कमिश्नर

जिले में रोडवेज की है 550 बसें

जिले में रोडवेज की 550 बसें हैं। इन बसों का संचालन नोएडा, लखनऊ, एटा, फिरोजाबाद, कानपुर, दिल्ली सहित अन्य शहरों के लिए होता है। एक बस से हर दिन औसत 18 हजार रुपये का राजस्व मिलता है। तीन माह पूर्व कमिश्नर अमित गुप्ता ने डग्गेमार बसों के सर्वे का आदेश दिया था। इसी आधार पर रोडवेज के अधिकारियों ने सर्वे किया। इसी में 150 डग्गेमार बसें मिली हैं। इनमें से 50 बसें रोडवेज के रंग में रंगी हैं। आइएसबीटी के पास से हर दिन 90 बसों का संचालन होता है। सबसे अधिक बसें पलवल, एटा, हाथरस, फिरोजाबाद, नोएडा के लिए चलती हैं। 34 बसों का संचालन ईदगाह बस डिपो के पास से फतेहपुरसीकरी, धौलपुर सहित अन्य शहरों के लिए चलती हैं जबकि बिजलीघर डिपो के पास से 26 बसों का संचालन होता है। यह बसें सैंया, ग्वालियर सहित अन्य शहरों के लिए चलती हैं। रोडवेज के एक अधिकारी ने बताया कि आइएसबीटी से हर दिन 25 से 27 हजार यात्री सफर करते हैं। इसी के चलते इसके पास से सबसे अधिक बसें चलती हैं।

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सीसीटीवी कैमरे का नहीं किया जा रहा प्रयोग

भगवान टाकीज चौराहा, खंदारी, वाटरवक्र्स चौराहा में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इससे डग्गेमार बसों को आसानी से पकड़ा जा सकता है लेकिन संयुक्त टीम इस पर ध्यान नहीं देती है।

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रोडवेज के रंग में रंगी हैं बसें : डग्गेमार बसों को रोडवेज के रंग में रंग दिया गया है। बसों की पहचान आसानी से नहीं हो पाती है। जल्दबाजी में यात्री ऐसी बसों में बैठ जाते हैं।

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छह माह में 50 बसें सीज : परिवहन विभाग, यातायात पुलिस और परिवहन निगम की संयुक्त टीम ने छह माह में 50 डग्गेमार बसों को सीज किया है। सबसे अधिक 35 बसें नेशनल हाईवे-19 पर सीज की गई हैं। वर्ष 2022 में 90 डग्गामार बसों को सीज किया गया। इसमें सबसे अधिक 73 बसें नेशनल हाईवे पर सीज की गईं। वर्ष 2021 में 78 बसों को सीज किया गया।

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- जिले में 150 डग्गामार बसों का संचालन हो रहा है। हर दिन 27 लाख रुपये का नुकसान होता है। संयुक्त टीम डग्गेमार बसों पर लगातार कार्रवाई कर रही है।

बीपी अग्रवाल, क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज

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- डग्गेमार बसों की धरपकड़ के लिए संयुक्त टीम गठित है। आठ से दस दिनों में कार्रवाई के प्रगति की समीक्षा की जाएगी।

अमित गुप्ता, कमिश्नर