आगरा(ब्यूरो)। किसानों ने एडीए बोर्ड से अधिगृहीत भूमि को किसानों को वापस लौटाए जाने का प्रस्ताव पारित किए जाने की स्थिति में ही धरना समाप्त करने की बात कही है।
कई बार किए जा चुके हैं प्रदर्शन
एडीए ने वर्ष 2009 में देवरी, पट्टी पचगाईं, इटौरा, जखौदा और रोहता में 42 हेक्टेयर भूमि अधिगृहीत की थी। किसानों द्वारा भूमि वापसी को कई बार प्रदर्शन किए जा चुके हैं। सोमवार शाम कलक्ट्रेट में एडीएम वित्त एवं राजस्व यशवद्र्धन श्रीवास्तव और एडीए सचिव गरिमा ङ्क्षसह के साथ वार्ता विफल रहने पर किसानों ने धरना शुरू कर दिया था। किसानों को मनाने के प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रयास किए थे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली थी। किसान रात भर कलक्ट्रेट में धरने पर बैठे रहे। मंगलवार को किसान नेता श्याम ङ्क्षसह चाहर के साथ वेदो पंडित, शिव कुमार, रघुनाथ शर्मा, श्रीभगवान, प्रमोद कुमार जैन भूख हड़ताल पर बैठे। प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें मनाने का प्रयास किया, लेकिन किसान अपनी मांग से डिगे नहीं। किसानों ने स्पष्ट कहा कि एडीए बोर्ड की बैठक में किसानों को भूमि वापस करने का प्रस्ताव पास कराकर शासन को भेजा जाए। मनोज कुमार, महेंद्र चाहर, प्रमोद शुक्ला, गिर्राज ङ्क्षसह, जमील अहमद, केदार शर्मा, कुलदीप कुमार, हरेंद्र ङ्क्षसह, हितेश कुमार, जवाहर लाल, चेतन रावत आदि प्रदर्शन में शामिल रहे।
बदल चुका है अलाइनमेंट
किसान नेता श्याम ङ्क्षसह चाहर ने कहा वर्ष 2017 में रोड का अलाइनमेंट बदला गया, जिससे अधिगृहीत भूमि में रोड नहीं बनाया नहीं जाना है। इनर ङ्क्षरग रोड लैंड पार्सल इंटरचेज में किए गए घोटाले में 114 अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध अभियोग पंजीकृत हुआ था। आज तक मामले में कार्रवाई नहीं हुई है।