बारिश में जलभराव बना नासूर
शहर में कई ऐसी समस्याएं हैं, जिनका वर्षों से समाधान नहीं हो सका है। बाजार हो या फिर कॉलोनी, आज भी कुछ देर की बारिश में पानी से लबालब हो जाते हैं। शहर की कई सरकार और मेयर बदल गए लेकिन, इस समस्या का निस्तारण नहीं हो सका। बिजलीघर, राजामंडी हो या फिर एमजी रो-2, काजीपाड़ा, मोहनपुरा आदि क्षेत्र हों, बारिश में यहां जलभराव होना सामान्य बात है।
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साफ-सफाई के दावे कई, हकीकत से दूर
शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर अक्सर दावे किए जाते हैं। निगम के जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारी तक शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर कई आंकड़े गिना देते हैं। लेकिन धरातल पर स्थिति इससे अलग है। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन अब भी शहर में एक समस्या है। इस दौरान कूड़ा कलेक्शन के नाम पर घोटाले का दाग भी नगर निगम के ऊपर लग चुका है। ऐसे में शहर की नई सरकार के सामने
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निगम में शिकायतों की नहीं होती सुनवाई
पानी की किल्लत हो या फिर आवारा पशुओं की समस्या, नगर निगम की ओर से सभी के लिए हेल्पलाइन नंबर तो जारी कर दिए गए हैं। लेकिन समस्या का निस्तारण कार्यालयों में एप्लीकेशन देने के बाद भी नहीं होता है। पानी से लेकर सड़क निर्माण तक को लेकर रोज सैकड़ों की संख्या में फरियादी पहुंचते हैं। ऐसे में इनकी समस्याओं का निस्तारण कराने की भी शहर की सरकार के सामने चुनौती होगी।