आगरा(ब्यूरो)। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 के अनुसार आगरा में 15 से 49 साल के 67.7 परसेंट लोग कॉन्ट्रासेप्शन के किसी भी मेथड का इस्तेमाल करते हैैं। इसके साथ ही 47.1 परसेंट लोग मॉडर्न मेथड का यूज करते हैैं। वहीं 20 परसेंट महिला नसबंदी करवाती हैैं। 0.1 परसेंट पुरुष नसबंदी कराकर परिवार नियोजन में सहभागिता करते हैैं। 2.4 परसेंट लोग आईयूसीडी-पीपीआईयूसीडी यूज करते हैैं। 4.2 परसेंट लोग कॉन्ट्रासेप्टिव पिल का यूज करते हैैं। 18.7 परसेंट लोग कंडोम का यूज करते हैैं। वहीं 1.4 परसेंट लोग इंजेक्टेबल कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल करते हैैं।
चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि परिवार नियोजन के विभिन्न साधन (कॉन्ट्रासेप्शन) सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध है। सभी लोग अपनी फैमिली की प्लानिंग करें। इसके लिए परिवार नियोजन के साधनों का यूज करें। किसी भी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर या क्षेत्रीय आशा के जरिए आप इन साधनों का यूज कर सकते हैैं।
सीनियर गायनोकोलॉजिस्ट और फैमिली प्लानिंग एक्सपर्ट डॉ। सुनीता भागिया ने बताया कि दो बच्चों में तीन साल का अंतर रखना चाहिए। इससे मां और बच्चा दोनों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। यदि दो बच्चों में परिवार नियोजन का यूज नहीं करते हैैं तो महिलाओं और बच्चों में खून की कमी, वजन की कमी, कुपोषण, इम्युनिटी कमजोर होना, प्री-टर्म बर्थ होने पर होने वाले नुकसान आदि सामने आते हैैं। इससे बचने के लिए कॉन्ट्रासेप्शन का यूज करें। जिन लोगों की फैमिली कंप्लीट हो गई है या फैमिली प्लानिंग कर रहे हैैं तो कॉन्ट्रासेप्टिव यूज कर कर सकते हैैं।
आर्थिक मदद का भी प्रावधान
- महिला नसबंदी कराने पर 1400 रुपए डीबीटी के माध्यम से दिए जाते हैैं
- पुरुष नसबंदी कराने के लिए तीन हजार रुपए डीबीटी के माध्यम से दिए जाते हैैं।
- सरकारी क्षेत्र में यह है मुफ्त।
- प्राइवेट क्षेत्र में भी यह अवेलेबल है
खुशहाल फैमिली के लिए इन बातों का रखें ध्यान
- दो बच्चों में तीन साल का अंतर होना चाहिए
- इससे मां और बच्चा दोनों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है
- इससे मातृ व शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है।
फैमिली प्लानिंग न करने पर होते हैैं दुष्परिणाम
खून की कमी
वजन की कमी
कुपोषण होता है
इम्युनिटी कम
बीमार जल्दी होते हैैं।
प्री-टर्म बर्थ आदि से बचाव हो सकता है
यह है कॉन्ट्रासेप्शन
कंडोम
गर्भनिरोधक गोली
कॉपर टी( पांच साल व दस साल)
इंजेक्टेबल कॉन्ट्रासेप्टिव (डीएमपीए- अंतरा)
साप्ताहिक गोली( छाया नॉन हार्मोनल, बच्चे को दूध पिलाने वाली महिला यूज कर सकती हैैं)
पुरुष नसबंदी
महिला नसबंदी
कैंसर से बचाव भी
डॉ। भागिया ने बताया कि डीएमपीए इंजेक्शन लगवाने से अनचाहे गर्भ होने से आजादी तो मिलती ही है, इसके साथ ही कुछ फायदे भी होते हैैं। यह खून की कमी, गर्भाशय, अंडाशय के कैंसर से बचाता है। पेड़ू पर सूजन आने से बचाता है। यह सरकारी अस्पताल में मुफ्त उपलब्ध है। मार्केट में भी यह 100 से 300 रुपए में अवेलेबल है। यह हर तीन माह पर लगवा सकते हैैं।
यह कहता है डाटा
67.7 परसेंट लोग कर रहे किसी भी मेथड का इस्तेमाल
47.1 परसेंट लोग करते हैैं मॉडर्न मेथड का यूज
20 परसेंट महिला नसबंदी का करते हैैं इस्तेमाल
0.1 परसेंट पुरुष नसबंदी करते हैैं लोग
2.4 परसेंट लोग आईयूसीडी-पीपीआईयूसीडी करते हैैं यूज
4.2 परसेंट लोग करते हैैं पिल का सेवन
18.7 परसेंट लोग करते हैैं कंडोम का उपयोग
1.4 परसेंट लोग इंजेक्टेबल कॉन्ट्रासेप्टिव का करते हैैं इस्तेमाल
परिवार नियोजन के विभिन्न साधन (कॉन्ट्रासेप्शन) सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध है। फैमिली प्लानिंग करने से जच्चा व बच्चा का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है।
- डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ
सभी लोग अपनी फैमिली की प्लानिंग करें। इसके लिए परिवार नियोजन के साधनों का यूज करें। आपके हिसाब से कई सारे कॉन्ट्रासेप्शन के ऑप्शन मौजूद हैैं।
- डॉ। सुनीता भागिया, सीनियर गायनोकोलॉजिस्ट