आगरा। डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो। विनय कुमार पाठक द्वारा केंद्रीय पुस्तकालय को आधुनिक बनाने पर मुहर लगाई गई। केंद्रीय पुस्तकालय के अवैतनिक पुस्तकालय अध्यक्ष प्रोफेसर उमेश चंद्र शर्मा, सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ। कृष्ण कुमार केसरवानी, जयप्रकाश सिंह एवं सूचना वैज्ञानिक डॉक्टर सुनील उपाध्याय के साथ कुलपति ने विचार-विमर्श कर प्लानिंग तैयार की। जिसमें पुस्तकालय के कायाकल्प के साथ डिजिटलाइजेशन पर जोर दिया गया।
स्टूडेंट्स के लिए आधुनिक सुविधा
डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के चारों परिसरों में, पालीवाल पार्क , खंदारी परिसर, संस्कृति भवन और छलेसर कैंपस केन्द्रीय पुस्तकालय की एक-एक शाखा केंद्रीयकृत रूप में स्थापित की जाएगी, इससे सभी फैकल्टी के स्टूडेंट्स को पुस्तकालय की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। परिसर को स्टूडेंट्स को मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
वीसी ने तय की अधिकारियों की जिम्मेदारी
खंदारी परिसर के अंबेडकर पीठ में स्थापित किए जाने वाले पुस्तकालय के प्रभारी सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ। कृष्ण कुमार केसरवानी होंगे, पालीवाल पार्क परिसर स्थित केंद्रीय पुस्तकालय के प्रभारी सहायक पुस्तकालय अध्यक्ष जयप्रकाश सिंह होंगे, संस्कृति भवन और छलेसर कैंपस के प्रभारी सूचना वैज्ञानिक डॉक्टर सुनील उपाध्याय को घोषित किया गया है। कुलपति द्वारा सभी की जिम्मेदारी तय की गई है। सभी प्रभारी गण अवैतनिक पुस्तकालय अध्यक्ष प्रोफेसर उमेश चंद्र शर्मा के निर्देशन में कार्य करेंगे।
पुस्तकालयों का डिजिटलाइजेशन किया शुरू
यूनिवर्सिटी के चारों परिसरों के सभी पुस्तकालयों को डिजिटल लाइब्रेरी के रूप में विकसित करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसमें आधुनिक पुस्तकों की डिमांड के साथ उनके रख रखाव को लेकर बेहतर व्यवस्था की जाएगी। यूनिवर्सिटी के केएम इंस्टीडयूट में हजारों वर्ष पुराने अभिलेख हैं, इस संबंध मेें सभी दस्तावेजों को लेमिनेट करने के साथ रख रखाव मेें पारदर्शिता बरती जाएगी।
पीएचडी के 4075 शोधग्रंथ किए अपलोड
शोधगंगा रिपोजिटरी पर यूनिवर्सिटी और उससे संबद्ध महाविद्यालयों में संग्रहीत पीएचडी के 4065 शोध ग्रंथों को अपलोड किया जा चुका है। इस रिपोजिटरी पर 10 माह पहले प्रदेश के विश्वविद्यालयों में हमारा स्थान 237 वें नंबर पर था, जो आज 22 वें नंबर पर है।
एक वर्ष में नंबर वन पर होगी यूनिवर्सिटी
प्रोफेसर उमेश चंद्र शर्मा ने बताया कि इस रिपोजिटरी में शोध ग्रंथों को अपलोड करने का कार्य तेजी से चल रहा है और उन्होंने आशा प्रकट की है कि आगामी एक वर्ष में हमारी यूनिवर्सिटी प्रथम स्थान पर आ जाएगा।
स्टूडेंट्स एवं शोधार्थी शोधगंगा के लिंक पर जाकर अध्ययन कर सकते हैं।
कुलपति के निर्देशों पर पुस्तकालय का स्वचालन एवं उसे ई-लाइब्रेरी के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। शीघ्र ही उपयोगकर्ताओं के लिए पुस्तकालय नए कलेवर में और ऑटोमेटिक सुविधाओं के साथ अध्ययन के लिए उपलब्ध होगा।
- प्रो। उमेश शर्मा, अवैतनिक पुस्तकालय अध्यक्ष
- यूनिवर्सिटी और अटैच महाविद्यालयों में संग्रहीत पीएचडी के शोध ग्रंथ किए अपलोड - 4065
- इस रिपोजिटरी पर 10 माह पहले प्रदेश के यूनिवर्सिटी में हमारा स्थान 237 वें नंबर पर था
-वर्तमान में रिपोजिटरी पर यूनिवर्सिटी का वर्तमान में स्थान 22 वें नंबर पर है।
-आगामी एक वर्ष में रिपोजिटरी में यूनिवर्सिटी का प्रस्तावित स्थान्र 01 नंबर