समारोह में खाना बनाती थी महिलाएं
हादसे की खबर सुनकर दौड़ी शीला की बेटी पूनम मौके पर पहुंचकर अपनी मां को तलाश रही थी, लेकिन मौके पर मौजूद सिकंदरा इंस्पेक्टर क्राइम उत्तम चंद ने उसको आश्वासन दिया कि उसकी मां आग से झुलस गई है, जिनको उपचार के लिए हॉस्पिटल भेजा गया है। लेकिन पूनम समझ चुकी थी, कि उसकी मां की मौत हो चुकी और वो रोने लगी, पास बैठी महिलाओं से बार-बार पूछ रही थी कि मेरी मां को क्यों नहीं बचाया।

सिलेंडर के रेगुलेटर में दो पाइप लगाने में हुआ हादसा
हलवाई कैलाशी सुबह करीब 11. 30 बजेे एक डोमेस्टिक सिलेंडर के रेगुलेटर से दो चुल्हे जलाने की कोशिश कर रहा था, इसी दौरान एक चूल्हे से पाइप निकल गया, जिसमें से आग की लपटें तेजी से निकलने लगी। तेज स्पीड में निकली आग की लपटों से सीढिय़ों के नीचे सब्जी काटने का कार्य कर रही शीला और लीला बुरी फंस गई। हादसे को देख घबरा गई, आग की लपटों से बुरी तरह झुलस गईं। कुछ देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।


आग ने उठने का भी नहीं दिया मौका
सीढिय़ों के नीचे खाना बनाने का कार्य चल रहा था, प्रत्यक्षदर्शी महिला बर्फी देवी ने बताया कि आग से जली दोनों महिलाओं ने भागने की कोशिश की थी, लेकिन उनके सर पर सीढिय़ों बनी थीं जिससे वह पूरी तरह खड़ी भी नहीं हो सकी, इस बीच आग उनके कपड़ों में लग चुकी थी, जो शरीर तक पहुंच गई।

तीन फुट की दूरी पर था पानी का ड्रम
हादसे से तीन फुट की दूरी पर एक ड्रम में पानी भरा रखा था, अगर हादसे को दौरान साथी कार्य करने वालों ने हिम्मत दिखाई होती तो महिला शीला और उसकी साथी लीला की जान बच सकती थी।

हादसे को याद कर दहशत में बर्फी देवी
दुर्घटना के समय बर्र्फी देवी भी सीढिय़ों के नीचे खाना बना रही थी, लेकिन आग के दौरान अफरा-तफरी देख बर्फी देवी जान बचाकर भाग निकली, लेकिन अपने साथ काम करने वाली दो महिलाओं की मौत के बाद वो दहशत में है।


एक दिन पहले दी थी हिदायत
सुंदरवन निवासी मदन कुमार के बेटे करन और इंदर की शादी की तैयारी घर में चल रहीं थीं, करन ने बताया कि हलवाई कैलाशी को एक दिन पहले हिदायत दी थी कि वो कार्यक्रम में नशा कर न आए, लेकिन सुबह वह नशा कर ही आया था। लापरवाही के चलते हादसा हुआ है।