आगरा(ब्यूरो) । प्रदेश की उच्च शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए जो संभव प्रयास किए जाने चाहिए वो उन्होंने सभी को सुझाए तो वहीं डॉ। बीआर अंबेडकर यूनीवर्सिटी की गिर रही साख को संवारने का जिम्मा जिम्मेदारों को सौंपा।


डिजी लॉकर रोकेगा फर्जीवाड़ा
स्टूडेंट्स की डिग्री अब डिजी लॉकर पर उपलब्ध होगी। आने वाले समय पर मार्कशीट्स को भी डिजी लॉकर पर उपलब्ध कराने की कवायद प्रदेश की यूनीवर्सिटीज कर रही हैं। जिससे कि छात्र को डिग्री-मार्कशीट उपलब्ध कराने की समस्या का समाधान होगा। वहीं, फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी। उच्च शिक्षा संस्थानों में गिर रहे शैक्षिक स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश की राज्यपाल और डॉ। बीआर अंबेडकर यूनीवर्सिटी की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने यूनीवर्सिटी और कॉलेज की जिम्मेदारी निर्धारित कर दी है। दीक्षा समारोह की पूर्व संध्या पर कुलाधिपति ने खंदारी परिसर स्थित गेस्ट हाउस में यूनीवर्सिटी से संबंध सभी राजकीय, सहायता प्राप्त एवं मान्यता प्राप्त कॉलेजों के प्राचार्यों, यूनीवर्सिटी के आवासीय संस्थानों के प्रमुख, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, प्रशासनिक अधिकारियों और पत्रकारों से बातचीत कर सुधार पर संभावनाओं पर चर्चा की।

कार्यप्रणाली पर जताई चिंता
राज्यपाल ने पत्रकारों के साथ बातचीत में सर्वप्रथम यूनीवर्सिटी और कॉलेज की कार्यप्रणाली पर चिंता व्यक्त की। अंबेडकर यूनीवर्सिटी के 35 हजार छात्रों का रिजल्ट पेडिंग है, यह जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इसमें हर स्तर पर लापरवाही है और हर स्तर पर सुधार की संभावना है। यूनीवर्सिटी यदि समय से रिजल्ट नहीं दे पा रही है तो उसके पीछे कॉलेजों द्वारा समय से छात्रों का डाटा उपलब्ध न कराना है। सेमेस्टर सिस्टम में बहुत खामियां हैं, कॉलेज सेमेस्टर सिस्टम को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। छात्रों और कॉलेज के बीच कॉम्युनिकेशन की कमी के चलते पात्र छात्र समय से परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। वहीं, अपात्र सिस्टम में चूक का लाभ उठा रहे हैं।

कॉलेजों की होगी ग्रेडिंग
महामहिम ने कहा कि अंबेडकर यूनीवर्सिटी प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे कॉलेजों की ग्रेडिंग कराएं। जो कॉलेज समय से प्रवेश, परीक्षा और परिणाम की प्रकिया में सहयोग कर रहे हैं उन्हें 'ए दिया जाए। इसी तरह से ग्रेड 'बी' और जो कॉलेज जो कॉलेज बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे हैं उन्हें ग्रेड 'सी' की श्रेणी में रखा जाए और सभी के प्राचार्यों की जबावदेही तय की जाए। कॉलेजों में शैक्षणिक स्तर और छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं के परीक्षण के लिए यूनीवर्सिटी का एक पैनल गठित किया जा रहा है। जो समय पर कॉलेजों का दौरा कर यथास्थिति की पड़ताल करेगा। पैनल टीचर्स की अटेंडेंस चेक करेगा, कॉलेज में हो रही एक्टीविटी का परीक्षण करेगा, लैब को देखेगा और कॉलेज के इंफ्रास्ट्रक्चर का परीक्षण करेगा। पैनल की रिपोर्ट के बाद तय होगा कि कॉलेज की मान्यता को रेगुलर करने पर विचार होगा।
अब कॉलेजों में भी 'पीटीएम'
यूनीवर्सिटी की परिणाम प्रक्रिया पर उठ रहे सवालों पर राज्यपाल ने कहा कि यूनीवर्सिटीज और कॉलेजों को परीक्षा के बाद पीटीएम का सुझाव दिया गया है। जिसमें वे छात्रों की स्टूडेंट्स की कॉपी दिखाएं जिससे मूल्यांकन प्रक्रिया पर उठ रहे सवालों को रोक लग सके। परीक्षा के लिए शासन द्वारा चयनित एजेंसियों पर निर्भरता को समाप्त करने के लिए उन्होंने दिल्ली यूनीवर्सिटी की तर्ज पर समर्थ पोर्टल को प्रयोग में लाने के निर्देश दिए। परीक्षा एजेंसियों के पास स्टूडेंट्स का डाटा और रिकार्ड होने पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और यूनीवर्सिटी को एजेंसी से डाटा लेेने की हिदायत दी। अंबेडकर यूनीवर्सिटी को नैक ग्रेडिंग में शामिल होने के लिए आवश्यक प्रयास करने के निर्देेश उन्होंने यूनीवर्सिटी प्रशासन को दिए।