एसएन मेडिकल कॉलेज के डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक्स के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट डॉ। नीरज यादव ने बताया कि ऐसा देखा गया है कि एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग का लाभ पाने वाले बच्चों का आईक्यू तेज होता है। उन्होंने बताया कि बच्चे के ब्रेन के विकास के लिए पोषक तत्व चाहिए होते हैैं। मां के दूध में भरपूर मात्रा में न्यूट्रिशंस, मिनरल्स और विटामिन मिलते हैैं। ऐसे में ब्रेन का डवलपमेंट अच्छी तरह से होता है। बच्ची ग्रोथ भी तेजी से होती है। ऐसे में वह एक्टिव रहता है। ऐसा भी देखा गया है कि ब्रेस्टफीडिंग करने वाले बच्चे कम बीमार पड़ते हैैं और वह बड़े होकर अन्य बच्चों की तुलना में शारीरिक और मानसिक रूप से तेज होते हैैं।
सीएमओ डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पहला गाढ़ा पीला दूध पीने और छह माह तक एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग करने से बच्चे की सेहत और सर्वांगीण विकास पर असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि पहले गाढ़े दूध में स्पेक्ट्रम होता है। जो ब्रेन सहित शरीर के विकास में लाभदायक है।
बीमारियों का होता है कम असर
डॉ। नीरज यादव ने बताया कि मां का दूध बच्चे के लिए पूर्ण आहार होता है। यदि मां बच्चे को छह माह तक एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग कराती हैैं तो वह विभिन्न रोगों जैसे माल न्यूट्रिशन(सूखा रोग) निमोनिया, डायरिया आदि से बचा रहता है। यदि उसे यह समस्या होती है वह सीवियर नहीं होती है। यह बच्चे को नियोनटल सेप्सिस होने से भी बचाता है।
पोषण पुनर्वास केंद्र की डायटिशियन ललितेश शर्मा बताती हैैं कि आजकल मां कहती हैैं कि बच्चा दूध नहीं पी रहा है, कोई कहता है कि मां को दूध नहीं आ रहा है। इसके पीछे का कारण सही गाइडेंस का अभाव और इच्छाशक्ति की कमी होना है। जन्म के तुरंत बाद बच्चे को मां की छाती पर रखना चाहिए। जिससे मां और बच्चे का स्पर्श होता है। मां-बच्चे की बॉन्डिंग से मां को दूध आ जाता है और बच्चा भी मां का दूध पीने लगता है। उन्होंने बताया कि मां के दूध से बच्चे के ब्रेन का डवलपमेंट तेजी से होता है।
ब्रेस्टफीडिंग में आ रही कमी
2019-21 में हुए नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे(एनएफएचएस)-5 के अनुसार 43.1 परसेंट बच्चों को छह माह तक एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग का लाभ मिला। वहीं 2015-16 में हुए एनएफएचएस-4 में यह दर 46.1 परसेंट थी। पांच साल में इस मामले में तीन परसेंट गिरावट आई है। एनएफएचएस-5 के आंकड़ों के अनुसार 19.5 परसेंट बच्चों को जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पहला गाढ़ा पीला दूध पिलाया गया। एनएफएचएस-4 में यह आंकड़ा 18.6 परसेंट था। इसमें 0.9 परसेंट की बढ़ोत्तरी हुई है।
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43.1 परसेंट छह तक कराई गई एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग
03 परसेंट एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग कराने में आई गिरावट
19.5 परसेंट बच्चों को जन्म के एक घंटे के भीतर पिलाया गया दूध
0.9 परसेंट एक घंटे के भीतर दूध पिलाने को लेकर हुई बढ़ोत्तरी
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मां के दूध में ऐसे पोषक तत्व होते हैैं जो ब्रेन के विकास के लिए काफी लाभदायक हैैं। ऐसा देखा गया है जिन बच्चों को छह माह तक एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग कराई गई हैै उनका आईक्यू तेज होता है।
- डॉ। नीरज यादव, एचओडी, डिपार्टमेंट ऑफ
पीडियाट्रिक्स, एसएनएमसी
मां का दूध पीने वाले बच्चे ज्यादा एक्टिव होते हैैं। इससे बच्चे को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैैं। यदि मां को दूध न आए तो मां को बच्चे को अपनी छाती से चिपकाकर रखना चाहिए।
- ललितेश शर्मा, डाइटिशियन, पोषण पुनर्वास केंद्र