अज्ञात वाहन की चपेट में आए स्कूटी सवार
थाना बमरौली कटारा क्षेत्र स्थित आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के किलोमीटर तीन पर रात के समय रॉग साइड में चल रही स्कूटी को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। हादसे में स्कूटी सवार दोनों लोगों की मौत हो गई। राहगीरों ने घटना की सूचना थाना पुलिस को दी। मौके पर थानाध्यक्ष बमरौली कटारा पुलिस फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंच गए। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। दुर्घटनाग्रस्त स्कूटी को पुलिस ने किनारे करवाया।
पुलिस ने की मृतकों की शिनाख्त
पुलिस ने बताया कि हादसे का शिनाख्त दोनों युवकों की पहचान हो चुकी है, उनके परिजनों को पीएम के बाद शव सौंप दिया गया है। मृतकों की पहचान ताजमहल पश्चिमी गेट निवासी आबेश खान पुत्र तसलीम खान, व सहराज खान पुत्र अबरार खान के नाम से की गई है। उनकी उम्र लगभग 30 से 35 वर्ष के बीच में है। वहीं थानाध्यक्ष बमरौली कटारा विकास राणा ने बताया कि परिजनों को शिनाख्त के बाद खबर की थी, वहीं, दोनों की मौत की खबर सुनकर घर में मातम छा गया।
बॉक्स
तेज स्पीड से जान का सीधा खतरा
क्या केवल 5 मिनट की देर के लिए कोई अपनी जान से खिलवाड़ कर सकता है? इस सवाल को जितने लोगों से पूछा जाएगा उनका जवाब न ही आएगा। लेकिन क्या प्रैक्टिकली ऐसा होता है। इसका जवाब भी न ही है। यहां पर बात की जा रही है गाड़ी की स्पीड और उससे होने वाले खतरों को लेकर। हाल ही में आई एक रिपोर्ट से मिले आंकड़ों ने इस बात को खुलकर सामने एक बार फिर रख दिया कि तेज रफ्तार जान को सीधा खतरा है। जैसे जैसे आपका पैर एक्सिलरेटर पर दबेगा वैसे वैसे जिंदगी की संभावनाओं पर ब्रेक लगते दिखेंगे।
दुर्घटना में मौत की संभावना लगभग नहीं
एक छोटी कैलकुलेशन ने इस पूरे मसले को असानी से समझाने में मदद की है। उदाहरण के लिए अगर आप हाईवे पर 80 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से गाड़ी चलाते हैं तो 25 किमी का सफर पूरा करने में 12 मिनट का समय लगेगा और इस दौरान दुर्घटना में मौत की संभावना लगभग नहीं होगी।
हादसे की संभावना 12 गुना
हालांकि यही रफ्तार जब 136 किमी प्रति घंटे की होगी तो आप 25 किमी का सफर पूरा करने में आपको 7 मिनट का समय लगेगा और इस दौरान आप 4.57 मिनट तो बचाएंगे लेकिन हादसे के दौरान मौत की संभावनाएं 12 गुना हो जाएंगी।
तेज रफ्तार और मौत जानें कारण
स्पीड और मौत की संभावना का सीधा और साइंटिफिक कारण है रिएक्शन और इंपेक्ट का टाइमिंग। आसान भाषा में इसे समझें तो जब आपकी स्पीड ज्यादा होगी और किसी भी टकराव या हादसे की स्थिति में आपके रिएक्शन और उसके इंप्लीमेंटेशन में जितना समय लगेगा उतनी ही रफ्तार से गाड़ी दुर्घटना की तरफ बढ़ रही होगी।
ऐसे समझें स्पीड का पूरा गणित
स्पीड 80 किमी प्रति घंटा हो तो
-25 किमी का सफर करने में 12 मिनट का समय, हादसे में मौत की संभावना लगभग शून्य।
स्पीड 88 किमी प्रति घंटा
- 25 किमी का सफर करने में 10.54 मिनट का समय, करीब 1.6 मिनट की बचत, दुर्घटना के दौरान मौत की संभावना 1.5 गुना।
96 किमी प्रति घंटे की स्पीड
- 25 किमी के सफर में 10 मिनट का समय, दो मिनट बचेंगे, मौत की संभावना दो गुना।
105 किमी प्रति घंटे की रफ्तार
-25 किमी का सफर 9.14 मिनट में पूरा होगा। 2.46 मिनट बचेंगे और हादसे में मौत की संभावना तीन गुना होगी।
112 किमी प्रति घंटे की स्पीड
-25 किमी। का सफर, 8.34 मिनट का समय लगेगा, 3.26 मिनट की बचत होगी। हालांकि मौत की संभावना 4 गुना बढ़ जाएगी।
120 किमी प्रति घंटे की स्पीड
- 8 मिनट के समय में 25 किमी। का सफर तय होगा, 4 मिनट बचेंगे, 6 गुना होगी मौत की संभावना।
128 किमी प्रति घंटे की स्पीड
-7.30 मिनट का समय लगेगा 25 किमी। तय करने में, 4.30 मिनट बचेंगे, 8 गुना होगी मौत की संभावना।
136 किमी। प्रति घंटे की स्पीड
-7.20 मिनट में तय होगा 25 किमी। का सफर, 4.57 मिनट बचेंगे लेकिन मौत की संभावना बढ़ कर 12 गुना हो जाएगी।