आगरा(ब्यूरो)। जानकारी के अनुसार देवेंद्र आहूजा उर्फ चिंटू छह साल पहले फव्वारा मार्केट में हिंद मेडिकल स्टोर मेें आठ हजार रुपए की मामूली नौकरी करता था। इसके बाद वह लोकल माफियाओं के संपर्क में आने के बाद बाहूबली के नजदीक पहुंच गया, जहां नकली दवा के कारोबार का सिलसिला शुरू हुआ। नशे के लिए बांग्लादेश में कफ सिरप की मांग है, यहां से वह कफ सिरप सप्लाई करने वाले गिरोह में शामिल हो गया। पांच वर्ष पहले नवाबिया मार्केट, फव्वारा में जय रामजी की मेडिकल स्टोर खोला। इसी मार्केट में उसकी 15 दुकानें हैं, कई गाडिय़ों के साथ ही नोएडा में भी प्रापर्टी बताई जा रही है। प्रतापनगर जयपुर हाउस में कोठी है।


बंगाल ले जाने की है तैयारी
देवेंद्र आहूजा उर्फ चिंटू को एसओजी टीम पश्चिम बंगाल लेकर जाने की तैयारी कर रही थी। इसके लिए आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया था। बीते दिनों पश्चिम बंगाल के मालदा के कलिया चक थाना में पुलिस ने नशे के लिए दवाओं की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के सदस्य पकड़े। टीम ने इनसे कोडीन युक्त कफ सिरप का जखीरा पकड़ा है। इनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। इसके बाद आगरा पहुंची टीम ने देवेन्द्र से पूछताछ की, जिसमें देवेन्द्र नकली दवा के कारोबार में मिली भगत की जानकारी मिली।

दुकान से किया चिंटू को गिरफ्तार
आरोपियों से पूछताछ में फव्वारा स्थित जय राम जी की मेडिकल स्टोर के संचालक देवेंद्र आहूजा उर्फ चिंटू का नाम बताया। कहा कि ये कफ सिरप उससे ही खरीदे हैं। इस पर राज्य सरकार ने एसओजी बनाई और देर शाम आगरा पहुंची। यहां के पुलिस अधिकारियों को संज्ञान में लेकर फव्वारा स्थित इसके मेडिकल स्टोर पर पहुंचे, मौके पर चिंटू मिला और इसे गिरफ्तार कर लिया है। इसके फोन नंबर भी जब्त किए गए हैं।

मोबाइल का टीम खंगालेगी डाटा
एसओजी ने जय राम जी की मेडिकल स्टोर पर छह कर्मचारी भी कार्य कर रहे थे। एसओजी की टीम ने इन कर्मचारियों के फोन नंबर जब्त कर लिए हैं। इनके नाम पता और अन्य जानकारी भी की है। आशंका है कि इनके फोन नंबर से नशे के लिए कफ सिरप की कालाबाजारी करने वाले अन्य लोगों की जानकारी मिल सकेगी।


एक लाख बोतल की डीलिंग
मालदा, पश्चिम बंगाल में कफ सिरप का जखीरा पकड़े जाने पर ङ्क्षचटू गिरोह निशाने पर है। बंगाल पुलिस ने शुक्रवार को उसे मेडिकल स्टोर से गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ में सामने आया है कि कफ सिरप की पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश में सप्लाई की जाती है, ङ्क्षचटू गिरोह के बांग्लादेश के ड्रग पेडलर्स से संपर्क हैं। प्रदेश के कई जिलों के थोक दवा कारोबारियों से ङ्क्षचटू गिरोह कफ सिरप मंगाता है, कंपनी से कफ सिरप ट्रांसपोर्ट कंपनी पर पहुंचते हैं इन्हें कार, ट्रक के माध्यम से पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश तक पहुंचाया जाता है्र। 140 रुपए एमआरपी का सिरप 800 से 900 रुपए तक में बिकता था। डीङ्क्षलग भी एक लाख बोतल की होती थी।


पहली बार पकड़ा
देवेंद्र आहूजा की हर जगह सेङ्क्षटग है, नेताओं से लेकर अधिकारियों से संपर्क हैं। कई वर्षों से कफ सिरप की सप्लाई करने के बाद भी वह पकड़ा नहीं गया।


गिरोह में फूट से पकड़ा गया
गोरखपुर में नशीली दवाएं पकड़ी गईं थी। ट्रक चालक से सेङ्क्षटग कर गिरोह के जिस सदस्य ने सिरप और दवाएं भेजी थी उससे बयान में दूसरे साथी का नाम दर्ज करा दिया। फव्वारा बाजार में चर्चा है कि इस घटना के बाद गिरोह में फूट पड़ गई है। एक दूसरे को फंसाने में गिरोह के सदस्य लग गए हैं, इसके चलते ही ङ्क्षचटू पकड़ा गया।



दुकान से मिले दस्तावेज और 19 सैंपल की जांच पूरी होने के बाद कोर्ट में परिवाद दायर किया जाएगा। इसके साथ ही लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।
एके जैन, सहायक औषधि आयुक्त

हाल ही में पकड़े गए नशीली दवा माफिया गैंग
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ङ्क्षचटू गिरोह