आगरा(ब्यूरो)। चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि नेशनल टीबी एलिमिनेशन प्रोग्राम के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा आगरा में विभिन्न अभियान चलाकर टीबी के मरीजों की खोज की जा रही है, ताकि 2025 तक टीबी को खत्म किया जा सके।
एकीकृत निक्षय दिवस से बढ़ा दायरा
सीएमओ ने बताया कि दिसंबर 2022 से हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस मनाया जा रहा है। इससे टीबी नोटिफिकेशन का दायरा बढ़ा है। दिवस की शुरुआत से अब तक 30 हजार लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी हैं। हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस पर जनपद के 215 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, 53 डेजिग्नेटेड माइक्रोस्कोपी सेंटर (डीएमसी), 26 टीबी यूनिट, 44 प्राइमरी हेल्थ इंस्टीट्यूट (पीएचआई) और 30 अर्बन पीएचसी पर टीबी के प्रति जागरुकता की जाती है और संभावित मरीजों की जांच की जाती है। निक्षय दिवस पर सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर ओपीडी में आने वाले दस प्रतिशत मरीजों की टीबी स्क्रीनिंग की जाती है। इसके साथ ही टीबी के प्रति लोगों को जागरुक किया जाता है। दिवस से पूर्व से ही आशा द्वारा डोर टू डोर जाकर समुदाय से संवाद कायम कर जागरुकता फैलाई जाती है। आशाओं के डोर-टू-डोर जाने से संभावित मरीजों को चिन्हित और लिस्टेड कर अस्पतालों तक लाया जाता है, यहां टीबी स्क्रीनिंग के बाद बलगम का नमूना लिया जाता है।
प्राइवेट सेक्टर में मिले ज्यादा मरीज
डिस्ट्रिक्ट टीबी ऑफिसर डॉ। सीएल ने बताया कि दिसंबर 2022 से शुरू होने वाले एकीकृत निक्षय दिवस में अब तक करीब तीस हजार लोगों ने अपनी टीबी की स्क्रीनिंग कराई है। इनमें से 450 संभावित रोगियों के सैंपल लिए गए और 325 मरीजों के स्पुटम की जांच की गई। इनमें से 83 मरीजों में टीबी की पुष्टि हुई है। जनवरी 2023 से अब तक पब्लिक सेक्टर में 5750 और प्राइवेट सेक्टर में 6015 टीबी मरीज खोजे जा चुके हैं। अब तक जनपद में कुल 11765 टीबी मरीजों का उपचार किया जा रहा है। इनमें से 315 निक्षय मित्रों द्वारा 10750 टीबी रोगियों को गोद लिया जा चुका है।
लक्षण हों तो जांच कराएं
डीटीओ ने बताया कि टीबी के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाई जा रही है। मरीजों को खुद ही नहीं पता चल पाता कि उन्हें टीबी है। जब विभाग की टीम उनको जागरुकता करती है और स्क्रीनिंग करती है तब उनमें जांच के बाद टीबी की पुष्टि होती है। उन्होंने कहा कि टीबी की जांच, उपचार पूरी तरह से नि:शुल्क है। इसके साथ ही उपचार के दौरान टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए प्रतिमाह भी दिए जाते हैैं। इसके साथ ही निक्षय मित्रों द्वारा भी टीबी मरीजों को गोद लेकर उन्हें पोषण सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। यदि किसी भी व्यक्ति को टीबी के लक्षण महसूस हों तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर या फिर अपने क्षेत्र की आशा को बताकर अपनी टीबी स्क्रीनिंग जरूर कराएं।
यह हैैं टीबी के लक्षण
-लगातार दो हफ्तों से ज्यादा खांसी होना।
-खांसी के साथ खून का आना
-छाती में दर्द और सांस का फूलना
-वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना
-बुखार आना
इन स्थानों पर होती है टीबी जांच
215 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर
53 डेजिग्नेटेड माइक्रोस्कोपी सेंटर(डीएमसी)
26 टीबी यूनिट
44 प्राइमरी हेल्थ इंस्टीट्यूट (पीएचआई)
30 अर्बन पीएचसी
इतने हैैं एक्टिव टीबी मरीज
11765 टीबी मरीजों खोजे गए
5750 सरकारी सेक्टर में मिले मरीज
6015 प्राइवेट सेक्टर में मिले मरीज
10750 टीबी रोगियों को लिया निक्षय मित्रों ने गोद
जनवरी 2023 से अब तक 5750 प्राइवेट सेक्टर में और 6015 टीबी मरीज खोजे जा चुके हैं। 11765 टीबी मरीजों का उपचार चल रहा है। यदि आपको टीबी के लक्षण हैैं तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच कराएं।
- डॉ। सीएल यादव, डीटीओ