आगरा। प्रायॉरिटी कॉरिडोर के ऐलिवेटिड भाग में दो स्टेशन ताज ईस्ट गेट एवं बसई मेट्रो स्टेशन पर सिविल निर्माण कार्य पूरा हो गया है। फिलहाल, यहां यूपी मेट्रो द्वारा फिनिशिंग कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही इन दोनों स्टेशनों पर (दोनों ओर) कॉन्कोर्स से प्लेटफॉर्म तक जाने हेतु लिफ्ट इंस्टॉलेशन का काम किया जा रहा है। आगरा मेट्रो के सभी स्टेशनों पर जॉनशन लिफ्ट प्रा। लि। कंपनी की लिफ्ट लगाई जा रही हैं।

लगाए जा रहे लिफ्ट एस्किलेटर्स
यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यूपी मेट्रो रेल कॉपोरेशन द्वारा ग्राउंड लेवल से कॉन्कोर्स एवं कॉन्कोर्स से प्लेटफॉर्म तक जाने के लिए लिफ्ट एवं एस्किलेटर्स लगाए जा रहे हैं। शहर में मेट्रो सेवा शुरू होने के बाद यात्रियों की सुविधा के लिए ऐलिवेटेड स्टेशनों पर लिफ्ट एवं एस्किलेटर्स होंगे जिसकी मदद से बुजुर्ग, दिव्यांग एवं जरूरतमंद यात्री आसानी से मेट्रो सेवा का लाभ उठा पाएंगे। इसके साथ ही विश्वस्तरीय डिपो परिसर की वर्कशॉप बिल्डिंग में लिफ्ट इंस्टॉल की जा रही है।


ऐसे होगा बिजली का उत्पादन
आगरा मेट्रो द्वारा प्रयोग की जाने वाली लिफ्ट रीजेनरेटिव प्रणाली से लैस होंगी। यात्री सेवा शुरू होने के बाद बार-बार लिफ्ट के प्रयोग से बिजली का उत्पादन होगा। उदाहरण के तौर पर यदि कोई लिफ्ट दिन में 100 यूनिट उपयोग करेगी तो रीजेनरेटिव प्रणाली के जरिए वह लिफ्ट 37 यूनिट का उत्पादन भी करेगी, जिसे सप्लाई में वापस भेज दिया जाएगा। रीजेनरेटिव प्रणाली से युक्त लिफ्ट द्वारा उत्पादित की गई बिजली के आंकलन के लिए मीटर भी लगाए जाएंगे। इसके साथ ही आगरा मेट्रो में लगाए जाने वाले एस्केलेटर्स में भी पावर सेविंग की सुविधा होगी। यात्री सेवा के दौरान यदि कोई एस्किलेटर 45 सेकेंड तक प्रयोग में नहीं रहता है, तो वह ऑटोमेटिक ही धीमा हो जाएगा, इसके बाद भी यदि अगले 15 सेकंड तक एस्केलेटर पर कोई आवागमन नहीं होता वह खुद बन्द हो जाएगा।

29.4 किमी। के होंगे दो कॉरिडोर
ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। इसमें 6 एलिवेटिड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे। इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी। लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलिवेटेड स्टेशन होंगे। इस कॉरिडोर के लिए कालिंदी विहार क्षेत्र में डिपो का निर्माण किया जाएगा।