स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में 14 कॉम्बिनेशन (एक से अधिक साल्ट का मिश्रण) दवाओं पर रोक लगी है। इसमें खांसी में इस्तेमाल होने वाला कोडीन सिरप शामिल है, इसका इस्तेमाल नशे के लिए किया जाता है। शहर के फव्वारा दवा बाजार से इन दवाइयों की पंजाब, हरियाणा, दिल्ली से लेकर बांग्लादेश तक आपूर्ति की जाती है। वहीं, दर्द और बुखार में दी जाने वाली निमेसुलाइड पैरासीटामोल टैबलेट हर मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध है। बुखार के मरीजों में दवा खूब लिखी जाती है, बच्चों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। थोक और खुदरा दवा बाजार की एसोसिएशन के पदाधिकारियों के अनुसार थोक और खुदरा बाजार में इन दवाओं का करीब 10 करोड़ रुपए से ज्यादा का स्टाक है। वहीं, इन साल्ट की जेनेरिक दवाएं भी खूब बिकती हैं।
14 दवाओं की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। कोई इन दवाओं की बिक्री नहीं करेगा, इन दवाओं को बेचते हुए पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
एके जैन, सहायक औषधि आयुक्त

दवा कंपनियों ने तीन महीने से इन दवाओं की आपूर्ति कम कर दी थी, जिन सिरप और दवाओं पर रोक लगाई गई है उनकी बिक्री बंद कर दी है। दुकानदार बिक्री करते हैं तो खुद जिम्मेदार होंगे।
पुनीत कालरा उपाध्यक्ष आगरा फार्मा एसोसिएशन

आईएमए के सभी सदस्यों से अपील है कि वे जिन दवाओं पर रोक लगाई गई है उन्हें पर्चे पर न खिलें। इसका पालन पूरी तरह से किया जाएगा, जिससे मरीजों को परेशानी न हो।
पंकज नगाइच, सचिव आईएमए, आगरा

ये दवाएं खूब बिकती हैं, ब्रांडेड के साथ ही जेनेरिक दवाओं का स्टॉक बहुत अधिक है। दवा कंपनियों को इन दवाओं को वापस किया जाएगा। बिक्री नहीं की जाएगी।
आशीष ब्रहृमभट्ट जिलाध्यक्ष आगरा रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन