आगरा(ब्यूरो)। इस बार स्वास्थ्य विभाग द्वारा मच्छरों की रोकथाम के लिए सर्वे कार्य किया। इसके साथ ही एंटी लार्वा का छिड़काव किया गया। डेंगू की रोकथाम के लिए विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया गया। जब डेंगू की रोकथाम के लिए किए गए कार्यों की जांच के लिए केंद्र की टीम आगरा आई। तो टीम ने डेंगू की ब्रीडिंग की शिकायत की। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने विशेष अभियान चलाया और एंटी लार्वा का छिड़काव करके स्थिति को कंट्रोल किया।
प्राइवेट हॉस्पिटल पर लगाई लगाम
बीते साल जहां निजी लैब और अस्पतालों की मनमानी के कारण डेंगू का भय फैल गया था। इस कारण बिना एलिजा टेस्ट के ही डेंगू का उपचार किया जा रहा था। इस बार स्वास्थ्य विभाग की सतर्कता से डेंगू के नाम पर निजी लैब्स की मनमानी पर ब्रेक लगा। जिला मलेरिया अधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि जिन लैब में डेंगू के संदिग्ध मरीज पाए जा रहे हैं, उनका मरीजों का विभाग एलाइजा टेस्ट करा रहा है। विभाग के इस कदम से रैपिड टेस्ट में मरीजों को डेंगू बताकर निजी हॉस्पिटलों में होने वाला शोषण रुका है। डीएमओ ने बताया कि आगरा जनपद में इस सीजन में अब तक डेंगू के 32 मरीज मिले। इनमें से दस मरीज निजी लैबों के रैपिड टेस्ट की जांच को एलिजा से पुष्ट कराया। उन्होंने बताया कि सभी मरीज स्वस्थ हो चुके हैैं। अभी कोई एक्टिव केस नहीं। डेंगू सोर्स रिडक्शन और लोगों को अवेयर करने का काम जारी है।
निजी लैब से मांगा रिकॉर्ड
डीएमओ ने बताया कि विभाग द्वारा शासन के निर्देश पर निजी लैब द्वारा की गई जांच का ब्यौरा स्वास्थ्य विभाग ने मांगा। नवंबर में रैपिड टेस्ट के नाम पर कुछ लैब में मनमानी करने की कोशिश की गई तो स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता दिखाते हुए सभी मरीजों के रिकॉर्ड तलब कर उनके एलाइजा टेस्ट कराने शुरू कर दिए। निजी लैब में रैपिड टेस्ट में डेंगू के 30 संदिग्ध मरीजों की विभाग ने एलाइजा जांच कराई। इसके बाद डेंगू के रैपिड टेस्ट में निजी लैबों ने सावधानी बरतना शुरू कर दिया।
सभी मरीजों के आसपास कराई एक्टिविटी
डीएमओ ने बताया कि आगरा में जितने भी डेंगू मरीज मिले हैैं। उनके घर और दफ्तर में जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक्टिविटी की। उन्होंने बताया कि डेंगू का मरीज मिलने पर संक्रमण की रोकथाम के लिए एंटी लार्वा का छिड़काव किया जाता है। डेंगू के मच्छर व लार्वा की जांच की जाती है। यदि डेंगू का लार्वा मिलता है तो सोर्स रिडक्शन किया जाता है। यदि मरीज के परिवार के सदस्यों या पड़ोसियों को बुखार इत्यादि की परेशानी होती है तो कैंप लगाकर उनका भी परीक्षण किया जाता है। इसके साथ ही उन्हें डेंगू से बचाव के लिए जागरुक भी किया जाता है।
क्यूलेक्स मच्छर काट रहा
डीएमओ ने बताया कि अब डेंगू का लार्वा नहीं मिल रहा है। अब गंदे पानी में पनपने वाला क्यूलेक्स मच्छर पनप रहा है। इससे बचाव करें। यह आगरा में कोई विशेष नुकसान नहीं पहुंचाता है। इसे दूर करने के लिए अपने आसपास गंदे पानी को इकट्ठा न होने दें।
डेंगू से मुक्त आगरा में यह रहे कारगर कदम
- नौ महीने से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
- बारिश के मौसम में स्वास्थ्य टीमों ने डेंगू की स्क्रीनिंग के लिए भ्रमण किया।
- एंटी लार्वा का छिड़काव, बारिश के बाद जलभराव न होने देने के लिए भी टीमें सक्रिय रहीं।
- मरीज मिलने पर उसके घर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डेंगू के लार्वा का निस्तारण किया।
- निजी लैब से भी डेंगू के मरीजों का मंगाया डाटा।
- अस्पतालों में जाकर भी किया सर्वे
आगरा में डेंगू के अब तक 32 मरीज मिले हैैं। वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गए हैैं। अब डेंगू का कोई एक्टिव केस नहीं हैैं। डेंगू का लार्वा भी नहीं मिल रहा है। अब केवल क्यूलेक्स मच्छर मिल रहे हैैं।
- नीरज कुमार, डीएमओ
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32 मरीज मिले हैैं आगरा में अब तक
10 मरीज निजी लैब में मिलने पर हुए पुष्ट
00 मरीज हैैं आगरा में डेंगू के फिलहाल
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इन मच्छरों से फैलती है यह बीमारी
एडीज- इसके काटने से डेंगू होता है। यह दिन में काटता है.
एनाफिलीज- इसके काटने से मलेरिया होता है। यह साफ और ठहरे हुए पानी में पनपता है।
क्यूलेक्स- यह गंदे पानी में पनपता है और इसके काटने से जापानी बुखार व फाइलेरिया होता है।