गर्मी आहत रहे
बीएड एंट्रेंस एग्जाम सुबह 9 बजे से शुरू हुआ। बीएड एग्जाम के लिए जिले में 29 केंद्र बनाए गए थे। जिसमें 13829 रजिस्टर्ड स्टूडेंट्स में से 12254 ने परीक्षा में हिस्सा लिया। इस दौरान 1526 अभ्यर्थी गैरहाजिर रहे। यह परीक्षा दो पालियों में कराई गई। जिसमें पहली पाली सुबह 9 से 12 तक हुई। दूसरी पाली शाम को 2 बजे से 5 बजे समाप्त हुई। एग्जाम हॉल में गर्मी के चलते कुछ परीक्षार्थियों की हालत खराब हो गई, कुछ केंद्रों पर परीक्षार्थियों ने पानी की व्यवस्था नहीं होने की बात कही, तो कहीं पर मोबाइल फोन जमा कराने के रुपए मांगने की शिकायत की।
आसानी से हल किए गए प्रश्न
बीएड एंट्रेंस एग्जाम में परीक्षार्थियों को प्रश्नों को सॉल्व करने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई। पहली पाली की परीक्षा देकर केंद्र से बाहर निकले परीक्षार्थियों ने बताया कि जिस प्रकार परीक्षा के बारे में सोचा था प्रश्न पत्र काफी सरल आया था। अगर किसी ने 1 से 2 महीने भी पढ़ाई की है। उसे प्रश्नों को हल करने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई होगी। अच्छा प्रदर्शन करने के बाद अब उन्हें अच्छे परिणाम की उम्मीद है। परीक्षार्थी प्रियंका सिंह का कहना था कि पिछली बार भी एंट्रेंस एग्जाम दिया था, लेकिन इस बार का आसान है। इस बार कृष्ण किसके सारथी थे, श्रुतकीर्ति किसकी पत्नी थी? ये प्रश्न बीएड एंट्रेंस में पूछे गए, जो आसान रहे।
एक घंटे पहले ही किया सॉल्व
बीएड की प्रवेश परीक्षा की पहली पाली समाप्त कर केंद्र से बाहर निकले परीक्षार्थियों ने अपने अनुभव शेयर किए। परीक्षार्थियों ने बताया कि परीक्षा में पूछे गए प्रश्न काफी सरल थे। कई परीक्षार्थियों ने 1 घंटे में ही प्रश्न पत्र को पूरी तरह से हल कर दिया। उन्होंने कहा की नई राष्ट्रीय नीति के तहत भी कई प्रश्न आए थे। साथ ही सामान्य ज्ञान और हिंदी से भी कई प्रश्न पूछे गए थे।
शिक्षकों के बारे में बदलनी होगी सोच
सिकंदरा क्षेत्र से प्रवेश परीक्षा देने आई गरिमा ने बताया कि उन्होंने जीके, जीएस और अंग्रेजी की तैयारी की थी। उसके प्रश्न भी काफी सरल आए थे। उन्होंने बताया कि अगर वह शिक्षक बनती है, तो सरकारी शिक्षकों के बारे में लोगों की जो सोच है उसे बदलना है। शिक्षा के स्तर को और अच्छा करना है। बच्चों पर ध्यान देकर उनके भविष्य को उज्जवल करना है।
परीक्षार्थी अंजलि पांडेय ने बताया कि अगर वह भविष्य में शिक्षक बनते हैं, तो शिक्षा के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे। वहीं उन्होंने बताया कि शिक्षक लोगों को अंधकार से प्रकाश की तरफ ले जाता है। इसीलिए उसके कंधे पर देश के भविष्य की जिम्मेदारी होती है.
बीएड की प्रवेश परीक्षा देने आई संगीता ने बताया कि तैयारी अच्छी की थी। लेकिन जीके में कुछ प्रश्न ऐसे थे जो काफी मुश्किल थे। साथ ही स्पोट्र्स के कुछ प्रश्नों ने भी उन्हें बीच में अटका दिया.
- दो पालियों में हुई बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा, 1526 अभ्यर्थी रहे अनुपस्थिति
ऐसी रही परीक्षा
13820 परीक्षार्थी थे कुल पंजीकृत
12254 परीक्षार्थी उपस्थित रहे
29 केंद्रों पर हुई परीक्षा
02 पाली में हुई परीक्षा