टकराव राष्ट्रवाद और साम्यवाद के बीच है। इस देश की मिट्टी से हर कोई जुड़ा हुआ है, उसका स्वाभिमान जगाना है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो युवाओं में जोश भरते हुए सख्त तेवर अपनाए। उन्होंने कहा कि चाहें राहुल जेएनयू जाएं और देशद्रोहियों के समर्थन में मुहिम चलाएं, कान खोल कर सुन लो। भारत माता के खिलाफ कोई बोलेगा तो भाजपा स्वीकार नहीं करेगी। उन्होंने युवाओं को मंत्र दिया-पैर में चक्कर, मुंह में शक्कर, सीने में आग और दिमाग में बर्फ रखकर काम करें।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सभी कार्यकर्ताओं की महत्ता बताते हुए कहा कि वे चाहें खंड स्तर पर हों, या नगर, जिला, प्रदेश या राष्ट्रीय कार्यकारिणी में, सभी अपनी जिम्मेदारी समझें और अपने स्तर पर संगठन को मजबूत करें। लोगों के बीच जाएं और उनके सुख-दुख में काम आने वाले भाजपाई की छवि बनाएं।
कृषि मंत्री संजीव बालियान ने लोकसभा चुनाव और हाल ही में मुजफ्फरनगर में हुए विधानसभा उप चुनाव का हवाला देते हुए कहा कि युवा कार्यकर्ता काम कर रहे हैं। आने वाले विधानसभा चुनाव में युवाओं को जिम्मेदारी दी तो जीत सुनिश्चित होगी।
कभी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे और वर्तमान में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने अनुभव बांटते हुए संगठन में काम करते रहने को प्रेरित किया और कहा कि मोर्चा के जरिये ही वह यहां तक पहुंचे हैं। राष्ट्रीय अधिवेशन में आने के बाद दूर-दराज के प्रांतों से आए कार्यकर्ताओं की सोच में भी अंतर दिखायी दिया।
दादर नगर हवेली के सिलवासा जिले से आए मैकेनिकल इंजीनिय¨रग की पढ़ाई कर रहे पटेल जिगर ने बताया कि उन्होंने पहली बार इतना बड़ा कार्यक्रम देखा है। उन्होंने जेएनयू प्रकरण समझा जरूर था, लेकिन अब वह अपने छात्र समुदाय के बीच बहस करने लायक हो गए हैं। उनके जिले से पचास लोग ट्रेन से आए हैं और सभी अब ऊर्जावान अनुभव कर रहे हैं।
गोरखपुर से आए चंचल यदुवंशी ने बताया कि राष्ट्रवाद के प्रति आम युवा जागरुक तो है, पर वह बहस में नहीं पड़ना चाहता है। विकासशील युवा अपने मताधिकार तक सीमित है। वह अब कोशिश करेंगे कि राजनैतिक समेत राष्ट्रवाद के मुद्दे पर युवा साथियों की हिचक दूर करे। जेएनयू जैसी घटनाओं के प्रति उन्हें सचेत करना है।
अधिवेशन के समापन पर अरुण जेतली ने जब राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को तिरंगा थमाया तो उसे लेकर छटीकरा तिराहे तक निकले मार्च में युवाओं का जोश देखते ही बन रहा था। हर कोई उन्हें छूने की कोशिश भी कर रहा था। देश भर से आए युवाओं में इतनी उत्कंठा थी कि अनुराग ठाकुर को मंच से लेकर पंडाल के बाहर तक आने में ही 22 मिनट लग गए।
जय घोष और नारों का जुनून
मथुरा: वृंदावन की धरती भाजपा से जुड़े आयोजनों की बीसियों साल से साक्षी रही है, लेकिन अधिवेशन में पहुंचे वरिष्ठ भाजपाइयों का कहना है कि जितने जोशीले नारे इस आयोजन में लगे, शायद ही कभी उन्हें सुनने को मिले। वंदे मातरम, भारत माता की जय, जय श्रीराम के नारे तो लगे ही, इसके अलावा दोनों दिन सबसे ज्यादा नारे मोदी-मोदी के लगते रहे। एक और नारा खूब लगा-देशद्रोहियो सावधान, जाग उठा है ¨हदुस्तान। वरिष्ठ पार्टी जनों का कहना है कि राम मंदिर आंदोलन के समय भी युवाओं में जोश तो था, पर राष्ट्र भक्ति का ऐसा जुनून पहली बार देखने को मिल रहा है।