आगरा। हाथरस के कस्बा सादाबाद के कश्यप नगर निवासी मुकेश (40) मजदूरी करते थे। उन्हें शराब की लत थी। परिजन परेशान थे। उन्होंने नशा मुक्ति केंद्र का नंबर खोजकर फोन किया तो दूसरी ओर से उन्हें बताया गया कि केंद्र आगरा के कालिंदी विहार में है। दो माह में यहां नशा छुड़वा देंगे। सात हजार रुपए शुल्क देना होगा। बात तय होने पर बुधवार को नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारी कार लेकर सादाबाद पहुंच गए। वहां से 4,500 रुपए और मुकेश को अपना साथ ले आए। इसके बाद केंद्र के कर्मचारी ने मुकेश के भांजे को गुरुवार को सुबह 9.05 बजे एक वीडियो भेजी, जिसमें मुकेश और अन्य लोग योग करते दिखाई दे रहे थे। शाम 4.38 बजे केंद्र के कर्मचारियों ने उन्हें सूचना दी कि मुकेश हॉस्पिटल में भर्ती है।
रात में ही हटा दिया बोर्ड
परिजन पहुंचे तो हॉस्पिटल में मुकेश मृत मिले। उन्हें देखकर केंद्र के कर्मचारी भाग गए। परिजन का आरोप है कि मुकेश को यातनाएं दी गईं, इससे उनकी मौत हो गई। तहरीर देने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इससे गुस्साए परिजन शुक्रवार को सुबह नौ बजे नशा मुक्ति केंद्र पर पहुंच गए। केंद्र के सामने पहले संघर्ष नशा मुक्ति केंद्र का बोर्ड लगा था। गुरुवार रात में ही यह हटा दिया गया था। केंद्र की अंदर से कुंडी न खुलने पर मुकेश के परिजन ने वहां पथराव कर तोडफ़ोड़ की। केंद्र में मौजूद कर्मचारी दूसरी बिङ्क्षल्डगों की छतों से होकर भाग गए। केंद्र पर केवल मरीज ही रह गए। करीब दो घंटा तक लोगों ने हंगामा किया। बाद में इंस्पेक्टर एत्माद्दौला सत्यदेव शर्मा के कार्रवाई का आश्वासन देने के बाद सुबह करीब 11 बजे भीड़ नशा मुक्ति केंद्र से हटी। अभी तक इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।
परिजन ने पैनल से पोस्टमार्टम कराने को आग्रह किया था। इसलिए पैनल से पोस्टमार्टम कराया जा रहा है और वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है। रिपोर्ट आने पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
सत्यदेव शर्मा, इंस्पेक्टर
सहमे रहे 15-16 मरीज
काङ्क्षलदी विहार में सौ फीट रोड पर स्थित बिङ्क्षल्डग में प्रथम तल पर संचालित नशा मुक्ति केंद्र में गुरुवार को 30-35 मरीज थे। मुकेश के परिजन को भेजे गए वीडियो में ये दिखाई दे रहे थे। मगर, रात में ही यहां से अधिकतर को हटा दिया गया। कुछ के परिजन उन्हें साथ ले गए। शुक्रवार को जब मुकेश के परिजन वहां हंगामा कर रहे थे, तब केंद्र में अंदर 15-16 मरीज थे। सुबह से वे भूखे ही रहे। कर्मचारी भाग गए तो रसोई भी बंद थी। दोपहर में पुलिस ने उनके लिए नाश्ता भिजवाया। इंस्पेक्टर एत्माद्दौला का कहना है कि नशा मुक्ति केंद्र में बंद मरीजों के परिजन को सूचना देकर उन्हें घर भिजवाया जा रहा है।