आगरा(ब्यूरो)। शहर में जी-20 को लेकर तैयारियां जोरशोर से चल रहीं हैं। फरवरी में विजिट के दौरान विदेशी डेलीगेट्स स्मारकों का भ्रमण करेंगे। इसमें ताजमहल के साथ एत्माद्दौला भी शामिल है। एत्माद्दौला के पीछे यमुना की खूबसूरत तस्वीर नजर आए, इसके लिए यमुना की सफाई के नाम पर पोकलेन मशीन नदी में उतार दी गई है।
नदी की ड्रेजिंग का दावा
पोकलेन मशीन ने नदी की खोदाई कर रेत के ढेर बना दिए हैं। इससे एत्माद्दौला से यमुना का व्यू खराब हो रहा है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का दावा है कि नदी की ड्रेजिंग कराई जा रही है, जबकि पर्यावरणविद्ें की ओर से इस पर सवाल खड़े किए गए हैं। बिना अनुमति के इस तरह कार्य नहीं किया जा सकता है। इससे स्मारकों के साथ नदी को भी नुकसान पहुंचेगा।
बड़े होते जा रहे 'पहाड़
यमुना में रेत के पहाड़ लगातार बड़े होते जा रहे हैं। गुरुवार को यमुना में पोकलेन मशीन से खुदाई का कार्य लगातार जारी रहा। रेत या सिल्ट के पहाड़ लगातार बड़े होते जा रहे हैं। यमुना किनारा रोड से गुजरने वाले लोगों के लिए ये चर्चा का विषय बन गए हैं।
खूबसूरती की जगह बिगाड़ तो नहीं दिया व्यू
जी-20 देशों के डेलीगेट्स के लिए सौंदर्यीकरण की कवायद के रूप में ही यमुना में ये कार्य कराया जा रहा है। लेकिन नदी का व्यू संवारने की जगह बिगड़ा हुआ नजर आ रहा है। अगर ये रेत के पहाड़ या टीले नहीं हटाए गए तो व्यू और खराब दिखेगा।
यमुना की सफाई की जा रही है। अगर यमुना में रेत इकट्ठा कर दिया गया है तो इसको दिखवाया जाएगा।
नवनीत सिंह चहल, जिलाधिकारी
बिना किसी परमीशन और स्टडी के इस तरह नदी में खुदाई करना आगे चलकर बहुत खतरनाक हो जाएगा। खुदाई कर नदी की धारा को बदलने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि गंभीर मामला है।
डॉ। देवाशीष भट्टाचार्य, पर्यावरणविद्
इस तरह यमुना नदी की खुदाई से जलजीवों को भी खतरा हो गया है। बिना किसी प्रॉपर स्टडी और परमीशन के यमुना में पोकलेन मशीन से खुदाई करना गंभीर है।
डॉ। शरद गुप्ता, पर्यावरणविद्