आगरा (ब्यूरो) । नीरी को तीन महीने के अंदर ताज के 500 मीटर के दायरे में व्यापार से ताज पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, इसका सर्वे कर रिपोर्ट सौंपनी होगी। 26 सितंबर को ताजगंज पश्चिमी गेट पार्किंग मार्केट एसोसिएशन और एनसी मेहता द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आगरा विकास प्राधिकरण को ताजमहल के 500 मीटर की परिधि में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। आदेश पर अमल करते हुए आगरा विकास प्राधिकरण ने दुकानों को चिह्नित कर नोटिस जारी कर दिए थे। इसमें 17 अक्टूबर तक कमर्शियल एक्टिविटी बंद करने के आदेश जारी किए। जिसके बाद ताजगंज के 500 मीटर के दायरे में व्यापार करने वालों की रोजी-रोटी पर संकट मंडराने लगा। व्यापारियों ने ताजगंज डेवलपमेंट फाउंडेशन के नाम से संस्था बनाई। व्यापारियों द्वारा मुख्यमंत्री, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से अनुरोध करने पर उन्हें सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखने के लिए 3 माह की मोहलत दी गई थी।


नीरी से मांगी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने नीरी (नेशनल एनवायरनमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट) से सर्वे कर रिपोर्ट मांगी है। नीरी सर्वे करेगी की इन व्यवसायिक गतिविधियों से ताजमहल को कोई नुकसान तो नहीं हो रहा है। इससे दुकानदारों को कोई परेशानी नहीं होनी है, क्योंकि सभी दुकानों द्वारा कोई प्रदूषण फैलाने वाला काम नहीं किया जाता है।

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ताजगंज के व्यापारियों को बुधवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी आदेश के बाद बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने आगरा विकास प्राधिकरण को नोटिस वापस लेने के निर्देश दिए हैं। इससे हजारों की संख्या में कारोबारियों के सामने रोजी-रोटी छिनने का संकट दूर हो गया।
नितिन सिंह, अध्यक्ष, ताजगंज डेवलपमेंट फाउंडेशन


प्रभावित पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में एक घंटे तक जिरह हुई। इसके बाद कोर्ट ने व्यापारियों के पक्ष में आदेश जारी करते हुए एडीए को नोटिस वापस लेने के आदेश दिए। ये व्यापारियों के लिए बड़ी राहत है। साथ ही नीरी से सर्वे कर तीन महीने में रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
एडवोकेट केशो मेहरा, पूर्व विधायक

सुप्रीम कोर्ट ने ताजगंज के व्यापारियों के पक्ष में फैसला सुनाया है। एडीए को नोटिस विड्रॉ करने के आदेश दिए हैं। ये बहुत बड़ी राहत है।
एडवोकेट शालिनी शर्मा, ताजगंज वेलफेयर फाउंडेशन