एसएन में नि:शुल्क फैक्टर उपलब्ध
हीमोफीलिया आनुवांशिक बीमारी है। इसमें खून का थक्का जमाने वाले प्रोटीन की कमी होती है। दुर्घटना में ब्लीडिंग होने पर खून का थक्का नहीं जमता है। असहनीय दर्द होता है। कई बार इंटरनल ब्लीडिंग होने पर हाथ पैर के ज्वॉइंट में सूजन आ जाती है और दर्द होता है। हीमोफीलिया ए में फैक्टर आठ और हीमोफीलिया बी में फैक्टर नौ चढ़ाया जाता है। एसएन सहित प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में नि:शुल्क फैक्टर उपलब्ध हैं। 2015 से संचालित हीमोफीलिया सोसाइटी से 208 मरीज जुड़े हुए हैं। सोसाइटी के सचिव मनोज शर्मा ने बताया कि अक्सर मेडिकल कॉलेजों में फैक्टर खत्म हो जाते हैं। ऐसे में मरीज एक-दूसरे की मदद करते हैं। फैक्टर कहां मिल सकता है, इसकी वाट््सएप ग्रुप पर जानकारी साझा करते हैं। साथ ही एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते हैं। फिलहाल एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में हीमोफीलिया के मरीजों को फैक्टर लगाए जाते हैं।
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। प्रशांत गुप्ता ने बताया कि बाल रोग विभाग के अंडर ग्राउंड फ्लोर में डे केयर सेंटर बनाया जाएगा। इसमें मरीजों के फैक्टर लगाए जाएंगे। वहीं, फिजियोथेरेपी सेंटर भी बनाया जाएगा। इन मरीजों के हाथ पैर टेढ़े हो जाते हैं, सेंटर में मरीजों की नि:शुल्क फिजियोथेरेपी की जाएगी, जिससे वे बेहतर ङ्क्षजदगी जी सकें।
मेडिकल कॉलेज में डे केयर सेंटर बनाया जाएगा। इसमें मरीजों को फैक्टर लगाए जाएंगे। फिजियोथेरेपी सेंटर भी बनाया जाएगा।
- डॉ। प्रशांत गुप्ता, प्रिंसिपल, एसएनएमसी