देशभर के डॉक्टर्स हुए शामिल
वर्कशाप में ओडि़सा, आंध्र प्रदेश, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, कर्नाटक समेत कई प्रदेशों से हाथियों की हेल्थ और वेलनेस पर कार्य कर रहे करीब 20 वेटेनरी डॉक्टर्स शामिल हुए हैं। वेटेनरी डॉक्टर्स को बेहतर ढंग से हाथियों की देखभाल के लिए अत्याधुनिक तकनीकि के बारे में इस वर्कशॉप में जानकारी दी जाएगी। उप्र वन विभाग, केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण के सहयोग से वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा आयोजित इस वर्कशाप में अमेरिका और यूरोपियन संगठन जैसे एलिफेंट केयर इंटरनेशनल, वर्क फॉर वाइल्डलाइफ इंटरनेशनल, स्मिथसोनियन कंजर्वेशन बायोलॉजी इंस्टीट्यूट और रॉटरडैम नीदरलैंड्स के विशेषज्ञ शामिल हुए हैं। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के डॉ। पराग निगम, आईएफएस आरुषि मिश्रा ने किया। 3 मार्च तक चलने वाली इस वर्कशॉप में वेेटेनरी डॉक्टर्स मथुरा स्थित वाइल्डलाइफ एसओएस के एलिफेंट हॉस्पिटल परिसर में आधुनिक तकनीक और हाथियों में होने वाली बीमारियों के इलाज का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
डॉ। सुसान के मिकोटा, डीवीएम
डायरेक्टर ऑफ वेटेनरी प्रोग्राम एंड रिसर्च
एलिफेंट केयर इंटरनेशनल, यूएसए
एलीफेंट केयर इंटरनेशनल की सह संस्थापक एवं निदेशक डॉ। सुसान के मिकोटा एशियन एलिफेंट स्पेशलिस्ट ग्रुप की सदस्य है और अमेरिकन कॉलेज ऑफ एनिमल वेलफेयर की डिप्लोमेट हैं। हाथियों की सर्जरी, चिकित्सा पर लिखी गई टेस्टबुक की डॉ। सुसान को एडीटर हैं। सुसान ने हाथियों के स्वास्थ्य, देखभाल पर दुनिया के सबसे बड़े एलिफेंट बिल्बोग्राफी डाटाबेस का निर्माण और रखरखाव किया है। डोनाल्ड सी प्लंब, फार्म डी। के साथ डॉ। सुसान ने हाथियों को लेकर पहला एलीफेंट केयर डाट ओआरजी के नाम से ऑनलाइन प्लेटफार्म तैयार किया है। गुनेनहाइम फेलोशिप से सम्मानित डॉ। सुसान भारत समेत हाथियों की सेवा करने वाले देशों के साथ लगातार कार्य कर रही हैं।
डॉ। जेने एल ब्राउन, पीएचडी
हेड, रिसर्च फिजियोलॉजिस्ट एंड एंडोक्राइन रिसर्च लेबोरेटरी, यूएसए
डॉ। जेने एल ब्राउन, अमेरिकन रिसर्च फिजियोलॉजिस्ट हैं और दुनियाभर में वन्यजीवों पर रिसर्च का 35 सालों का अनुभव है। डॉ। ब्राउन फ्रंट रॉयल, वर्जीनिया में स्मिथसोनियन कंजर्वेशन बायोलॉजी इंस्टीट्यूट की एंडोक्राइन रिसर्च लेबोरेटरी की प्रमुख हैं। लुप्तप्राय विशेषकर हाथियों के बेहतर संरक्षण और देखरेख के लिए डॉ। ब्राउन को जाना जाता है। दर्जनों प्रजातियों के सीरम, बाल, यूरिन, प्लाज्मा, स्लाइवा एवं अन्य बायोमार्कर को मापने के लिए तकनीकि विकसित की है। 350 से ज्यादा पीर रिन्यूड पब्लिकेशन तैयार किए हैं।
डॉ। विलेम शेफ्टेनर, डीवीएम
डायरेक्टर, फनड्रेजर एंड प्रोजेक्ट मैनेजर वर्क ऑफ वाइल्ड लाइफ इंटरनेशनल, यूएसए
अपने शुरुआती वेटेनरी कैरियन में डॉ। विलेम ने 9 वर्षों तक 3 अफ्रीकी देशों में विभिन्न वाइल्ड एनीमल प्रोजेक्टर पर कार्य किया है। 2005 में डॉ। विलेम यूरोपियन एलिफेंट टैक्सन सलाहकार समूह के एडवाइज रहे हैं। म्यांमार में एलिफेंट हेल्थकेयर और वेलफेयर वर्कशाप में उन्होंने 2018 और 2019 में शिरकत की है। विलेम हाथियों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए वेटेनेरियन के लिए एक वेबासाइट का संचालन भी कर रहे हैं।
हॉलिस बरबैंक-हमरलैंड
डायरेक्टर, फंडरेसर एंड प्रोजेक्ट मैनेजर वर्क फॉर वाइल्ड लाइफ इंटरनेशनल, यूएसए
वर्क फॉर वाइल्ड लाइफ इंटरनेशनल के संस्थापक एवं डायरेेक्टर डॉ। हॉलिस दुनियाभर में हाथियों के स्वास्थ्य और कल्याण विशेषज्ञों के साथ सहयोग करती हैं। हाल की परियोजनाओं में थाईलैंड, इंडिया, नेपाल, लाओस, म्यांमार में 'इमरजेंसी एलिफेंट हेल्थ एंड वेलफेयर लाइफलाइन फंडÓ के लिए कार्य करना उल्लेखनीय है। भारत एवं आसपास के देशों में हाथियों से जुड़े अभियानों का संचालन डॉ। हॉलिस कर रही हैं।