आगरा(ब्यूरो) । सीएमओ डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि ताजगंज निवासी जिला अस्पताल के 53 वर्ष के डॉक्टर को सर्दी जुकाम और बुखार की समस्या थी। जिला अस्पताल में जांच कराई। कोरोना की पुष्टि हुई है। ताजगंज क्षेत्र के होटल में काम करने वाले दो कर्मचारियों में कोरोना की पुष्टि हुई है। ये फिरोजाबाद और मथुरा के रहने वाले हैं, ताजगंज क्षेत्र में किराए पर रह रहे थे। सिकंदरा निवासी 45 वर्षीय महिला, गांधी नगर निवासी 67 वर्ष की महिला और ग्वालियर रोड निवासी 35 वर्ष की महिला में कोरोना की पुष्टि हुई है। राम नगर कॉलोनी निवासी 27 वर्ष के युवक, ताजगंज के रहने वाले 22 वर्ष के युवक ने सर्दी जुकाम बुखार होने पर जांच कराई। इनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। कोरोना के 17 सक्रिय केस हैं। सभी का इलाज घर पर चल रहा है। इनके संपर्क में आए लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं।

गंभीर मरीजों की ही जीनोम सिक्वेंङ्क्षसग
23 मार्च से तीन अप्रैल तक कोरोना के 17 केस मिल चुके हैं। कोरोना संक्रमण किस वैरिएंट से फैल रहा है, इसका पता लगाने के लिए सैंपल की जीनोम सिक्वेंङ्क्षसग कराई जाती है। सीएमओ डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि गंभीर मरीज जिन्हें सांस लेने में परेशानी है, उनके सैंपल ही जीनोम सिक्वेंङ्क्षसग के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजे जाएंगे। कोरोना संक्रमित कोई भी मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं है, इसलिए सैंपल जीनोम सिक्वेंङ्क्षसग के लिए नहीं भेजे गए हैं।


आठ नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। सभी का घर पर ही इलाज चल रहा है।
डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ

खांसते रहे मरीज, नहीं मिला इलाज

आगरा. जिला अस्पताल की बाल रोग विभाग की ओपीडी में सोमवार को डॉक्टर नहीं बैठे। दोनों बाल रोग विशेषज्ञ कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। 70 प्रतिशत बच्चों को लौटना पड़ा। वहीं, एसएन मेडिकल कॉलेज की मेडिसिन की ओपीडी में रिकॉर्ड 700 से अधिक मरीज पहुंचे। सर्दी जुकाम बुखार के साथ ही बेचैनी और घबराहट से पीडि़त मरीजों की संख्या अधिक रही। ओपीडी में मरीज खांसते हुए पहुंचे।

मायूस लौटे मरीज
जिला अस्पताल में दो बाल रोग विशेषज्ञ हैं, दोनों ही कोरोना संक्रमित हो गए हैं। बुखार, खांसी की समस्या से पीडि़त 350 बच्चों ओपीडी में आए, बाल रोग विशेषज्ञ न होने पर 70 प्रतिशत मरीज लौट गए। मरीजों की संख्या अधिक होने बाल रोग विभाग की ओपीडी में जनरल फिजीशियन की डयूटी लगाई गई। 30 प्रतिशत मरीजों को परामर्श मिला। जिला अस्पताल की ओपीडी में 3400 मरीजों को परामर्श दिया गया।

तीन हजार से अधिक मरीज पहुंचे
उधर, एसएन की ओपीडी में 3186 मरीज परामर्श लेने पहुंचे। मेडिसिन की ओपीडी में 709 मरीजों को परामर्श दिया गया। इसमें सर्दी जुकाम, बुखार के साथ ही खांसी के मरीजों की संख्या अधिक रही। क्षय एवं वक्ष रोग विभाग की ओपीडी में सांस लेने में परेशानी और खांसी के मरीजों की संख्या अधिक रही। यहां 307 मरीजों को परामर्श दिया गया। बाल रोग विभाग की ओपीडी में 195, चर्म रोग विभाग की ओपीडी में पहुंचे मरीजों के शरीर पर दाने और चकत्तों की समस्या ज्यादा रही। जिला अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डॉ। अनीता शर्मा ने बताया कि दोनों बाल रोग विशेषज्ञ कोरोना संक्रमित हैं, उनकी जगह जनरल फिजीशियन ने बाल रोग विभाग की ओपीडी में परामर्श दिया।

30 प्रतिशत मरीज और तीमारदार ही लगा रहे मास्क
सरकारी और निजी अस्पताल में मरीजों से मास्क लगाने के लिए कहा जा रहा है। सोमवार को एसएन और जिला अस्पताल की ओपीडी में 30 प्रतिशत मरीज और तीमारदारों ने ही मास्क लगाया। कर्मचारी भी मास्क नहीं लगा रहे हैं।

पर्चे के लिए धक्कामुक्की, बाजार से खरीदी दवाएं
जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या अधिक होने पर पर्चे के लिए धक्कामुक्की हुई। सुरक्षा कर्मियों ने मरीज और तीमारदारों को समझा बुझाकर शांत कराया। वहीं, एसएन और जिला अस्पताल में मरीजों को सभी दवाएं अस्पताल से नहीं मिली। कफ सिरप के साथ ही एंटीबायोटिक सहित अन्य दवाएं मरीजों को बाजार से खरीदनी पड़ी।

कुत्ता और बंदरों के काटने पर वैक्सीन लगवाने वालों की भीड़
जिला अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने वालों की लंबी लाइन लगी रही। कुत्ता और बंदर के काटने पर 550 मरीज वैक्सीन लगवाने के लिए आए। एक से डेढ़ घंटे इंतजार करना पड़ा।


ढाई साल का बेटा है कई दिनों से बुखार आ रहा था। ओपीडी में डाक्टर नहीं मिले, एक घंटे इंतजार करने के बाद लौटना पड़ा।
दिलीप, रामनगर

10 महीने की बेटी को बुखार आ रहा है, बाल रोग विशेषज्ञ नहीं मिले। इलाज के बिना ही लौटना पड़ा।
पूजा, ताजगंज