आगरा(ब्यूरो)। आई स्पेशलिस्ट डॉ। मयंक महाजन ने बताया कि आई फ्लू कोरोना वायरस की तरह ही एक फ्लू है। यह हवा से नहीं फैलता है यह कॉन्टेक्ट से ही फैलता है। उन्होंने बताया कि हाथों को साफ रखने से और आंखों से हाथ न लगाने से ही आईफ्लू रुकेगा। डॉ। महाजन ने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे बच्चा स्कूल गया और उसकी आंखों में आईफ्लू हो गया है। उसने अपनी आंखों से हाथ लगाया और बस में क्लास में या कहीं और वही हाथ लगा दिए। दूसरे बच्चे ने उस जगह पर हाथ रखा और अपनी आंखों से लगा लिया तो दूसरा बच्चा भी आईफ्लू का शिकार हो जाएगा।
आईफ्लू होने पर मरीज को करें आइसोलेट
डॉ। महाजन ने बताया कि यदि फैमिली में किसी को आईफ्लू हो जाए तो उसे आइसोलेट कर दें। उसके कपड़े-बेडशीट , टॉवल आदि को रोजाना धोएं। हो सके तो उसमें डेटॉल जैसा एंटीसेप्टिक लिक्विड डाल लें। यदि किसी बच्चे को आईफ्लू हो गया है तो उसे घर पर ही रखें।
डॉ। महाजन ने बताया कि यदि आंखों में डिस्कंफर्ट होना शुरू हो जाए, जलन होने लगे, विजन कम होने लगे तो सावधान हो जाएं। यह आईफ्लू हो सकता है। डॉ। महाजन ने बताया कि कंजक्टिवाइटिस वायरस और बैक्टीरिया दोनों से हो रहा है। यह एडिनोवायरस से फैल रहा है। इसके साथ ही इस वक्त कई तरह के बैक्टीरिया भी इसके कारण हैैं। डॉ। महाजन ने बताया कि दोनों तरह के स्ट्रेन अलग-अलग हैैं और दोनों में ही अलग-अलग दवा दी जाती हैैं। बैक्टीरियल इंफेक्शन होने पर आंखों में गाढ़ा चिपचिपा पदार्थ निकलता है। वहीं वायरस के कारण आंखों में चुभन, जलन, पानी निकलने की शिकायत होगी। इसलिए दोनों ही प्रकार के लक्षण को पहचानें और डॉक्टर से सलाह लें। इसके बाद ही कोई आई ड्रॉप डालें।
बच्चों के केस में रहें सावधान
डॉ। महाजन ने बताया कि इस वक्त सभी लोग सीधा केमिस्ट के पास जाकर आईड्रॉप ले रहे हैैं। यह बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है। क्योंकि बच्चा नहीं बता पाता है कि वह ठीक हो रहे हैैं या नहीं। इससे आंखों के लिए नुकसान भी हो सकता है।
आईफ्लू के बारे में जानें
- जैसे कोविड एक फ्लू था वैसे ही यह फ्लू है
- यह कॉन्टेक्ट से फैलता है, हवा से नहीं।
- यह एडिनोवायरस से फैलता है
ऐसे करें बचाव
- आईफ्लू से बचाव के लिए हाथों को साफ रखें।
- हाथों को धोने के बाद ही आंखों को टच करें।
- कोविड की तरह ही हर जगह को छूने से बचें।
- लोगों से हाथ मिलाने से बचें
- यदि लक्षण आएं तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवाएं लें।
यह हैैं लक्षण
-आंखों डिस्कंफर्ट होना
-जलन होना
- आंखों का लाल होना
- आंखों से पानी आना
- विजन कम होना
- आंखों में चुभन होना
आईफ्लू तेजी से फैल रहा है। इससे बचने के लिए हैैंड हाईजीन का ध्यान रखें। यह काला चश्मा पहनने से नहीं रुकता है। आंखों को हाथ साफ करके ही छूएं।
-डॉ। मयंक महाजन, नेत्र रोग विशेषज्ञ
आई फ्लू को लेकर स्कूल्स में विशेष एहतियात बरती जा रही है। बच्चों को चश्मा लगाकर आने के लिए बोला जा रहा है तो वहीं जिन बच्चों में आई फ्लू के सिंपटम्स हैं, उन्हें घर पर रहने के लिए कहा जा रहा है। पैरेंट्स से कहा जा रहा है कि बच्चों के पूरी तरह से ठीक होने पर ही स्कूल भेजें।
जिन बच्चों में भी आई फ्लू के सिंपटम्स हैं, ऐसे बच्चों को घर पर रहने के लिए कहा जाता है। पेरेंट्स से कहा गया है कि बच्चों के पूरी तरह से ठीक होने पर ही स्कूल भेजें।
डॉ। सुशील गुप्ता, अध्यक्ष, अप्सा
आई फ्लू से बचाव के लिए पूरी तरह से एहतियात बरती जा रही है। स्कूल में बच्चे चश्मा लगाकर पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही उन्हें इससे बचाव की एक्सपट्र्स की ओर से जानकारी भी दिलाई जा रही है।
तपेश शर्मा, डायरेक्टर, बैजंती देवी ग्रुप ऑफ एजुकेशन