आगरा(ब्यूरो)। हाईवे पर आईएसबीटी के सामने फ्लाईओवर का निर्माण इस उम्मीद के साथ कराया गया कि अब यहां जाम नहीं लगेगा। हाईवे से गुजरने वाले वाहन रफ्तार पकड़ेंगे। हादसों पर अंकुश लग सकेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फ्लाईओवर तो बना, लेकिन इसके साथ ही हादसों की संख्या में भी इजाफा होता गया। शायद ही कोई ऐसा दिन जाता हो जब इस स्पॉट पर वाहन नहीं टकराते हों। जब कोई बड़ा हादसा होता है तो मामला अधिकारियों तक पहुंचता है। नहीं तो रोज वाहन चालकों में कहासुनी के बाद मामला निपट जाता है।
डग्गेमार बस बन गईं मुसीबत
हाईवे पर आईएसबीटी कट के पास डग्गेमार बसों की भरमार रहती है। यहां रोज हजारों की संख्या में सवारियों का आवागमन रहता है। इसलिए डग्गेमार बसों का सबसे अधिक जमघट यहां रहता है। ये डग्गेमार इस तरह बेखौफ रहते हैं कि हाईवे की लेन को घेरकर बसें खड़ी कर देते हैं। ऐसे में भगवान टॉकीज की ओर से तेज स्पीड में आ रहे वाहन कई बार दुर्घटनाग्रस्त होने से बचते हैं।
रोडवेज बसें भी नहीं पीछे
सिर्फ डग्गेमार ही नहीं, बल्कि रोडवेज बसों का भी हाईवे पर जमावड़ा रहता है। एक रोडवेज अधिकारी ने बताया कि आईएसबीटी पर बड़ी संख्या में बाहर से दूसरे डिपो की बसें आती हैं। बाहरी डिपो की बसें भी हाईवे को घेरे रहती हैं। इसको लेकर कई बार कार्रवाई भी की जाती है। हाईवे पर खड़ी होने वाली बसों में सबसे अधिक संख्या एटा और कासगंज डिपो की है।
विभाग की ओर से लगातार अभियान चलाया जाता है। कल ही तीन डग्गेमार बसों को सीज कराया गया। डिपो की बसें हाईवे पर खड़े करने पर पेनल्टी लगाई जाती है। लगातार कार्रवाई की जाती है।
जयकरन, एआरएम
कितने और हादसों का इंतजार है! सोशल मीडिया पर लोगों ने हादसे के बाद जताया आक्रोश
आगरा. मैं रोज आईएसबीटी के सामने हाईवे से गुजरता हूं। शायद ही कभी ऐसा हुआ हो जब वाहन की ब्रेक न लगानी पड़े। फ्लाईओवर से उतरते ही हाईवे की मेन लेन पर ही यमराज के रूप में बसों का जमावड़ा रहता है। मैं खुद कई बार इस स्पॉट हादसे का शिकार होने से बचा हूं। अब तो इस रास्ते से गुजरने में भी डर लगता है। पता नहीं कितने हादसों का इंतजार है! ये डर खंदारी निवासी शैलेष का ही नहीं है, बल्कि उनकी तरह रोज इस जगह से गुजरने वाले लोग इसी डर के साथ यहां से गुजरते हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने भी सोशल मीडिया के जरिए आईएसबीटी के सामने इस स्पॉट को लेकर लोगों की राय जानी तो अधिकतर ने माना यहां से गुजरने में हादसे की आशंका बनी रहती है।
ऐसा नहीं कभी जाम न मिले
महर्षिपुरम निवासी प्रबल सिंह बताते हैं कि वह मथुरा में जॉब करते हैं। वह रोजाना अपने साथी को लेने के लिए धूलियागंज जाते हैं। उनका कहना है कि रोज आगरा से जॉब के लिए अप-डाउन करते हैं। शायद ही ऐसा कोई दिन हो जब आईएसबीटी के सामने जाम न मिले। कभी-कभी पुलिसकर्मी भी दिखते हैं तो वह सर्विस रोड तक सीमित रहते हैं। हाईवे पर सवारी वाहनों का जमावड़ा रहता है। फ्लाईओवर से आने वाले तेज स्पीड में होते है। इससे कई बार वाहनों के टकराने की स्थिति बन जाती है।
सोशल मीडिया पर आए कोट
आईएसबीटी पर अक्सर जाम के हालात रहते हैं। हादसे भी इसी की वजह हैं। हाल ही में इस जगह पर कई हादसों के बारे में सुन चुके हैं। अक्सर बसों समेत अन्य सवारी वाहनों का भी जमघट यहां से हटा दिया जाए तो काफी हद तक राहत मिल सकती है।
मुकेश सिंह
पुलिसकर्मी आईएसबीटी के सामने दिखते हैं, लेकिन वह हाईवे पर खड़े सवारी वाहनों को हटाने का कोई प्रयास नहीं करते। इसके चलते जाम और हादसे की आशंका बनी रहती है। इस संबंध में आला अधिकारियों को संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।
संदीप तिवारी
आईएसबीटी पर इस तरह का पहला हादसा नहीं है। अक्सर हादसे होते हैं। लेकिन जब जनहानि हो जाती है तो मामला बड़ा हो जाता है। यहां हादसों को रोकने के लिए आला अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए। जिससे हादसों पर अंकुश लग सके।
ब्रजेश शर्मा
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने चलाया अभियान
हाईवे पर आईएसबीटी के सामने जाम और हादसे की आशंका को लेकर हाल ही में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की ओर से अभियान चलाया गया। जिस पर संज्ञान लेते हुए पुलिस प्रशासन ने हाईवे से वाहनों हटाने के साथ चालान की कार्रवाई भी की थी। लेकिन कुछ दिनों बाद ही संबंधित विभागों ने आंखें मूंद लीं। हालात पुराने ढर्रे पर लौट गए।