आगरा। सिंचाई विभाग के आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2014-15 में औसत बारिश भी नहीं हुई थी। इस कारण सूखे की स्थिति रही रही। बारिश सीजन के चार महीनों में सूखा बना रहा था। बता दें कि बारिश सीजनल औसत बारिश 643.5 एमएम के सापेक्ष 280 एमएम ही बारिश हुई थी। इसके बाद वर्ष 2015-16 में 241 एमएम बारिश हुई थी। वर्ष 2017-18 में भी आंकड़ा औसत से दूर रहा था।

50 प्रतिशत भी नहीं पहुंचा आंकड़ा
बारिश का सीजन जून से शुरू होकर सितंबर तक रहता है। सबसे ज्यादा बारिश अगस्त के महीने में होती है। लेकिन अभी तक 50 प्रतिशत का आंकड़ा भी नहीं पहुंच सका है। जून का महीना तो बिल्कुल सूख चला गया। जिले में सीजनल औसत बारिश का दायरा 640 से 650.5 एमएम तक रहता है। जून में औसत बारिश 74.3 एमएम होनी चाहिए, लेकिन इस बार जून का महीना सूखा चला गया। जुलाई में सीजनल औसत बारिश का दायरा 205 एमएम होना चाहिए, लेकिन इस बार जुलाई में 96 एमएम बारिश ही हुई। अब अगस्त का महीना चल रहा है। इस महीने में 233.6 एमएम बारिश होनी चाहिए। अभी चार दिनों से बूंदाबांदी के अलावा कहीं बारिश नहीं हुई है। पिछले दिनों से आसमान में बादल छाए हुए हैं।

बारिश कम हुई तो गिरेगा वाटर लेवल
अगर बारिश औसत से भी कम हुई तो जिले के अंडरग्राउंड वाटर लेवल के ग्राफ में कमी होगी। बता दें कि जिले में 15 ब्लॉक में से 10 ब्लॉक डार्क जोन में है। बारिश न होने से प्रति वर्ष 70 सेमी। प्रतिवर्ष की दर से अंडरग्राउंड वाटर लेवल में गिरावट हो रही है। भूजल सर्वेक्षण के आंकड़ों पर नजर डालें तो शहर के कई इलाकों में तेजी से अंडरग्राउंड वाटर लेवल में कमी दर्ज की गई है। बता दें कि जिले में पानी संचयन के लिए अमृत सरोवर के तहत कई तालाबों को कब्जा मुक्त कर साफ कराने का दावा जिला प्रशासन का है। भूजल सर्वेक्षण विभाग के सीनियर जियोफिजिकलिस्ट शिवम द्विवेदी कहते हैं कि ज्यादा बारिश होने से उस पानी का संचयन किया जाए तो अंडरग्राउंड वाटर लेवल मं इजाफा होता है। सभी को बारिश के पानी को वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से बारिश के पानी का संचयन करें।

यमुना में वाटर रिलीजिंग बढ़ी
यमुना में वाटर रिलीजिंग का दायरा बढऩे से यमुना के वाटर लेवल में लगातार इजाफा हो रहा है। इसमें गुरुवार को ताजेवाला बैराज से 27457 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं ओखला बैराज से 20919 क्यूसेक और गोकुल बैराज से 26818 क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया। इससे यमुना का वाटर लेवल 490.10 फीट तक पहुंच गया है। इस बारे में सिंचाई विभाग के एक्सईएन ने बताया कि यमुना के वाटर लेवल में इजाफा हो सकता है। बता दें कि 495 फीट पर यमुना का लो फ्लड लेवल है।

यमुना के वाटर लेवल पर गत वर्षों की स्थिति पर एक नजर

वर्ष महीना वाटर लेवल
2018 जून 480.7
जुलाई 492.2
अगस्त 494.1


2019 जून 480.5
जुलाई 481.7
अगस्त 493.2

2020 जून 481.6
जुलाई 482.8
अगस्त 490.1

2021 जून 480.0
जुलाई 487.7
अगस्त 492.0

2022 जून 480.0
जुलाई 485.0
अगस्त 490.10
-----------------------